Lifestyle News
स्वास्थ्य (Health)
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जो लोग मांस, शराब और हाई प्रोटीन आहार का सेवन करते हैं, वे भी गाउट का शिकार होते हैं। असंतुलित आहार-विहार, व्यायाम एवं परिश्रम न करना भी इस रोग को बढ़ावा देता है। इसमें दवाओं से ज्यादा जीवनशैली में बदलाव अधिक कारगर है।
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सर्दियों में राइनो वायरस की सक्रियता बढ़ जाती है। इससे खांसी, जुकाम के साथ फेफड़ों में इंफेक्शन और सांस की नली में सूजन से सांस फूलने (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-सीओपीडी) की दिक्कत बढ़ जाती है।
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पारंपरिक स्वास्थ्य पद्धतियां अक्सर शरीर और मन दोनों को एक साथ स्वस्थ रखने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो आधुनिक चिकित्सा की तुलना में अधिक समग्र दृष्टिकोण है। यह जीवनशैली संबंधी बीमारियों की रोकथाम में कारगर रूप से मदद कर सकती हैं।
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बार-बार रक्तदान करने वालों में लीवर, फेफड़े, कोलन, पेट और गले के कैंसर का जोखिम कम होता है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये निष्कर्ष सभी पर लागू नहीं होते हैं। मरीजों को अपने आयरन के स्तर और रक्तदान के बारे में डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
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ध्यान से भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। नकारात्मक भावनाओं को कम कर यह तनाव मुक्त करता है। ध्यान तनाव को प्रबंधित करने के लिए कौशल का निर्माण करता है।
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क्या आपने सोचा है कि मौसम भी आपकी खुशी एवं चैन को छीन सकता है? जी हां, यह एक कड़वा सच है, जिसका सामना बहुसंख्यक लोग अनजाने में ही करते रहते हैं। उन्हें मालूम ही नहीं होता कि जीवन में आई उदासी या अवसाद किसी व्यक्ति नहीं, अपितु बदलते मौसम की देन हो सकती है....
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बढ़ती ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि बढ़ा हुआ बीपी दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का खतरा बढ़ा सकता है। सर्दियों में बढ़ते बीपी और हार्ट अटैक के खतरों को गंभीरता से लेना चाहिए। नियमित जांच, स्वस्थ जीवनशैली और सावधानियां अपनाकर इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है...
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जिन लोगों के शरीर में पहले से हड्डियों में तकलीफ, कमर दर्द, गठिया या जोड़ो के दर्द की समस्या है, तो ठंडक में इनकी तकलीफें बढ़ सकती है। ऐसे में चलने -फिरने, व्यायाम करने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने पर इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
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यदि "औसत जीवन प्रत्याशा" में से "औसत स्वस्थ जीवन प्रत्याशा" का मूल्य घटा दें, तो पुरुषों के पास लगभग 9 वर्ष और महिलाओं के पास लगभग 12 वर्ष का समय बचता है। यही वह ख़ास अवधि है जब एक बुजुर्ग को दूसरों द्वारा देखभाल की ज़्यादा ज़रूरत होती है।
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ओबेसिटी सर्जरी सोसाइटी ऑफ इंडिया और आईजीएमसी के सर्जरी विभाग के संयुक्त प्रयास से मोटापे से बचाव पर चर्चा की जाएगी। यहां मोटापा नियंत्रण के लिए नए इलाज और उपचार के तरीकों (Obesity Treatment) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।