पहले दिन ही निवेशकों को 75 फीसदी रिटर्न, Highway Infra के IPO ने किया कमाल
Authored By: Suman
Published On: Tuesday, August 12, 2025
Last Updated On: Tuesday, August 12, 2025
Highway Infra आईपीओ के तहत कंपनी ने अपने शेयरों के लिए इश्यू प्राइस 70 रुपये तय किया था. बीएसई पर मंगलवार को इसका शेयर 117 रुपये पर लिस्ट हुआ.
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Last Updated On: Tuesday, August 12, 2025
Highway Infra IPO: हाईवे इन्फ्रा के शेयरों की मंगलवार, 12 अगस्त को शेयर बाजार में शानदार लिस्टिंग हुई है. यह आईपीओ में तय इश्यू कीमत के 67 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुआ और कुछ ही देर में इसमें 75 फीसदी तक बढ़त आ गई.
Highway Infra आईपीओ के तहत कंपनी ने अपने शेयरों के लिए इश्यू प्राइस 70 रुपये तय किया था. बीएसई पर मंगलवार को इसका शेयर 117 रुपये पर लिस्ट हुआ यानी इश्यू प्राइस से 67.14 फीसदी ज्यादा. इसी तरह एनएसई पर यह शेयर 115 रुपये पर लिस्ट हुआ.
लिस्टिंग के बाद भी यह पांच फीसदी का उछाल लेकर 122.84 रुपये तक पहुंच चुका है जिसके बाद इसमें अपर सर्किट लग गया. कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 881 करोड़ रुपये हो चुका है.
हाईवे इन्फ्रा का आईपीओ पिछले हफ्ते 5 अगस्त को खुला था और इसमें सब्सक्रिप्शन 7 अगस्त को बंद हुआ था. कंपनी ने इस आईपीओ के जरिये 130 करोड़ रुपये जुटाए हैं हालांकि उसे इश्यू से 300 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल हुआ है. इसके लिए प्राइस बैंड 65 से 70 रुपये था.
आईपीओ से पहले ही कंपनी ने एचडीएफसी बैंक, अबान्स फाइनेंस लिमिटेड जैसे एंकर इन्वेस्टर्स से 23.40 करोड़ रुपये जुटा लिए थे. कंपनी इस रकम का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल जरूरतों और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी.
कंपनी के आईपीओ के लिए पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स बुक रनिंग लीड मैनेजर थे, जबकि बिगशेयर सर्विसेज ने इस इश्यू के लिए रजिस्ट्रार की भूमिका निभाई थी.
क्या करती है कंपनी
साल 1995 में स्थापित हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को टोल कलेक्शन और ईपीसी इन्फ्रा प्रोजक्ट के क्रियान्वयन में 30 साल का का अनुभव है. कंपनी ने मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा और दिल्ली में इस तरह के प्रोजक्ट पूरे किए हैं. 31 मार्च 2025 तक कंपनी के पास करीब 666 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड ऑर्डर बुक है जिसमें 59.5 करोड़ टोल के लिए और 606 करोड़ रुपये ईपीसी इन्फ्रा डिवीजन के लिए है.
जुलाई के अंत से ही शेयर बाजार में धड़ाधड़ आईपीओ आने शुरू हुए हैं और यह सिलसिला अगस्त में भी जारी है. आईपीओ को यह सफलता ऐसे समय में मिल रही है जब ट्रंप शुल्क और अन्य वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से शेयर बाजारों की हालत खराब है. भारतीय शेयर बाजार में हाल के दिनों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है. इसकी वजह से ही निवेशकों को निवेश का ज्यादा विकल्प नहीं दिख रहा है. ऐसे में आईपीओ में लोग खूब पैसे लगा रहे हैं. आईपीओ में ज्यादातर निवेशक लिस्टिंग गेन के लिए पैसे लगा रहे हैं. लिस्टिंग गेन का मतलब यह है कि लिस्टिंग के दिन ही 15 से 20 फीसदी प्राॅफिट हासिल कर बाहर निकल जाना है. ऐसे में अगर किसी आईपीओ में निवेशक को 75 से 80 फीसदी का प्रॉफिट मिले फिर तो उसके लिए सोने पर सुहागा जैसा है.
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