New Income Tax Bill 2025 संसद में हुआ पेश, टैक्सपेयर्स को होगा बड़ा फायदा

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Monday, August 11, 2025

Last Updated On: Monday, August 11, 2025

New Income Tax Bill 2025 – नया इनकम टैक्स बिल और टैक्सपेयर्स के फायदे.
New Income Tax Bill 2025 – नया इनकम टैक्स बिल और टैक्सपेयर्स के फायदे.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में Income Tax Bill 2025 का संशोधित संस्करण पेश किया, जिसमें संसदीय चयन समिति के 285 सुझाव शामिल हैं. नए कानून से कर संरचना सरल होगी, मिडल क्लास के टैक्स में कमी आएगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Monday, August 11, 2025

New Income Tax Bill 2025: सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने इनकम टैक्स बिल 2025 का रिवाइज्ड वर्जन पेश किया. यह नया ड्राफ्ट भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली संसदीय चयन समिति की 285 सिफारिशों को शामिल करता है. सरकार का दावा है कि यह कानून मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की जटिलताओं को कम करेगा, कर प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा और करदाताओं के लिए अधिक पारदर्शिता लाएगा. नए प्रावधानों से मिडल क्लास को टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी, जिससे उनके हाथ में अधिक पैसा बचेगा और घरेलू उपभोग व निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा.

भ्रम से बचने के लिए पहले वाले बिल को लिया गया वापस 

लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिन्हें सही विधायी अर्थ प्रदान करने के लिए शामिल किया जाना आवश्यक है.

उन्होंने कहा, “ड्राफ्टिंग के नेचर, वाक्यांशों के अलाइनमेंट, परिणामी परिवर्तनों और क्रॉस रेफरेंसिंग में सुधार किए गए हैं.” उन्होंने आगे कहा कि भ्रम से बचने के लिए पहले वाले बिल को वापस ले लिया गया था. उन्होंने कहा कि रिवाइज्ड बिल निष्पक्षता और स्पष्टता में सुधार करेगा और कानून को मौजूदा प्रावधानों के अनुरूप बनाएगा.

संसदीय चयन समिति के 285 सुझाव शामिल 

नए ड्राफ्ट का उद्देश्य सांसदों को एक सिंगल, अपडेटेड वर्जन प्रदान करना है, जो सभी सुझाए गए परिवर्तनों को दर्शाता है.

  • अपडेटेड इनकम tax bill 2025 में संसदीय चयन समिति के 285 सुझाव शामिल हैं. नए कानून का उद्देश्य कर प्रक्रियाओं को सरल बनाना और पिछली कमियों को दूर करना है, जिससे देश में आयकर परिदृश्य में संभावित रूप से बदलाव आ सकता है.
  • पिछले हफ्ते, सरकार ने औपचारिक रूप से इनकम टैक्स बिल, 2025 को वापस ले लिया. यह बिल 13 फरवरी को लोकसभा में मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लाने के लिए पेश किया गया था.
  • संसदीय चयन समिति के अध्यक्ष पांडा के मुताबिक, नया कानून पास होने के बाद देश के पुराने टैक्स ढांचे को काफी हद तक आसान बनाएगा. इससे कानूनी उलझनें घटेंगी और व्यक्तिगत करदाताओं व एमएसएमई को बेवजह की मुकदमेबाजी से राहत मिलेगी.

स्लैब और दरों में बड़े बदलाव

पांडा ने बताया कि मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में अब तक 4,000 से ज्यादा बार संशोधन हो चुके हैं और इसमें 5 लाख से अधिक शब्द हैं, जिसकी वजह से यह बेहद जटिल हो गया है. नया बिल इसे लगभग आधा सरल कर देगा, जिससे आम करदाता इसे आसानी से पढ़ और समझ सकेंगे.

संसदीय समिति ने बिल में कई ड्राफ्टिंग गलतियों की ओर ध्यान दिलाया था और अस्पष्ट प्रावधानों को स्पष्ट करने के लिए सुधार के सुझाव दिए थे.

सरकार का कहना है कि संशोधित बिल में टैक्स स्लैब और दरों में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनका फायदा सभी करदाताओं को मिलेगा. नए ढांचे से खासतौर पर मिडल क्लास के टैक्स बोझ में कमी आएगी, जिससे उनकी आय में बचत बढ़ेगी और घरेलू खपत, बचत व निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

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(आईएएनएस इनपुट के साथ)



About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.


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