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विदेशी मंचों से मोदी सरकार पर हमला: 7 मौके जब राहुल गांधी के बयानों से मची सियासी हलचल
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Tuesday, December 23, 2025
Last Updated On: Tuesday, December 23, 2025
राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश यात्रा के दौरान मोदी सरकार, बीजेपी और आरएसएस पर तीखे आरोप लगाए हैं. बर्लिन से लेकर अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी तक, ऐसे कई मौके रहे हैं जब उनके विदेशी बयानों ने भारत की राजनीति में भूचाल ला दिया. जानिए वे 7 बड़े मौके, जब राहुल गांधी के विदेश में दिए गए बयानों पर देश के भीतर जबरदस्त विवाद हुआ.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Tuesday, December 23, 2025
Rahul Gandhi Foreign Visits Statements: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की विदेश यात्राएं अक्सर भारतीय राजनीति में चर्चा और विवाद का विषय बन जाती हैं. हालिया जर्मनी दौरे में बर्लिन के हर्टी स्कूल से उन्होंने एक बार फिर मोदी सरकार पर संस्थाओं पर कब्ज़ा करने, चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाने और ED-CBI के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप लगाए. राहुल गांधी का दावा है कि बीजेपी ने ऐसा माहौल बना दिया है जिससे लोकतांत्रिक संस्थाएं स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहीं.
यह पहला मौका नहीं है जब विदेश की धरती से दिए गए उनके बयानों ने देश में सियासी तूफान खड़ा किया हो. अमेरिका, ब्रिटेन, बहरीन और जर्मनी में दिए गए उनके पुराने भाषण और टिप्पणियां भी बीजेपी को कांग्रेस पर हमले का बड़ा हथियार देती रही हैं. इस रिपोर्ट में जानते हैं वे 7 बड़े मौके, जब राहुल गांधी की विदेशी यात्राओं के बयान भारतीय राजनीति के केंद्र में आ गए.
ED और CBI को बनाया गया सियासी हथियार
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश की संस्थाएं अब स्वतंत्र नहीं रहीं. उन्होंने कहा कि पूरे संस्थागत ढांचे पर कब्ज़ा कर लिया गया है. खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं. उनका कहना था कि ED और CBI को सियासी हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.
राहुल गांधी के मुताबिक, इन एजेंसियों के पास बीजेपी के खिलाफ एक भी बड़ा मामला नहीं है. वहीं, ज़्यादातर केस उन नेताओं और दलों पर दर्ज हैं जो सरकार की आलोचना करते हैं. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है. जब जांच एजेंसियां निष्पक्ष न रहें, तो जनता का भरोसा टूटता है. यही हाल आज देश में देखने को मिल रहा है.
RSS की विचारधारा से INDIA गठबंधन की असहमति
राहुल गांधी ने साफ कहा कि INDIA गठबंधन की पार्टियां RSS की मूल विचारधारा से सहमत नहीं हैं. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर गठबंधन पूरी तरह एकजुट है. हालांकि, रणनीति को लेकर मतभेद हो सकते हैं. ये मतभेद चलते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि संसद के भीतर INDIA गठबंधन एक साथ खड़ा है. जिन कानूनों से वे सहमत नहीं होंगे, उन पर बीजेपी का खुलकर विरोध किया जाएगा. राहुल गांधी का आरोप है कि बीजेपी संविधान की मूल भावना को कमजोर कर रही है. राज्यों, भाषाओं और धर्मों के बीच समानता खत्म करने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगा.
7 मौके जब राहुल गांधी के बयानों से मची सियासी हलचल
यह पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी के विदेश में दिए गए बयानों पर देश की राजनीति गरमा गई हो. जब-जब राहुल गांधी विदेश यात्रा पर गए, उनके कुछ बयानों ने सियासी तूफान खड़ा किया. इन बयानों को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए. वहीं कांग्रेस ने हमेशा कहा कि राहुल गांधी ने लोकतंत्र और संविधान की बात की है.
राहुल गांधी के ये बयान सिर्फ मंच तक सीमित नहीं रहे. भारत लौटते ही ये बयान संसद से लेकर टीवी डिबेट तक छा गए. आइए जानते हैं ऐसे ही 7 मौके, जब राहुल गांधी के बयानों से देश की सियासत में हलचल मच गई.
1. अमेरिका दौरा, मई 2023
मई 2023 में राहुल गांधी अमेरिका पहुंचे थे. कैलिफोर्निया में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी भारत की राजनीति के सभी संस्थानों को “नियंत्रित” कर रहे हैं. सैन फ्रांसिस्को में राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि देश के गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं. इन बयानों के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया.
