Glaucoma: ग्लूकोमा को रोक सकता है ये नया इलाज? Vitamins और कोलीन पर बड़ा खुलासा!

Glaucoma: ग्लूकोमा को रोक सकता है ये नया इलाज? Vitamins और कोलीन पर बड़ा खुलासा!

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, May 14, 2025

Last Updated On: Wednesday, May 14, 2025

Glaucoma: व्यक्ति की आंख की नजदीकी तस्वीर, जिसमें आंखों की जांच करते हुए ग्लूकोमा से जुड़ी समस्या को दर्शाया गया है.
Glaucoma: व्यक्ति की आंख की नजदीकी तस्वीर, जिसमें आंखों की जांच करते हुए ग्लूकोमा से जुड़ी समस्या को दर्शाया गया है.

Glaucoma: दुनिया भर में लगभग 80 मिलियन लोग ग्लूकोमा से पीड़ित हैं. इससे अंधापन हो सकता है. चूहों पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि विटामिन बी, कोलीन सप्लीमेंट ग्लूकोमा को धीमा कर सकती है.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Wednesday, May 14, 2025

Glaucoma: वर्तमान में ग्लूकोमा का कोई इलाज नहीं है. दवाओं, सर्जरी और लेजर उपचार का उपयोग प्रगति को धीमा करने में मदद के लिए किया जाता है. पिछले अध्ययनों से पता चलता है कि ग्लूकोमा के जोखिम को कम करने के लिए कई तरीके हैं, जिनमें धूम्रपान न करना, नियमित रूप से व्यायाम करना, धूप का चश्मा पहनना, कैफीन का सेवन सीमित करना, अपना रक्तचाप कम करना और स्वस्थ आहार (Glaucoma) खाना शामिल है.

आंखों को ग्लूकोमा से बचाने वाले पोषक तत्व

शोधकर्ताओं ने पहले भी कुछ पोषक तत्वों की पहचान की है, जो किसी व्यक्ति की आंखों को ग्लूकोमा से बचाने में मदद कर सकते हैं, जिनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी3, विटामिन ए, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन शामिल हैं. हाल ही में सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में एक नया अध्ययन प्रकाशित हुआ. इसके अनुसार विटामिन बी और अन्य आवश्यक पोषक तत्व कोलीन के साथ सप्लीमेंट के रूप में ग्लूकोमा की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं.

ग्लूकोमा की प्रगति हो सकती है धीमी 

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने एक एमिनो एसिड पर ध्यान केंद्रित किया, जो स्वाभाविक रूप से शरीर में पाया जाता है. इसे होमोसिस्टीन कहा जाता है. होमोसिस्टीन प्रोटीन संश्लेषण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
हालांकि, पिछले अध्ययनों से पता चलता है कि शरीर में बहुत अधिक होमोसिस्टीन – जिसे हाइपरहोमोसिस्टीनीमिया के रूप में जाना जाता है – हृदय संबंधी समस्याओं, संज्ञानात्मक गिरावट और स्ट्रोक के लिए बढ़े हुए जोखिम जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है. होमोसिस्टीन का हाई स्तर विटामिन बी की कमी का भी संकेत हो सकता है, क्योंकि विटामिन बी शरीर में होमोसिस्टीन को तोड़ने में मदद करते हैं. पिछले अध्ययनों ने होमोसिस्टीन के स्तर को ग्लूकोमा के विकास और प्रगति से जोड़ा है.

रेटिना पर प्रभाव 

इस मौजूदा अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जब ग्लूकोमा से पीड़ित चूहों को होमोसिस्टीन का उच्च स्तर दिया गया, तो इससे उनका ग्लूकोमा खराब नहीं हुआ. उन्होंने यह भी पाया कि रक्त में होमोसिस्टीन की बढ़ी हुई मात्रा का रोग की प्रगति की गति से कोई संबंध नहीं था. स्वीडन में कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में क्लिनिकल न्यूरोसाइंस विभाग में शोधकर्ता और सहायक प्रोफेसर तथा इस अध्ययन के सह-प्रमुख लेखक जेम्स ट्रिबल के अनुसार, होमोसिस्टीन रोग प्रक्रिया में एक दर्शक है, कोई खिलाड़ी नहीं. होमोसिस्टीन के बदले हुए स्तर से पता चल सकता है कि रेटिना ने कुछ विटामिनों का उपयोग करने की अपनी क्षमता खो दी है जो स्वस्थ चयापचय को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं.

ग्लूकोमा की प्रगति में बाधा

इसके बाद शोधकर्ताओं ने ग्लूकोमा माउस मॉडल को बी विटामिन – बी6, बी9 (फोलेट) और बी12 सहित – के साथ-साथ आवश्यक पोषक तत्व कोलीन की खुराक दी.
वैज्ञानिकों ने पाया कि ग्लूकोमा के धीमे विकास वाले चूहों में, ऑप्टिक तंत्रिका क्षति पूरी तरह से रुक गई थी. ग्लूकोमा के अधिक आक्रामक रूप वाले चूहों में सप्लीमेंट ने रोग की प्रगति को धीमा करने में मदद की.

आंखों के दबाव का इलाज (Eye pressure Treatment)

शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि माउस ग्लूकोमा मॉडल के साथ सभी प्रयोगों में आंखों के दबाव का इलाज नहीं किया गया था. ग्लूकोमा आमतौर पर बढ़े हुए आंखों के दबाव या इंट्राओकुलर दबाव (आईओपी) से जुड़ा होता है. ग्लूकोमा के लिए प्राथमिक उपचार दवाओं, लेजर उपचार या सर्जरी के उपयोग के माध्यम से आंख के आईओपी को कम करना है.

नैदानिक परीक्षण (Clinical Test)

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दर्शाता है कि विटामिन सप्लीमेंट कम आंखों के दबाव की तुलना में ग्लूकोमा को एक अलग तरीके से प्रभावित कर सकती है. शोधकर्ता अब मनुष्यों पर अपने निष्कर्षों का परीक्षण करने के लिए एक नैदानिक परीक्षण शुरू कर रहे हैं.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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