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हलासन से सेतु बंधासन तक, मस्तिष्क के लिए वरदान हैं ये योग
हलासन से सेतु बंधासन तक, मस्तिष्क के लिए वरदान हैं ये योग
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Tuesday, July 22, 2025
Last Updated On: Tuesday, July 22, 2025
दिनभर की भागदौड़, चिंता, तनाव और वर्कलोड न केवल शरीर, बल्कि दिमाग भी थका देता है. आयुष मंत्रालय ने मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए भ्रामरी, हलासन, पश्चिमोत्तानासन जैसे योगासनों के अभ्यास की सलाह दी है. ये योग मस्तिष्क में रक्त संचार, ऑक्सीजन आपूर्ति और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाने में सहायक हैं.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Tuesday, July 22, 2025
Best Yoga for Brain Health: तनाव, चिंता और तेज़ लाइफस्टाइल का सबसे गहरा असर हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है. इसकी देखभाल करना जरूरी है. योगासन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने में विशेष रूप से प्रभावी हैं. आज 22 जुलाई को वर्ल्ड ब्रेन डे भी मनाया जाता है. इस अवसर पर आयुष मंत्रालय ने लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए विशेष योगासनों के अभ्यास की सिफारिश की है. भ्रामरी से लेकर हलासन तक, ये योगासन न केवल तनाव कम करते हैं, बल्कि एकाग्रता, स्मृति और मानसिक स्थिरता को भी बढ़ाते हैं.
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय विश्व मस्तिष्क दिवस के अवसर पर मस्तिष्क के महत्व पर विचार करने की सलाह देता है. मंत्रालय के अनुसार, “जीवन के हर चरण में अपनी मेंटल हेल्थ के महत्व पर विचार करें. ब्रेन न केवल हमारे खाने-पीने और सोने से लेकर तनाव प्रबंधन तक बल्कि मेंटल क्लैरिटी, स्मृति और इमोशनल हेल्थ पर भी गहरा प्रभाव डालता है.”
मानसिक समस्याओं से राहत
ऐसे में ब्रेन को मजबूत बनाने के लिए योग पद्धति में कई आसान से आसन हैं, जिनके प्रतिदिन अभ्यास से दिमाग तेज होता है और कई मानसिक समस्याओं से राहत भी मिलती है. स्वस्थ मस्तिष्क के लिए संतुलित आहार और नींद बेहद जरूरी है. योगासन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने में विशेष रूप से प्रभावी हैं. आयुष मंत्रालय ने मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने के लिए कुछ खास योगासनों की सलाह दी है, इनमें पश्चिमोत्तानासन, हलासन, सर्वांगासन, सेतु बंधासन के साथ ही भ्रामरी भी शामिल है.
पश्चिमोत्तानासन से लेकर हलासन तक
पश्चिमोत्तानासन में बैठकर पैरों की ओर झुकते हैं, जिससे रीढ़ और मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है. यह तनाव और चिंता को कम करता है, साथ ही मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है. इसे 1-2 मिनट तक करना चाहिए.
सेतु बंधासन के लिए पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़कर कूल्हों को ऊपर उठाया जाता है. यह मस्तिष्क में रक्त संचार को बेहतर करता है और थकान दूर करता है. इसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक करना चाहिए. सेतु बंधासन के बाद सर्वांगासन का नंबर आता है, कंधों के बल शरीर को ऊपर उठाने वाला यह आसन मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ाता है, जिससे मेमोरी और एकाग्रता में सुधार होता है. इसे 1-2 मिनट तक करें, लेकिन सावधानी के साथ करना चाहिए.
हलासन में पैरों को सिर के पीछे ले जाना होता है. यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और मानसिक तनाव कम करता है. इसे 30 सेकंड से शुरू करना चाहिए. योगासन के साथ ही प्राणायाम भी हैं, जिसमें भ्रामरी भी हैं, यह मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव कम करता है. इसमें गहरी सांस लेकर हल्की आवाज निकाली जाती है. यह ध्यान और एकाग्रता बढ़ाता है. इसे 5-10 मिनट तक करना चाहिए.
मस्तिष्क के लिए योग बेहद फायदेमंद
मस्तिष्क के लिए ये योग बेहद फायदेमंद होते हैं. इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, जिससे भ्रम की स्थिति नहीं रहती, स्मृति और भावनात्मक स्थिरता बढ़ती है. नियमित अभ्यास से तनाव, चिंता और अवसाद कम होता है. आयुष मंत्रालय का कहना है कि योग के साथ संतुलित आहार और अच्छी नींद मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करती है.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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