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कांग्रेस का पॉलिटिकल रॉकेट रास्ते में ही गिरा, वोट चोरी वाला ‘हाइड्रोजन बम’ निकला ठंडा पटाखा
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Friday, November 14, 2025
Last Updated On: Friday, November 14, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ नैरेटिव और राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ बयान दोनों ही जमीन पर फेल हो गए हैं. एनडीए 200 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि महागठबंधन गहरे संकट में दिख रहा है. कांग्रेस केवल कुछ सीटों पर सिमटती नजर आ रही है, जिससे उसकी साख और रणनीति पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Friday, November 14, 2025
Congress Political Rocket Failure: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की काउंटिंग के साथ ही सियासी माहौल अचानक गर्म हो उठा है. शुरुआती दौर के रुझानों ने ऐसी तस्वीर पेश की है, जिसने पूरे देश की राजनीति में हलचल मचा दी है. कांग्रेस द्वारा चुनाव से पहले उठाए गए ‘वोट चोरी’ वाले आरोप और राहुल गांधी का चर्चित ‘हाइड्रोजन बम’ बयान वोटरों पर कुछ खास असर डालता नहीं दिख रहा. बिहार के आंकड़े बता रहे हैं कि जनता ने इस बार भी एनडीए पर भरोसा जताया है और बीजेपी-जदयू गठबंधन एक बार फिर सत्ता की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है.
महागठबंधन जहां शुरुआती राउंड में ही लड़खड़ाता नजर आया, वहीं कांग्रेस के लिए यह चुनाव किसी बड़े झटके से कम नहीं है. सीटों के लगातार गिरते आंकड़ों ने साफ संकेत दे दिए हैं कि जमीन पर पार्टी का जनाधार कमजोर पड़ा है. राहुल गांधी के तीखे आरोपों और कांग्रेस की ओर से बनाए गए ‘वोट चोरी’ नैरेटिव ने उम्मीद के मुताबिक कोई लहर नहीं बनाई. इसके उलट, एनडीए की मजबूत पकड़ और वोटरों का भरोसा एक बार फिर उनके पक्ष में भारी दिखा.
कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की काउंटिंग में शुरुआती रुझान सामने आते ही राजनीतिक गलियारे गर्म हो उठे हैं. एनडीए 200 सीट से अधिक पर बढ़त बनाए हुए है और राज्य में उनकी सरकार बनने का रास्ता साफ नजर आ रहा है. इस बीच महागठबंधन महज 32 सीटों पर आगे चल रहा है. बीजेपी 892 और जदयू 84 सीटों पर आगे है. वहीं राजद सिर्फ 24 और कांग्रेस 05 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि लेफ्ट 6 सीटों पर आगे है. शुरुआती रुझानों के हिसाब से कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. बता दें कि यह शाम 5 बजे तक का रुझान है.
‘वोट चोरी’ की रणनीति फेल
चुनाव से पहले कांग्रेस और राहुल गांधी ने लगातार आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि भाजपा लगातार राज्यों में ‘वोट चोरी’ करके सरकारें बनाती रही है. बिहार में भी कांग्रेस ने इस मुद्दे को काफी बढ़ाया. राहुल गांधी ने एग्जिट पोल का हवाला देकर दावा किया था कि भाजपा और चुनाव आयोग लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि भाजपा के हजारों-लाखों लोग अलग-अलग राज्यों में जाकर फर्जी वोट डाल रहे हैं. कांग्रेस का आरोप था कि यह पूरी प्रक्रिया सुनियोजित है और इसके सबूत भी मिटाए जा रहे हैं. पार्टी ने चेतावनी दी थी कि मामला चुनाव आयोग से लेकर अदालत तक ले जाया जाएगा.
फुस्स निकला ‘हाइड्रोजन बम’
लेकिन बिहार से आते रुझान इन आरोपों की दिशा कुछ और ही बताते हैं. राहुल गांधी के दावे जमीन पर टिकते नजर नहीं आ रहे. कांग्रेस का वोट बैंक पहले से कमजोर दिख रहा है. चुनाव से पहले जिस ‘हाइड्रोजन बम’ की बात बड़े नाटकीय अंदाज में कही गई थी, वह अब फुस्स साबित होता दिख रहा है. एनडीए लगातार बढ़त में है और महागठबंधन पिछड़ता दिख रहा है. इससे साफ हो रहा है कि बिहार की जनता का मूड, कांग्रेस की कहानी से अलग है. जमीन पर जो माहौल है, वह बताता है कि मतदाता अपने हिसाब से फैसला ले रहे हैं और ‘वोट चोरी’ का शोर चुनावी हवा में ही खो गया है.
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