मोदी के शपथ ग्रहण (Oath Ceremony of Modi) में कौन-कौन राष्ट्राध्यक्ष रहेंगे मौजूद
Authored By: Gunjan Shandilya
Published On: Saturday, June 8, 2024
Updated On: Thursday, June 27, 2024
एनडीए (NDA) सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भूटान नरेश, श्रीलंका के राष्ट्रपति, नेपाल, बांग्लादेश और मॉरीशस के प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजा गया है। इनके अलावा मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजे जाने की खबर है।
कल से ही निवर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों की ओर से बधाई संदेश मिलने लगा है। किसी ने फोन से तो किसी ने पत्र लिखकर तो कइयों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी मोदी के लिए बधाई संदेश लिखा। बधाई देने का दौर एनडीए घटक दलों के बैठक से बहुत पहले शुरू हो गया था। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन जैसे बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने फोन कर मोदी को लगातार तीसरी बार जीत की बधाई दी। सरकार के विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रण भेजा गया है।
एक विश्वस्त अधिकारी ने बताया कि सरकार के शपथ ग्रहण समारोह (Oath Taking Ceremony)में शामिल होने के लिए नरेन्द्र मोदी की ओर से भूटान नरेश, श्रीलंका के राष्ट्रपति, नेपाल, बांग्लादेश और मॉरीशस के प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजा गया है। इनके अलावा मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजे जाने की खबर है। इनमें से कौन-कौन से राष्ट्राध्यक्ष शपथ ग्रहण समारोह में आएंगे, इसकी आधिकारिक जानकारी कल तक मिलने की संभावना है।
कल होगी एनडीए सांसदों की बैठक
कल यानी 7 जून को एनडीए के सांसदों की बैठक होने जा रही है। यह बैठक संसद भवन के सेंट्रल हॉल में होगा। जानकारी के मुताबिक सांसदों की बैठक 11 बजे बुलाई गई है। इस बैठक में एनडीए के सांसद नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुनेंगे। इसके बाद संभावना है कि नरेन्द्र मोदी एनडीए के कुछ प्रमुख नेताओं के साथ राष्ट्रपति भवन जाएंगे और वहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बताया यह भी जा रहा है कि संभवतः 8 या 9 जून को मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
मतगणना के अगले दिन यानी कल प्रधानमंत्री आवास लोक कल्याण मार्ग पर एनडीए घटक दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, शिवसेना नेता एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, जयंत चौधरी, अनुप्रिया पटेल आदि मौजूद थीं। बैठक में घटक दलों ने एनडीए को एकजुट रहने की बात कही साथ ही सभी दलों के प्रमुख नेताओं ने अपना समर्थन पत्र भाजपा (BJP) को सौंपा।
शपथ ग्रहण में पड़ोसी देशों को निमंत्रण
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह में कई पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्ष उपस्थित रह सकते हैं। इसके पहले 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, इस समारोह में भी दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे। उस समारोह में सार्क देशों को निमंत्रण भेजा गया था। तब सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्ष आए थे। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी आए थे। तीसरे शपथ ग्रहण में नरेन्द्र मोदी की ओर से अब छह पड़ोसी देशों को निमंत्रण भेजा गया है। इसमें भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के नाम शामिल हैं। नरेन्द्र मोदी के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में किसी विदेशी मेहमान को इस तरह नहीं बुलाया गया था।
मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू को भी निमंत्रण
विदेशी मेहमानों में सबसे महत्वपूर्ण नाम मालदीव के राष्ट्रपति का है। जानकारी के मुताबिक मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (President of Maldives Mohammed Muizz) को भी निमंत्रण भेजा गया है। दरअसल, पिछले साल जब मुइज्जू ने मालदीव में सत्ता संभाली तब से मालदीव और भारत के संबंध में थोड़ा खटास आया है। क्योंकि माना जाता है कि मुइज्जू चीन के बेहद करीब हैं। उन्होंने सत्ता में आने के बाद मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को वापस जाने का भी आदेश दिया था। इसलिए शपथ ग्रहण में मुइज्जू का आना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यही नहीं कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लक्षद्वीप दौरे गए थे। उस दौरे का कुछ फोटो प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया पर डाला था। मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के उस तस्वीरों पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक विवाद बढ़ गया था। हालांकि बाद में इस विवाद को शांत करने के लिए मालदीव ने अपने तीनों मंत्रियों को हटा दिया था। मुइज्जू के चीन के करीब होने के बाद भी समय-समय पर भारत ने मालदीव की मदद करता रहा। विदेश मामलों के विशेषज्ञ इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीतिक दक्षता की ओर इशारा करते हैं।
यह भी पढ़ें
news via inbox
समाचार जगत की हर खबर, सीधे आपके इनबॉक्स में - आज ही हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें।