International Day of Older Persons 2025: बुजुर्गों की सेवा और देखभाल के प्रति लोगों को जागरूक करना है इस दिवस का उद्देश्य

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, September 25, 2025

Last Updated On: Thursday, September 25, 2025

International Day of Older Persons 2025 पर बुजुर्गों की देखभाल और सेवा का संदेश.
International Day of Older Persons 2025 पर बुजुर्गों की देखभाल और सेवा का संदेश.

बुजुर्ग समाज और देश के आधार होते हैं. उनके प्रति प्रेम-सम्मान प्रकट करना और उनकी देखभाल और सेवा करना नई पीढ़ी का दायित्व होना चाहिए. बुजुर्गों के प्रति युवाओं का कर्तव्यबोध कराने के संयुक्त राष्ट्रसंघ हर साल 1 अक्टूबर को International Day of Older Persons मनाता है.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Thursday, September 25, 2025

International Day of Older Persons 2025 : वृद्धजन समाज का एक तेजी से बढ़ता हुआ वर्ग हैं, खासकर विकासशील देशों में. वृद्धजनों को सशक्त बनाने वाली, स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सुरक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने वाली और भेदभाव को समाप्त करने वाली नीतियां वृद्धजनों की बढ़ती संख्या वाले विश्व में सतत विकास के लिए जरूरी हैं. बुजुर्गों की देखभाल, प्यार और उनके प्रति सम्मान विकसित करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ हर साल अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day of Older Persons) मनाता है.

भारत में बुजुर्गों की संख्या

भारत में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके 2050 तक 347 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. यह कुल जनसंख्या का 20.8% होगा.

कब है अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day of Older Persons)

हर साल संयुक्त राष्ट्रसंघ 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाता है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस इस अवसर के लिए कहा कि वृद्धजन परिवर्तन के शक्तिशाली वाहक हैं. नीतियों को आकार देने, आयु-भेदभाव को समाप्त करने और समावेशी समाज के निर्माण में उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए.

क्या है इन्टरनेशनल डे ऑफ ओल्डर पर्सन्स 2025 थीम (International Day of Older Persons 2025 Theme)

“स्थानीय और वैश्विक कार्रवाई को आगे बढ़ाने वाले वृद्धजन: हमारी आकांक्षा, हमारा कल्याण, हमारे अधिकार हैं (Older Persons Driving Local and Global Action: Our Aspirations, Our Well-Being and Our Rights)”
यह विषय स्थानीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर परिवर्तन लाने, अपने अधिकारों की वकालत करने और समावेशी एवं टिकाऊ समाज में सक्रिय योगदान देने में वृद्धजनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देता है.

प्रगति के वाहक हैं बुजुर्ग

यह विषय लचीले और बराबरी का दर्जा दिलाने वाले समाज के निर्माण में वृद्धजनों की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डालता है. निष्क्रिय लाभार्थी होने की बजाय वृद्धजन प्रगति के वाहक हैं. स्वास्थ्य समानता, वित्तीय कल्याण, सामुदायिक लचीलापन और मानवाधिकार वकालत जैसे क्षेत्रों में अपने ज्ञान और अनुभव का योगदान देते हैं. 2002 में अपनाई गई मैड्रिड अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन कार्य योजना (MIPAA), वैश्विक वृद्धजन नीति की आधारशिला बनी हुई है.

वृद्धजनों के अधिकारों की रक्षा

यह विकास, स्वास्थ्य और सहायक वातावरण पर कार्रवाई के माध्यम से सभी आयुवर्गों के लिए एक समाज को बढ़ावा देती है. 2025 का विषय स्थानीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर वृद्धजनों को प्रगति के वाहक के रूप में मान्यता देकर इन सिद्धांतों को प्रत्यक्ष रूप से प्रतिबिंबित करता है. हाल के अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों से भी इस गति को बल मिला है. अप्रैल 2025 में, मानवाधिकार परिषद ने 81 सदस्य देशों के समर्थन से इस एजेंडे को आगे बढ़ाया. इसका उद्देश्य वृद्धजनों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी दस्तावेज का मसौदा तैयार करने के लिए एक मुक्त कार्य समूह की स्थापना करना है.

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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