अनिल अंबानी की मुश्किल बढ़ी, आज टूट गए समूह के शेयर
Authored By: Suman
Published On: Wednesday, August 13, 2025
Last Updated On: Wednesday, August 13, 2025
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) ने अनिल अंबानी की एक निपटान याचिका खारिज कर दी है जिसके बाद उन पर 1,828 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लग सकता है.
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Last Updated On: Wednesday, August 13, 2025
अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. एक मुसीबत खत्म होती हो तो दूसरी शुरू हो जाती है. (Anil Ambani shares fall) अब भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अनिल अंबानी की एक निपटान याचिका खारिज कर दी है जिसके बाद उन पर 1,828 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लग सकता है. इसकी वजह से बुधवार को अनिल अंबानी समूह (Anil Ambani Group) के शेयर टूट गए.
रिलायंस पावर (Reliance Power) रिलायंस इन्फ्रा (Reliance Infra) के शेयर आज 5 फीसदी से ज्यादा टूट गए. मंगलवार को रिलायंस पावर का शेयर 43.89 रुपये पर बंद हुआ था. आज सुबह यह 44 रुपये पर खुला और थोड़ी ही देर में टूटकर 41.70 रुपये पर चला गया. इसी तरह रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर मंगलवार को 271.10 रुपये पर बंद हुआ था. बुधवार को यह 269 रुपये पर खुला और थोड़ी ही देर में गिर कर 257.55 तक चला गया.
क्या है मामला
अनिल अंबानी की जो याचिका सेबी ने खारिज की है वह यस बैंक में निवेश से संबंधित आरोपों से जुड़ी है. इस याचिका के खारिज होने की वजह से उन पर करीब 1,828 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है.
अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस म्यूचुअल फंड ने 2016-19 के बीच यस बैंक के एडिशनल टियर 1 बॉन्ड में 2,150 करोड़ रुपये का निवेश किया था. साल 2020 में जब यस बैंक दिवालिया घोषित हो गया तो इस रकम को बट्टे खाते में डाल दिया गया. साल 2019 में निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने रिलायंस म्यूचुअल फंड को खरीद लिया.
क्या है घपला
सेबी की नोटिस में कहा गया है कि जांच से पता चलता है कि यह निवेश क्विड प्रो क्वो (Quid Pro Quo) यानी एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का मामला है. अनिल अंबानी समूह को अनिल अंबानी समूह की अन्य कंपनियों को कर्ज दिलाया गया और उसके बदले ही एटी 1 बॉन्ड में अनिल अंबानी की कंपनी ने निवेश किया.
सेबी ने कहा कि फंड हाउस के इस कदम से निवेशकों को करीब 1,828 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. SEBI की आगे की कार्रवाई में जुर्माना लगाना भी शामिल हो सकता है. SEBI ने अपनी जांच से संबंधित सभी तरह के निष्कर्षों को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के साथ भी शेयर किया है.
बता दें कि अनिल अंबानी को यस बैंक के दिवालिया होने के बाद कड़ी जांच का सामना करना पड़ रहा है, जो पहले अंबानी की कंपनियों से जुड़ा एक प्रमुख ऋणदाता था. सेबी के डॉक्युमेंट्स में साफ कहा गया है कि निर्धारित आंतरिक नीति और इससे संबंधित प्रक्रिया के अनुपालन में चूक हुई है और निवेश करते समय आंतरिक जोखिम को भी दरकिनार किया गया है.
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