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बंगाल के हजारों शिक्षकों की क्यों गई नौकरी

बंगाल के हजारों शिक्षकों की क्यों गई नौकरी

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Wednesday, April 24, 2024

bengal ke hajaro shikshako ki kyo gai naukari
bengal ke hajaro shikshako ki kyo gai naukari

ईडी ने 23 जुलाई 2022 को पश्चिम बंगाल के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया था।

पश्चिम बंगाल के करीब 25 हजार शिक्षकों एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अवैध घोषित कर दिया है। उच्च न्यायालय ने अवैध तरीके से भर्ती हुए इन लोगों को छह सप्ताह के भीतर ब्याज सहित अब तक लिये वेतन लौटाने का निर्देश भी दिया है। हालांकि उच्च न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। यहां ममता सरकार और शिक्षकों को राहत मिलेगी या नहीं यह देखना होगा।

रद्द की गई सभी नियुक्तियां 2016 में हुई थी। आरोप है कि उस समय के शिक्षा मंत्री एवं विभाग के उच्चाधिकारियों ने पैसे लेकर यह भर्ती की थी। इसी मामले में बंगाल के तत्कालीन मंत्री पार्थ चटर्जी दो साल से जेल में हैं। उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है। इनके साथ बंगाल शिक्षा विभाग के कई उच्चाधिकारी एवं पार्थ चटर्जी के करीबी भी जेल में हैं। इनके करीबियों में अर्पिता मुखर्जी भी हैं, जिनके घर से उस समय करीब 50 करोड़ रुपए नगद एवं करोड़ों के जेवरात मिले थे। तब इन्होंने कहा था कि यह पैसा और जेवरात पार्थ चटर्जी के हैं।

chief minister of bengal mamata banerjee

 ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल 

दरअसल, बंगाल के स्कूल सेवा आयोग ने 2016 में सरकार से वित्त पोषित और समर्थित स्कूलों के कक्षा 9, 10, 11 और 12 के लिए शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। वर्ष 2017 में इसका परिणाम घोषित किया गया। इसमें सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम टॉप 20 में था। बाद में आयोग ने उस सूची को रद्द कर दी और 16 अंक पाने वाली अंकिता अधिकारी टॉप हो गईं। ज्ञात हो कि अंकिता ममता कैबिनेट के मंत्री परेश अधिकारी की पुत्री है। इसी के खिलाफ बबीता सहित कई परीक्षार्थी कलकत्ता उच्च न्यायालय चले गए। उच्च न्यायालय ने इसकी जांच सीबीआई को करने के आदेश दिए।

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला होने के कारण इसकी जांच सीबीआई के साथ-साथ ईडी भी करने लगी। जांच के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को इस पर नजर रखने को कहा। उसके बाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने इसकी सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की दो सदस्यीय कमिटी बनाई। इसी खंडपीठ ने सुनवाई के बाद 22 अप्रैल को यह फैसला सुनाया। खंडपीठ ने सीबीआई से तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट भी मांगी है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग को अगले 15 दिनों में नई नियुक्तियां शुरू करने का भी निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक 24,640 रिक्त पदों के लिए 2016 में 23 लाख से अधिक युवा परीक्षा में शामिल हुए थे। तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ही बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया था।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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