DU Vice-Chancellor Internship Scheme क्या है? जानें आवेदन प्रक्रिया एवं स्टाइपेंड

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Thursday, October 16, 2025

Updated On: Thursday, October 16, 2025

Vice-Chancellor Internship Scheme: आवेदन प्रक्रिया और स्टाइपेंड की जानकारी.

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की Vice-Chancellor Internship Scheme 2025-26 के लिए 2280 छात्रों का चयन किया गया है. यह स्कीम छात्रों को प्रशासनिक अनुभव, नेतृत्व कौशल और विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को समझने का मौका देती है. जानें आवेदन प्रक्रिया, योग्यता और स्टाइपेंड की पूरी जानकारी.

Authored By: Ranjan Gupta

Updated On: Thursday, October 16, 2025

दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) हर साल अपने छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और प्रशासनिक कौशल विकसित करने का अवसर देने के लिए Vice-Chancellor Internship Scheme चलाता है. इस स्कीम को लेकर हर साल जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है. साल 2025-26 के लिए भी छात्रों के बीच खूब चर्चा इस योजना को लेकर थी. इस स्कीम से छात्रों को फायदा भी मिलना शुरु हो गया है. हाल ही में DU Vice-Chancellor Internship Scheme Part Time 2025-26 के लिए 2280 छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. गौरतलब है कि इस बार के लिए 3500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे. इसमें 2280 छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. आइए विस्तार से जानें कि DU Vice-Chancellor Internship Scheme क्या है, इसके लिए आवेदन कैसे करें और कितना मिलता है स्टाइपेंड.

क्या है DU Vice-Chancellor Internship Scheme?

इस स्कीम का मकसद दिल्ली विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्रों को इंटर्नशिप का मौका देना है. इसका उद्देश्य है कि छात्र विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभागों और प्रशासनिक कामकाज को करीब से समझ सकें. यह कार्यक्रम डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर (DSW) ऑफिस द्वारा चलाया जाता है. स्कीम के तहत दो तरह की इंटर्नशिप दी जाती हैं- एक छह महीने की पार्ट-टाइम इंटर्नशिप जो शैक्षणिक सत्र के दौरान होती है, और दूसरी दो महीने की फुल-टाइम समर इंटर्नशिप जो गर्मी की छुट्टियों में होती है.

  • पार्ट-टाइम इंटर्नशिप (6 महीने)– इसमें छात्रों को हर हफ्ते 8 से 10 घंटे काम करना होता है. इसके लिए ₹5,775 प्रति माह वजीफा दिया जाता है.
  • फुल-टाइम समर इंटर्नशिप (2 महीने)– इसमें छात्र हर हफ्ते करीब 20 घंटे काम करते हैं. इस दौरान उन्हें ₹11,000 प्रति माह वजीफा मिलता है.

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, यह स्कीम छात्रों को सिर्फ काम का अनुभव ही नहीं देगी, बल्कि उन्हें नेतृत्व, टीमवर्क, संवाद कौशल और संगठन की कार्यप्रणाली की बेहतर समझ भी मिलेगी.

कैसे करें आवेदन?

  • इस स्कीम के लिए छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है.
  • विश्वविद्यालय ने इसके लिए एक गूगल फॉर्म जारी किया है.
  • आवेदन करने के लिए छात्र https://forms.gle/NqG4Fx4JqTxRgHn8 लिंक का उपयोग कर सकते हैं.
  • इसके अलावा, https://dsw.du.ac.in/ वेबसाइट पर जाकर क्यूआर कोड स्कैन करके भी सीधे फॉर्म तक पहुंचा जा सकता है.
  • आवेदन से जुड़ी सभी जानकारी और अपडेट्स के लिए छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर की आधिकारिक वेबसाइट http://dsw.du.ac.in पर भी जा सकते हैं.

कितना मिलता है स्टाइपेंड?

पार्ट टाइम इंटर्नशिप में छात्रों को हर हफ्ते करीब 8 से 10 घंटे काम करना होता है. इसके बदले उन्हें ₹5775 प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाता है. वहीं, ग्रीष्मकालीन फुल टाइम इंटर्नशिप में छात्रों को हर हफ्ते लगभग 20 घंटे काम करना होता है और इसका स्टाइपेंड ₹11,000 प्रति माह तय है. इस इंटर्नशिप के दौरान छात्र न सिर्फ प्रशासनिक कार्यों की समझ विकसित करते हैं, बल्कि अपने भविष्य के करियर के लिए एक मजबूत अनुभव भी हासिल करते हैं.

About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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