Special Coverage
संसद में किसने पी ई-सिगरेट, शिकायत मिलने के बाद क्या स्पीकर ओम बिरला लेंगे एक्शन?
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Thursday, December 11, 2025
Last Updated On: Thursday, December 11, 2025
लोकसभा में गुरुवार को उस समय माहौल गर्म हो गया जब बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने एक टीएमसी सांसद पर सदन के अंदर ई-सिगरेट पीने का गंभीर आरोप लगा दिया. स्पीकर ओम बिरला ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा- मर्यादा तोड़ने वालों पर कार्रवाई तय है. आखिर संसद में ई-सिगरेट का मामला इतना बड़ा मुद्दा क्यों बन गया?
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Thursday, December 11, 2025
Om Birla: भारतीय संसद का वातावरण गुरुवार को अचानक तनावपूर्ण हो गया जब बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक सनसनीखेज आरोप लगाया. उनका दावा था कि तृणमूल कांग्रेस का एक सांसद (जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया) कई दिनों से सदन के अंदर ई-सिगरेट पी रहा है जो न सिर्फ संसद की मर्यादा के खिलाफ है, बल्कि भारतीय कानून का भी उल्लंघन है. जैसे ही ठाकुर ने स्पीकर ओम बिरला से सवाल किया क्या सदन में ई-सिगरेट की अनुमति है? सदन में हंगामा शुरू हो गया.
स्पीकर ओम बिरला ने तुरंत मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि संसद की गरिमा सर्वोपरि है और अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है तो नियमों के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी. मालूम हो कि भारत में ई-सिगरेट पहले से ही कानूनन प्रतिबंधित हैं और संसद परिसर में धूम्रपान पूरी तरह वर्जित है. ऐसे में आरोपों ने राजनीतिक माहौल को और गरम कर दिया है. यह विवाद संसद की शुचिता और सांसदों की जिम्मेदारी पर एक अहम सवाल खड़ा कर देता है.
गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया
ई-सिगरेट विवाद पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक निजी टीवी चैनल से साफ कहा कि ई-सिगरेट पीना किसी भी हालत में ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यह काम अगर कोई आम व्यक्ति करे तो भी गलत है, लेकिन अगर यह गलती कोई सांसद कर दे, तो यह और भी शर्मनाक हो जाता है. गिरिराज सिंह ने कहा कि जनता के बीच काम करने वाले नेताओं को कानून मानने की मिसाल बनना चाहिए. उनसे उम्मीद की जाती है कि वे नियम तोड़ने वालों में नहीं, बल्कि नियम पालन करने वालों में शामिल हों.
भारत में ई-सिगरेट क्यों पूरी तरह बैन हैं?
भारत में ई-सिगरेट पर 2019 से पूरी तरह प्रतिबंध है. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम 2019 के तहत ई-सिगरेट का निर्माण करना, बेचना, खरीदना, आयात करना या स्टोर करना सब अवैध है. यहां तक कि ई-सिगरेट से जुड़े किसी भी तरह के विज्ञापन या प्रचार पर भी रोक है. सरकार का तर्क है कि ई-सिगरेट युवाओं में तेजी से बढ़ रही लत बन रही थी, इसलिए इसे पूरी तरह बंद करना ज़रूरी था.
संसद परिसर में धूम्रपान सख्त वर्जित
भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पहले से ही प्रतिबंधित है. संसद भवन भी इन्हीं नियमों के दायरे में आता है. किसी भी सांसद, कर्मचारी या आगंतुक को संसद परिसर में सिगरेट या ई-सिगरेट पीने की अनुमति नहीं है. 2015 में संसद के अंदर बना स्मोकिंग रूम बंद किए जाने पर भी काफी विवाद हुआ था. कई सांसदों ने उस समय इस फैसले का विरोध किया था, लेकिन तब भी नियम सख्ती से लागू किए गए थे.
यह भी पढ़ें :- थाईलैंड पुलिस की हिरासत में लूथरा ब्रदर्स, जानें कब लाए जाएंगे भारत?















