About Author: स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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जो लोग मांस, शराब और हाई प्रोटीन आहार का सेवन करते हैं, वे भी गाउट का शिकार होते हैं। असंतुलित आहार-विहार, व्यायाम एवं परिश्रम न करना भी इस रोग को बढ़ावा देता है। इसमें दवाओं से ज्यादा जीवनशैली में बदलाव अधिक कारगर है।
अथर्ववेद और सूर्योपनिषद जैसे ग्रंथों में सूर्य को सर्वोच्च ऊर्जा के रूप में वर्णित किया गया है। इसका लाल रंग जीवन शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है। पौष महीने में सूर्य को परब्रह्म या प्रत्यक्ष देव के रूप के रूप में पूजा जाता है।
सर्दियों में राइनो वायरस की सक्रियता बढ़ जाती है। इससे खांसी, जुकाम के साथ फेफड़ों में इंफेक्शन और सांस की नली में सूजन से सांस फूलने (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-सीओपीडी) की दिक्कत बढ़ जाती है।
आदि गुरु शंकराचार्य ने महानिर्वाणी अखाड़ा की स्थापना प्रयागराज में की थी। यह सबसे बड़े अखाड़ों में से एक है और इसका मुख्यालय प्रयागराज में है। इसे औपचारिक रूप से श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी (Mahanirvani Akhara Prayagraj) के रूप में पंजीकृत किया गया। यह नागा साधुओं और संन्यासियों का अखाड़ा है
नागवासुकी कथा का वर्णन स्कंद पुराण, पद्म पुराण, भागवत पुराण और महाभारत में भी मिलता है। समुद्र मंथन की कथा के अनुसार, जब देव और असुर, भगवान विष्णु के कहने पर सागर मथने के लिए तैयार हुए तो मंदराचल पर्वत मथानी और नागवासुकी को रस्सी बनाया गया था।
बार-बार रक्तदान करने वालों में लीवर, फेफड़े, कोलन, पेट और गले के कैंसर का जोखिम कम होता है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये निष्कर्ष सभी पर लागू नहीं होते हैं। मरीजों को अपने आयरन के स्तर और रक्तदान के बारे में डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
मां पर कविताओं के जरिए दिल-दिल में जगह बनाने वाले फऱीदाबाद के दिनेश रघुवंशी का काव्य पाठ 8 फरवरी और 22 फरवरी को कुमार विश्वास का काव्य पाठ होना प्रस्तावित है। 'तारक मेहता' के किरदार के रूप में घर-घर में पसंद किए जाने वाले शैलेष लोढ़ा भी महाकुंभ में अपनी कविताओं की छाप छोड़ेंगे।
भगवद्गीता का प्रभाव पूरी दुनिया में है। गीता की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यह व्यक्ति को हर तरह के संशय से बाहर निकलने में सक्षम है। यह ग्रंथ जीवन के सही मायनों को पूरी वास्तविकता के साथ सामने रखती है। इसके श्लोकों से भारत के ही नहीं विदेश के महापुरुष भी सकारात्मक रूप से प्रभावित हैं।
ध्यान से भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। नकारात्मक भावनाओं को कम कर यह तनाव मुक्त करता है। ध्यान तनाव को प्रबंधित करने के लिए कौशल का निर्माण करता है।
माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने वाले भक्तों को शांति, समृद्धि और जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। भगवान उनकी आध्यात्मिक इच्छाओं को पूर्ण करते हैं। यह एकादशी विशेष रूप से मोक्ष प्राप्त करने का अंतिम लक्ष्य रखती है।