Assembly Election News
बिहार में SIR को लेकर सियासत गरम, संसद से सड़क तक INDI गठबंधन का विरोध प्रदर्शन
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, July 24, 2025
Last Updated On: Thursday, July 24, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election, 2025) से पहले भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा शुरू किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर INDI गठबंधन ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है. गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इसे संवैधानिक एवं चुनावी दृष्टिकोण से गंभीर खतरा बताया.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Thursday, July 24, 2025
INDI Alliance Protests SIR: विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर राजद नेता व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने चुनाव आयोग (Election Commission of India) और भाजपा (BJP) पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और BJP मिलकर लोकतंत्र की सफाई नहीं, बल्कि विपक्षी मतदाताओं की सफाई कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं ने तथ्यों, तर्कों और आंकड़ों के साथ चुनाव आयोग से सीधे सवाल किए और मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को पूर्वाग्रह से प्रेरित और पक्षपातपूर्ण बताया.
राज्यसभा सांसद रंजीता रंजन (Ranjita Ranjan) और AAP सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस देकर बिहार में चल रहे SIR अभियान पर विस्तृत चर्चा की मांग की. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया संविधान की भावना और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों के खिलाफ है.
तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर सियासत
RJD नेता तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव अपनी हार मान चुके हैं, इसीलिए बहिष्कार की बात कर रहे हैं. चुनाव आयोग ने जन्म प्रमाण पत्र को प्रमाण के रूप में मान्यता दी है, अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सर्वमान्य होगा.”
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा, “अब जनता उनका बहिष्कार कर रही है… कांग्रेस का बिहार में कोई वजूद नहीं बचा है, इसलिए हार के डर से मैदान छोड़ने की सोच रहे हैं। यह उनकी अलोकप्रियता का प्रमाण है.”
चुनाव आयोग की प्रेस विज्ञप्ति पर भी उठाए सवाल
तेजस्वी यादव ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कल जारी प्रेस विज्ञप्ति को लेकर भी गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आयोग की विज्ञप्ति ने हमारी पहले से व्यक्त की गई आशंकाओं को और अधिक गहरा कर दिया है. हम पहले ही कह रहे थे कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और अब आयोग के रुख से यह बात और स्पष्ट हो गई है.
विपक्ष का आरोप है कि वोटर लिस्ट से चुनिंदा वर्गों के नाम हटाए जा रहे हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां विपक्ष का समर्थन अधिक है। उन्होंने इस मुद्दे को संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से तत्काल हस्तक्षेप और निष्पक्ष जांच की मांग की है.
कांग्रेस और RJD का तीखा विरोध
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम (Rajesh Ram) ने कहा कि हम अंतिम सूची और उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करेंगे. अगर वोटर लिस्ट (Voter List) से बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए तो हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे.”
वहीं, RJD सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने SIR को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “अगर चुनाव आयोग का व्यवहार बांग्लादेश जैसे आयोग की तरह होगा, तो दलों और नागरिकों के पास विकल्प खत्म हो जाएंगे. अगर सरकार सच में बिहारियों को बेदखल करने की साजिश कर रही है तो यह आग से खेलने जैसा है.”
आंदोलन जारी रखने का संकेत
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) ने भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन थमने वाला नहीं है. उन्होंने कहा, “जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, आंदोलन जारी रहेगा। हमें विश्वास है कि चुनाव आयोग जनता को मतदान से वंचित नहीं करेगा.”
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर राजनीतिक तापमान चरम पर है. विपक्ष इसे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर खतरा बता रहा है, जबकि सरकार और चुनाव आयोग इसे पारदर्शी प्रक्रिया करार दे रहे हैं. आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी राजनीति का बड़ा एजेंडा बन सकता है।
यह भी पढ़ें :- तेजस्वी का बहिष्कार ऐलान, बीजेपी बोली- डर का ड्रामा, एसआईआर पर संग्राम