NDA में सीटों को लेकर दूर होगा कंफ्यूजन, नीतीश-अमित शाह की मीटिंग में तय हुआ खाका

Authored By: सतीश झा

Published On: Thursday, September 18, 2025

Last Updated On: Thursday, September 18, 2025

NDA Seat Sharing Bihar, नीतीश कुमार, अमित शाह मीटिंग, सीट बंटवारा.
NDA Seat Sharing Bihar, नीतीश कुमार, अमित शाह मीटिंग, सीट बंटवारा.

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) को लेकर एनडीए (NDA) में सीटों को लेकर चल रहे कंफ्यूजन को अब दूर करने की दिशा में कदम बढ़ा लिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की हालिया बैठक में सीटों के बंटवारे का खाका तैयार किया गया. बैठक में दोनों नेताओं ने विभिन्न जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति और पिछले चुनावों के परिणामों का विश्लेषण किया, ताकि आगामी चुनाव में एनडीए की रणनीति को सशक्त बनाया जा सके.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Thursday, September 18, 2025

NDA Seat Sharing Bihar: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बिहार दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मुलाकात की, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर अहम विचार-विमर्श हुआ. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो जदयू अध्यक्ष भी हैं, ने शाह से मुलाकात की. जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के होटल मौर्य में बंद कमरे में एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस दौरान सम्राट चौधरी, संजय झा और विजय चौधरी भी मौजूद रहे. अमित शाह आज बिहार के एक दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान वह रोहतास और बेगूसराय के 20 जिलों के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों और योजनाओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे.

रोहतास के डेहरी-ऑन-सोन तथा बेगूसराय में आयोजित भाजपा कार्यकर्ता बैठक से पहले आवश्यक बातें साझा कीं. सूत्रों के अनुसार, बैठक में तय किया गया कि सीटों का बंटवारा निष्पक्ष और जातीय-सामाजिक समीकरणों के अनुसार किया जाएगा, जिससे NDA को सभी वर्गों में मजबूत पकड़ बनाने में मदद मिले. इस बैठक के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह देखा जा रहा है और उन्हें उम्मीद है कि आगामी चुनाव में एनडीए बेहतर प्रदर्शन कर सकेगा.

एक जदयू (JDU) नेता ने बताया कि यह मुलाकात मुख्य रूप से शिष्टाचार और रणनीतिक समन्वय का हिस्सा थी. जदयू, एनडीए का महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगी है और इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. एनडीए (NDA) के प्रमुख नेता शाह ने इसके अलावा रोहतास और बेगूसराय में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठकें कीं, जिसमें बिहार चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजनाओं पर चर्चा हुई.

5 दिन पहले, यानी 13 सितंबर, को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) भी बिहार दौरे पर आए थे, लेकिन उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात नहीं हो पाई थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह दौरा पूरी तरह आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से माना जा रहा है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात अब सामान्य शिष्टाचार से कहीं अधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी बिहार दौरे पर आए थे और पूर्णिया से बिहार में विभिन्न विकास कार्यों और सौगातों की घोषणा की थी. अब अमित शाह के बिहार दौरे को चुनावी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि शाह पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव में जीत के मंत्र और रणनीति देंगे.

राजनीति में अक्सर कहा जाता है कि कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. इसका ताजा उदाहरण सोमवार को पूर्णिया एयरपोर्ट के उद्घाटन के दौरान देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद और स्वयं को कांग्रेस से जोड़ने वाले पप्पू यादव (Pappu Yadav) मंच पर मुस्कुराते हुए बातचीत करते नजर आए.

सोशल मीडिया पर इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले पप्पू यादव एनडीए (NDA) में शामिल हो सकते हैं. इस कयास के पीछे बिहार की राजनीति का इतिहास भी है. दरअसल, एक समय ऐसा भी आया जब पप्पू यादव बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी. हालांकि, बीजेपी से गठबंधन नहीं होने के बाद पप्पू ने अपनी पार्टी जन अधिकार मोर्चा का अन्य दलों के साथ गठबंधन किया.

साल 2014 में, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी (BJP) ने पहली बार लोकसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया, पप्पू यादव आरजेडी की टिकट पर लोकसभा पहुंचे. उन्हें लगता था कि वे लालू यादव के बाद पार्टी में नंबर दो हैं और कमान उन्हें मिलेगी, लेकिन लालू यादव ने अपनी पार्टी की कमान अपने बेटों को सौंप दी. इससे नराज पप्पू यादव ने 2015 में दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया.

पहली मुलाकात के बाद, पप्पू यादव ने मोदी की तारीफ की, लेकिन आरजेडी (RJD) ने उन्हें पार्टी विरोधी बताते हुए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बाद पप्पू नई राजनीतिक दिशा की तलाश में थे. दूसरी मुलाकात 13 अगस्त 2015 को हुई, जिसमें करीब आधा घंटे बातचीत हुई. पप्पू ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया और मोदी ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया. हालांकि, बीजेपी के भीतर कुछ धड़े चाहते थे कि पप्पू के साथ गठबंधन हो, लेकिन उनकी छवि के कारण यह संभव नहीं हो सका.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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