Spine Health Awareness Month October: 30 के बाद रीढ़ की हड्डी का रखें विशेष खयाल

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, September 26, 2025

Last Updated On: Friday, September 26, 2025

Spine Health Awareness Month October में रीढ़ की हड्डी की देखभाल के टिप्स.
Spine Health Awareness Month October में रीढ़ की हड्डी की देखभाल के टिप्स.

रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देने के लिए हर साल अक्टूबर में रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता माह मनाया जाता है. यह महीना दर्द और अकड़न से बचने के लिए सही मुद्रा बनाए रखने, नियमित व्यायाम करने, वजन नियंत्रित करने के प्रति जागरूक करता है.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Friday, September 26, 2025

Spine Health Awareness Month October: रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य (Spine Health) को बनाए रखने के लिए सही मुद्रा का अभ्यास जरूरी है. कोर मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम के साथ सक्रिय रहना और अपने पैरों से चीजें उठाने का अभ्यास करना चाहिए. साथ ही सुनिश्चित करें कि आपका कार्यस्थल आरामदायक हो. रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देने के लिए हर साल अक्टूबर में रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता माह मनाया जाता है

स्पाइन हेल्थ के प्रति जागरूक करता है अक्टूबर माह

रीढ़ की हड्डी का स्वास्थ्य संपूर्ण शरीर के लिए जरूरी है. हर साल अक्टूबर में रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है. यह महीना दर्द और अकड़न से बचने के लिए सही मुद्रा बनाए रखने, नियमित व्यायाम करने, वजन नियंत्रित करने और उचित वजन उठाने की तकनीक का अभ्यास करने जैसे कदम उठाने की याद दिलाता है.

क्यों मायने रखता है 30 के बाद स्पाइन हेल्थ

हार्वर्ड हेल्थ के रिसर्च आलेख के अनुसार. रीढ़ शरीर का केंद्रीय आधार संरचना है. यह रीढ़ की हड्डी की रक्षा करता है. गतिशीलता को सुगम बनाता है. शरीर के अधिकांश भार को वहन करता है. जैसे ही आप 30 वर्ष की आयु पार करते हैं, रीढ़ की हड्डी में प्राकृतिक क्षरण के लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

30 के बाद होने वाले सामान्य परिवर्तन

• डिस्क डिहाइड्रेशन लचीलेपन और आघात अवशोषण को कम करता है.
• कमजोर पीठ और कोर मसल्स पोश्चर को प्रभावित करती हैं.
• खराब एर्गोनॉमिक्स और गतिहीन जीवनशैली पीठ दर्द का कारण बनती है.

40 की उम्र में रीढ़ की हड्डी

40 की उम्र तक रीढ़ की हड्डी में टूट-फूट अधिक ध्यान देने योग्य हो जाती है. स्लिप्ड डिस्क, साइटिका और स्पाइनल स्टेनोसिस जैसी समस्या विकसित होने लग सकती हैं.

ये लक्षण दिख सकते हैं

• सुबह की अकड़न
• पीठ के निचले हिस्से में पुराना दर्द
• पैरों या बाहों में तेज दर्द
• लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने में कठिनाई

30 और 40 की उम्र में रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए क्या करें

1. सही मुद्रा बनाए रखें – झुककर बैठने से बचें, खासकर डेस्क पर काम करते समय
2. अपने कोर को मज़बूत बनायें – एक मजबूत कोर रीढ़ की हड्डी को सहारा देता है और चोट से बचाता है
3. सक्रिय रहें – चलना, योग और तैराकी जैसे कम प्रभाव वाले व्यायाम आपकी पीठ के लिए बहुत अच्छे हैं.
4. एर्गोनॉमिक सपोर्ट का उपयोग करें – रीढ़ की हड्डी के अनुकूल कुर्सी और गद्दे का प्रयोग करें
5. समझदारी के साथ किसी भी सामान को उठायें – कमर से नहीं, घुटनों से झुकें. भारी सामान उठाते समय मुड़ने से बचें.
6. स्वस्थ वजन बनाए रखें – अतिरिक्त वजन रीढ़ की हड्डी, खासकर पीठ के निचले हिस्से पर दबाव डालता है.
7. नियमित जांच – यदि आपको कोई भी लक्षण लगातार महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत स्पाइन विशेषज्ञ से सलाह लें.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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