Modi Visit In Uttarakhand: मां गंगा ने बुलाया है से, मां गंगा ने लिया है गोद तक

Modi Visit In Uttarakhand: मां गंगा ने बुलाया है से, मां गंगा ने लिया है गोद तक

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Friday, March 7, 2025

Updated On: Friday, March 7, 2025

प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड दौरे पर, मां गंगा की शीतकालीन गद्दी मुखवा में पूजा-अर्चना करते हुए
प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड दौरे पर, मां गंगा की शीतकालीन गद्दी मुखवा में पूजा-अर्चना करते हुए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर आज उत्तरकाशी पहुंचे. वहां उन्होंने मां गंगा की शीतकालीन गद्दी मुखवा में पूजा-अर्चना की. पूजा-अर्चना के बाद प्रधानमंत्री ने हर्षिल से उत्तराखंड में शीतकालीन तीर्थाटन और पर्यटन की जोरदार ब्रांडिंग की.

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Friday, March 7, 2025

हाईलाइट

  • प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने की ‘घाम तापो’ के तौर पर, उत्तराखंड विंटर टूरिज्म (Uttarakhand Winter Tourism)की ब्रांडिंग.
  • कॉरपोरेट जगत, फिल्म इंडस्ट्री, योग साधक, युवाओं से शीतकाल में उत्तराखंड का रुख करने का किया आग्रह.
  • उत्तराखंड (Uttarakhand) में बारह महीने पर्यटन गतिविधियां जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

Modi Visit In Uttarakhand: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मां गंगा (Gangotri) की शीतकालीन गद्दी मुखवा पहुंचे. स्वतंत्र भारत में पहली बार कोई प्रधानमंत्री मुखवा जैसे पावन भूमि पर आए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के आमंत्रण पर यहां आए प्रधानमंत्री ने सर्वप्रथम मां गंगा की पूजा अर्चना की. उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी इस धरोहर को न केवल श्रद्धा के भाव से निहारा, बल्कि हिमालय की गोद में बैठकर पर्यटन और आध्यात्मिक यात्रा को भी नए आयाम दिए.

गंगा (Ganga) ने बुलाया से गोद तक

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस दौरे पर पर्यटन एवं सेब बागान के लिए प्रसिद्ध हर्षिल में एक जनसभा को भी संबोधित किया. यहां उन्होंने मां गंगा को नमन करते हुए कहा कि मां गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहा हूं. मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला. इनके आशीर्वाद से ही काशी (Kashi) पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहा हूं.
मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया. आज यहां आकर ऐसी अनुभूति हो रही है, मानो जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद में ले लिया है. यह अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि मैं आज मुखवा गांव पहुंच पाया हूं.

तीर्थाटन (Pilgrimage) और पर्यटन (Tourism) को नवजीवन

प्रधानमंत्री मोदी की उत्तराखंड यात्रा ऐसे समय में हो रही है, चार धाम की शीतकालीन यात्रा (Winter Trip) अपने अंतिम चरण में है. करीब दो महीने बाद चार धाम यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है. उसकी तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री के इस एक प्रवास से उत्तराखंड की धार्मिक (तीर्थाटन) और पर्यटन दोनों को नवजीवन मिला है. इसका कारण यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘घाम तापो पर्यटन’ से लेकर योग शिविर, कॉरपोरेट सेमिनार, फिल्म शूटिंग और सोशल मीडिया प्रचार आदि के लिए लोगों को उत्तराखंड आने का आह्वान किया

यह दशक उत्तराखंड का

प्रधानमंत्री मोदी ने आज यह भी कहा कि कुछ साल पहले जब वे बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है. ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति बाबा केदार की थी. अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे-धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं. ये दशक अब उत्तराखंड का बन रहा है. राज्य की प्रगति के लिए, नए-नए रास्ते खुल रहे हैं. जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है.

‘घाम तापो पयर्टन’

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में गर्मियों के सीजन में चारधाम (Chardham) यात्रा पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन सर्दियों में उनकी संख्या नगण्य हो जाती है. इसलिए प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों खासकर युवाओं से सर्दियों में उत्तराखंड आने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है, तो पहाड़ों में आप धूप का आनंद ले सकते हैं.’ गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो पयर्टन’ कहा जाता है. प्रधानमंत्री ने देश के कॉरपोरेट से भी उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म से जुड़ने की अपील की. यहां बैठकें, प्रदर्शनी, कांफ्रेंस आदि करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट की मीटिंग, कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, एग्जीबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती है. यहां आकर योग और आयुर्वेद के जरिए आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं. इसी तरह कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूलों के नौजवान विंटर ट्रिप के लिए उत्तराखंड आ सकते हैं.

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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