बयानवीरों के बयान जो बने सुर्खियां (लोकसभा चुनाव 2024)
Authored By: Tarun Vats
Published On: Thursday, June 13, 2024
Updated On: Thursday, December 12, 2024
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के दिन से लेकर अंतिम दौर के मतदान तक कई बयानवीर के बोल सुर्खियों में छाये रहे। एक नजर उन बयानों पर जो सुर्खियां बने।
Authored By: Tarun Vats
Updated On: Thursday, December 12, 2024
बयानबाजी का तांडव, राजनीति की गरिमा पर कलंक
साल 1951-52 के बाद 19 अप्रैल से 1 जून तक सबसे लंबे समय तक चले चुनाव के बाद अब विवादास्पद चुनावी मुद्दे, तीखी बयानबाजी का विश्लेषण जरूरी है क्योंकि यह उन नेताओं के लिए सबक है जो इन अनर्गल मुद्दों के जरिए जनता को गुमराह करना चाहते थे। कुछ नेता तो केवल सुर्खियों में बने रहने के लिए बयानवीर बन गये थे, जबकि उनको स्वयं ही अपने बयान के निहितार्थ भी नहीं मालूम थे। हालांकि खटाखट, जिहाद, घुसपैठिये, दिल्ली वाले अंकल जैसे शब्द भी सुर्खियां बने। उन सुर्खियों और बयाबाजों पर एक नजर डालते हैं-
सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के जहरीले और विवादित बयान
वैसे तो कांग्रेस नेता रहे सैम पित्रोदा अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर रहे हैं। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में तो उन्होंने सारी हदें पार कर दी। सबसे पहले पित्रोदा ने कहा कि भारत में भी अमेरिका की तरह विरासत टैक्स लगाना चाहिए। सैम पित्रोदा यहीं रुके एक मूर्खतापूर्ण बयान में उन्होंने कहा था कि भारत के ईस्ट में रहने वाले चीनी, साउथ में रहने वाले अफ्रीकन की तरह हैं। हालांकि दोनों बयानों से कांग्रेस ने किनारा कर लिया था। लेकिन तब तक तो उनके बयान ने जो करना था कर दिया था।
फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah)
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर अपने बयान से पाकिस्तान प्रेम जाहिर कर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पीओके का भारत में विलय होगा वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए फारूक ने कहा कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं..उसके पास परमाणु बम भी है जो हम पर गिरेंगे।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi)
जाति जनगणना के मुद्दे पर मुखर रहने वाले राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान कहा कि मुझे जाति में कोई रुचि नहीं है। मुझे न्याय में इंटरेस्ट है। अपनी बात को उलट उन्होंने नुकसान होते देख कहा कि लोगों के साथ हो रहे अन्याय को जानने के लिए मैंने जाति जनगणना की बात की थी। हालांकि चुनाव परिणाम को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि राहुल गांधी की जाति आधारित राजनीति कांग्रेस पार्टी के पक्ष में गई है।
धर्म के आधार पर आरक्षण (Reservation on the basis of Religion)
कांग्रेस के तुष्टीकरण नीति से तो पूरा भारत परिचित है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सारी हदें पार कर दीं। और उसके आत्मघाती वादे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कांग्रेस हर चुनावी रैलियों और सभाओं में जमकर निशाना साधा। इस मुद्दे को आधार बनाकर भाजपा ने पूरे चुनाव के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
मंगलसूत्र
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया मंगलसूत्र का बयान काफी सुर्खियों में रहा। पीएम ने बांसवाड़ा में कहा था कि वे आपके मंगलसूत्र को भी नहीं छोड़ेंगे। पीएम ने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र कहता है कि वे आपके सोने के बारे में जानकारी लेंगे और आपकी संपत्ति को उन लोगों में बांटा जाएगा, जिनके ज्यादा बच्चे हैं, जो घुसपैठियों हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तुलना कुत्तों से
दक्षिण में नेताओं के बोल कोबरा नाग के विष से भी जहरीले होते हैं। इसी क्रम में बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तुलना आवारा कुत्तों से कर दी थी। हालांकि इस बयान के लिए उन पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे तक प्रचार करने पर बैन लगा दिया था।
पंद्रह सेकंड के लिए पुलिस हटा लो
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन के बयान (2013 में) पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के नवनीत कौर राणा ने कहा कि अगर हैदराबाद में 15 सेकेंड के लिए पुलिस हट जाए तो पता भी नहीं चलेगा दोनों भाई कहां गए।
ममता पर भरोसा नहीं
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इंडी गठबंधन को समर्थन देने के बयान पर कहा था कि तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी पर उन्हें भरोसा नहीं है। अधीर ने कहा था कि ममता गठबंधन छोड़कर भागी थीं, इसलिए ममता पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।
इसी तरह अन्य मुद्दे जो पूरे चुनाव में छाए रहे
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