Son of Sardaar 2 Review: पंजाबी ह्यूमर, इमोशंस और ड्रामा का मिक्स डोज, पढ़ें पूरा रिव्यू

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Friday, August 1, 2025

Son of Sardaar 2 Review में पंजाबी ह्यूमर और इमोशंस का फुल डोज
Son of Sardaar 2 Review में पंजाबी ह्यूमर और इमोशंस का फुल डोज

Son of Sardaar 2 Review: अजय देवगन एक बार फिर अपने देसी स्टाइल में ‘सन ऑफ सरदार 2’ में लौटे हैं. फिल्म में इमोशन, कॉमेडी और रिश्तों की उलझनों के बीच दर्शकों को ठहाके और थोड़ी निराशा दोनों का अनुभव होता है. जानिए पूरी समीक्षा.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Friday, August 1, 2025

Son of Sardaar 2 Review: 2012 में आई अजय देवगन की फिल्म ‘सन ऑफ सरदार’ के सीक्वल ‘सन ऑफ सरदार 2’ ने आखिरकार सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है. इस बार कहानी विदेश की गलियों में घूमती है, लेकिन भावनाएं और टकराव उतने ही देसी हैं. अजय देवगन जस्सी के रूप में फिर हाजिर हैं. इस बार रिश्ते बचाने और कॉमेडी का तड़का लगाने के मिशन पर. निर्देशक विजय कुमार अरोड़ा की ये पहली हिंदी फिल्म है, लेकिन इसमें उनका पंजाबी सिनेमा का अनुभव साफ झलकता है.

फिल्म की कहानी और किरदार

‘सन ऑफ सरदार 2’ में अजय देवगन अपने पुराने किरदार जस्सी रंधावा को फिर से निभा रहे हैं वही सादगी, वही देसी ठाठ, और वही बेमिसाल स्क्रीन प्रेजेंस. इस बार उनके साथ नजर आती हैं मृणाल ठाकुर, जिन्होंने राबिया का किरदार निभाया है. नीरू बाजवा ने डिंपल की भूमिका में अच्छा साथ निभाया है जबकि रवि किशन राजा बनकर फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं.

सपोर्टिंग कास्ट में दीपक डोबरियाल (गुल), चंकी पांडे (दानिश), कुब्रा सैत (महविश), संजय मिश्रा (बंटू), अश्विनी कालसेकर (प्रेमलता), डॉली अहलूवालिया (बेबे), मुकुल देव (टोनी), विंदू दारा सिंह (टीटू), साहिल मेहता (गोग्गी), रोशनी वालिया (सबा) और शरत सक्सेना (रंजीत सिंह) शामिल हैं.

प्लॉट- रिश्ते, प्यार और झूठ का कॉमिक मेल

  • फिल्म की कहानी लंदन में घूमते जस्सी की है, जो अपनी पत्नी डिंपल के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश करता है. लेकिन डिंपल अब किसी और से प्यार करने का दावा करती है. ऐसे में जस्सी की जिंदगी में एंट्री होती है राबिया की, जो शादी और संगीत जैसे फंक्शन्स में डांस परफॉर्मर है.
  • कहानी तब मोड़ लेती है जब राबिया के टीम मेंबर दानिश की बेटी सबा को भारतीय मूल के लड़के गोग्गी से प्यार हो जाता है. पारंपरिक सोच रखने वाले राजा (गोग्गी के पिता) को एक भारतीय बहू चाहिए, और जस्सी को सबा का पिता बनकर झूठ का जाल बुनना पड़ता है. इस पूरे ड्रामे में भरपूर हास्य और झूठ-मिलावट वाली स्थिति पैदा होती है जो दर्शकों को खूब गुदगुदाती है.

फिल्म का डायरेक्शन

निर्देशक विजय कुमार अरोड़ा की यह पहली हिंदी फिल्म है लेकिन उनके पंजाबी फिल्म निर्देशन का अनुभव इस स्क्रिप्ट में झलकता है. फिल्म पूरी तरह से पारंपरिक पंजाबी कॉमेडी ट्रीटमेंट देती है शादी, परिवार, झूठ और प्यार के इर्द-गिर्द घूमती हुई.

हालांकि कई दृश्य लोटपोट कर देने वाले हैं, कुछ चुटकुले पुराने और घिसे-पिटे भी लगते हैं. स्क्रिप्ट कई जगह हल्की भी पड़ती है, खासकर जब अजय देवगन का किरदार बेहद मासूम दिखाया जाता है जो उनके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाता.

स्टारकास्ट की एक्टिंग

अजय देवगन ने जस्सी का रोल बेहद सहजता और स्टाइल से निभाया है. उनके पंचलाइन, कॉमिक टाइमिंग, डायलाग डिलीवरी सब कमाल का है. जबकि मृणाल ठाकुर ने राबिया के रूप में कमाल दिखी है. उनकी सादगी, आत्मविश्वास और पर्दे पर उनकी उपस्थिति ऑडियंस को बेहद पसंद आएगी. रवि किशन का बोलने का अंदाज भी दमदार है. दीपक डोबरियाल एक ट्रांसजेंडर किरदार ‘गुल’ के रोल में शानदार परफॉर्मेंस दिया है. इसके अलावा संजय मिश्रा, नीरू बाजवा, कुब्रा सैत, विंदू दारा सिंह, अश्विनी कालसेकर और चंकी पांडे सभी ने अपने-अपने हिस्से को ईमानदारी से निभाया है. विजय कुमार अरोड़ा का निर्देशन बहुत ही संतुलित है.

म्यूजिक और तकनीकी पक्ष

फिल्म की शूटिंग इंग्लैंड की खूबसूरत लोकेशनों पर की गई है, जिससे सिनेमैटोग्राफी काफी आकर्षक बन पड़ी है. एडिटिंग कसी हुई है और फिल्म कहीं भी धीमी नहीं पड़ती.
गानों में ‘पहला तू, दूजा तू’ एक चार्टबस्टर की तरह उभरता है, जबकि ‘नच दी’ और ‘नजर बट्टू’ फिल्म की सिचुएशन में फिट बैठते हैं.

हालांकि गानों में इस्तेमाल किए गए VFX फिल्म का सबसे कमजोर पहलू है. कई क्लोज-अप शॉट्स में साफ नजर आता है कि ग्रीन स्क्रीन के साथ सस्ते इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है.

फाइनल वर्डिक्ट: देखें या नहीं देखें

‘सन ऑफ सरदार 2’ एक एंटरटेनिंग फिल्म है जो आपको गंभीर मुद्दों से दूर हंसी की दुनिया में ले जाती है. अगर आप लॉजिक, स्क्रिप्ट और गंभीरता में नहीं उलझना चाहते और बस हंसना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए बनी है. लेकिन अगर आप स्मार्ट कॉमेडी या इमोशनल डेप्थ वाले सिनेमा की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म आपको बहुत खास नहीं लगेगी.

रेटिंग्स: 3.5/5

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About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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