2. ब्रिटेन यात्रा, मार्च 2023
मार्च 2023 में राहुल गांधी यूनाइटेड किंगडम गए थे. लंदन में उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन हुआ है. इसी यात्रा के दौरान राहुल ने यह भी कहा कि भारत में सांसद होना अब “काफी कठिन” हो गया है. इन टिप्पणियों को लेकर संसद में भी जमकर हंगामा हुआ.
3. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी बयान, 2022
2022 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि भारत कोई एक राष्ट्र नहीं, बल्कि “राज्यों का संघ” है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी के नजरिये में देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा शामिल नहीं है. इस दौरे में ब्रिटिश नेता जेरेमी कॉर्बिन से मुलाकात भी विवाद की वजह बनी.
4. जर्मनी और ब्रिटेन दौरा, अगस्त 2018
अगस्त 2018 में राहुल गांधी जर्मनी और ब्रिटेन पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी को सही तरीके से लागू नहीं किया गया. इसका नतीजा बेरोजगारी के रूप में सामने आया. राहुल ने आरोप लगाया कि दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. उन्होंने यह भी कहा कि गरीबों के लिए बनी योजनाओं का पैसा कुछ बड़े कॉरपोरेट घरानों को दिया जा रहा है.
5. बहरीन यात्रा, जनवरी 2018
जनवरी 2018 में बहरीन पहुंचे राहुल गांधी ने वहां रह रहे भारतीयों से कहा कि भारत संकट के दौर से गुजर रहा है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे देश की मदद के लिए आगे आएं. राहुल ने यह भी कहा कि संवेदनशील मामलों की जांच कर रहे जजों की संदिग्ध हालात में मौत हो रही है.
6. बर्कले यूनिवर्सिटी बयान, सितंबर 2017
सितंबर 2017 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले में राहुल गांधी ने कश्मीर को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षाकर्मी उनके आसपास खड़े हैं, तो इसका मतलब है कि कश्मीर में सब कुछ ठीक नहीं है. उन्होंने नोटबंदी से हुए कथित आर्थिक नुकसान पर भी सरकार को घेरा.
7. न्यूयॉर्क में बयान, 2017
इसी अमेरिका दौरे के दौरान न्यूयॉर्क में राहुल गांधी ने कहा कि कुछ ताकतें भारत को बांटने का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि नफरत और हिंसा की राजनीति देश में बढ़ रही है. राहुल ने भावुक होते हुए कहा कि हिंसा का दर्द वह अच्छी तरह जानते हैं, क्योंकि इसमें उन्होंने अपनी दादी और पिता को खोया है.
राहुल गांधी के बयानों पर क्यों होता है विवाद?
- बयान अक्सर विदेश में दिए जाते हैं
- बीजेपी इसे भारत की छवि से जोड़कर देखती है
- लोकतंत्र, संस्थाओं और आज़ादी पर सवाल उठते हैं
- बयान सत्ताधारी दल पर सीधे हमला करते हैं
- चुनावी माहौल में ये मुद्दे और तेज हो जाते हैं
विदेश दौरों और विवादों की एक झलक
| वर्ष | देश / स्थान | मुख्य बयान | विवाद की वजह |
|---|---|---|---|
| 2017 | अमेरिका (बर्कले, न्यूयॉर्क) | कश्मीर, नोटबंदी, नफरत की राजनीति | राष्ट्रीय सुरक्षा और छवि |
| 2018 | बहरीन | भारत संकट में है | न्यायपालिका और लोकतंत्र |
| 2018 | जर्मनी-ब्रिटेन | बेरोजगारी, कॉरपोरेट लाभ | आर्थिक नीतियां |
| 2022 | ब्रिटेन (कैंब्रिज) | भारत राज्यों का संघ | राष्ट्र की परिभाषा |
| 2023 | ब्रिटेन | अभिव्यक्ति की आज़ादी का दमन | लोकतंत्र पर सवाल |
| 2023 | अमेरिका | आरएसएस-बीजेपी का नियंत्रण | संस्थाओं की स्वतंत्रता |
राहुल गांधी के विदेश में दिए गए ये बयान हर बार भारतीय राजनीति में नई बहस छेड़ देते हैं. समर्थक इसे लोकतंत्र की आवाज़ बताते हैं. विरोधी इसे देश की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला करार देते हैं. यही वजह है कि राहुल गांधी के बयान हर बार सुर्खियों में आ जाते हैं.
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