Share Market: पस्त भारतीय शेयर बाजार के लिए आई राहत की खबर, Macquarie की इस रिपोर्ट ने चौंकाया

Share Market: पस्त भारतीय शेयर बाजार के लिए आई राहत की खबर, Macquarie की इस रिपोर्ट ने चौंकाया

Authored By: Suman

Published On: Tuesday, March 11, 2025

Updated On: Tuesday, March 11, 2025

भारतीय शेयर बाजार के लिए राहत की खबर, Macquarie रिपोर्ट से हलचल
भारतीय शेयर बाजार के लिए राहत की खबर, Macquarie रिपोर्ट से हलचल

अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जो भारतीय बाजार (Indian Share Market) के लिए थोड़ी राहत की खबर दे रही है. Macquarie के अनुसार यूरोप के निवेशक भारतीय बाजार में निवेश की तैयारी कर रहे हैं.

Authored By: Suman

Updated On: Tuesday, March 11, 2025

Indian Share Market: भारतीय शेयर बाजार में हाल के महीनों की आई भारी गिरावट की एक बड़ी वजह विदेशी पोर्टफोलियो (FPI) निवेशकों की लगातार हो रही बिकवाली भी है. लेकिन अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जो भारतीय बाजार के लिए थोड़ी राहत की खबर दे रही है. Macquarie के अनुसार यूरोप के निवेशक भारतीय बाजार में निवेश की तैयारी कर रहे हैं.

पिछले चार-पांच महीनों से भारतीय शेयर बाजार की हालत खराब है. सितंबर 2024 के अपने पीक स्तर से बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) करीब 13 फीसदी टूटा है. पिछले साल अक्टूबर से ही विदेशी निवेश भारतीय बाजार की तुलना में चीन को ज्यादा महत्व देने लगे थे.

विदेशी निवेशक कर रहे बिकवाली

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले साल अक्टूबर से अब तक भारतीय बाजार से 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है. अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप की सरकार (Donald Trump government) बनने के बाद से पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल है. इस वजह से भारत जैसे बाजारों का आकर्षण कम हुआ.

अब रिपोर्ट आई है कि यूरोपीय संघ से जुड़े देशों के निवेशक भारत के शेयरों में नए निवेश की तैयारी कर रहे हैं. दिग्गज वित्तीय कंपनी Macquarie की रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय निवेशक (European Investor) भारतीय बाजार के लिए अपने अंडरवेट पोजीशन में कटौती करेंगे और यहां नया निवेश करेंगे.

क्या कहती है रिपोर्ट

Macquarie के एनालिस्ट का कहना है कि यूरोपीय निवेशक देश में म्यूचुअल फंड के निवेश प्रवाह पर गहराई से नजर रखे हुए हैं और घरेलू निवेशकों के सेंटीमेंट की निगरानी कर रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप के 30 देशों के निवेशकों से बातचीत से पता चला है कि भारतीय बाजार में हाल में आई भारी गिरावट के बाद अब वहां के निवेशक यहां निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं. अभी यूरोप के ज्यादातर निवेशकों ने भारत के लिए अंडरवेट नजरिया रखा है. अंडरवेट का मतलब यह है कि भारतीय शेयर बाजार में निवेश से बचना है. लेकिन एनालिस्ट कहते हैं कि अब यूरोपीय निवेशक इस नजरिये में बदलाव कर सकते हैं यानी भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं.

भारत में आने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) का बड़ा हिस्सा यूरोपीय देशों से आता है. भारत में आने वाले एफपीआई निवेश वाले के टॉप 10 डेस्टिनेशन में लग्जमबर्ग, आयरलैंड, यूके, नॉर्वे और नीदरलैंड जैसे यूरोपीय देश शामिल हैं.

मैक्वेरी के एनालिस्ट का मानना है कि भारत की ग्रोथ स्टोरी अच्छी है और चीन में कई तरह की संरचनात्मक समस्याएं हैं. चीन में सिर्फ शॉर्ट टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है. कई निवेशकों का ऐसा मानना है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शेयर बाजार को धन जुटाने के एक साधन की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि अंतत: देश में खपत में सुधार हो.

नोट में कहा गया है कि यूरोपीय निवेशक इस बारे में चिंतित थे कि हाल में आई गिरावट को लेकर घरेलू संस्थागत निवेशकों का क्या रुख हो सकता है और वे म्यूचुअल फंडों के मंथली एसआईपी इनफ्लो और कुल म्यूचुअल फंड निवेश पर गहराई से नजर रखे हुए थे.

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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