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Maharastra Assembly Election: परिवर्तन महाशक्ति के आकार लेने से किसे होगा नफा किसे नुकसान
Maharastra Assembly Election: परिवर्तन महाशक्ति के आकार लेने से किसे होगा नफा किसे नुकसान
Authored By: Gunjan Shandilya
Published On: Tuesday, October 22, 2024
Updated On: Tuesday, October 22, 2024
महाराष्ट्र में चुनाव की घोषणा के बाद एक तीसरा गठबंधन ने आकार ले लिया है। परिवर्तन महाशक्ति के नाम से बने इस गठबंधन का लाभ महायुति उठाती है या आघाडी, यह देखना दिलचस्प होगा।
महाराष्ट्र में चुनाव की घोषणा हो गई है। प्रदेश में पहले मुख्यतः चार पार्टियां थी। शिवसेना और राष्ट्रवादी पार्टी में टूट के बाद अब इसकी संख्या छह हो गई है। ये छह राजनीतिक दल अलग-अलग दो गठबंधन में शामिल है। भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली महायुति सत्ता में है तो कांग्रेस की अगुवाई वाली महाविकास आघाडी अभी विपक्ष में है।
महायुति में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) है तो महाविकास आघाडी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) शामिल है। चुनाव इन्हीं दो गठबंधनों के बीच है। लेकिन अब प्रदेश में तीसरा गठबंधन आकार लिया है। यानी अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुकबलातीं गठबंधनों के बीच होने जा रहा है। देखना यह जरुर दिलचस्प होगा कि तीसरा गठबंधन मुकाबले को कितना त्रिकोणीय बनाता है।
तीसरा गठबंधन परिवर्तन महाशक्ति
महाराष्ट्र में तीसरे गठबंधन (परिवर्तन महाशक्ति) का नेतृत्व भाजपा (BJP) के पूर्व सांसद संभाजी राजे छत्रपति कर रहे हैं। संभाजी राजे भाजपा के राज्यसभा सांसद रहे हैं। मराठा आरक्षण के आंदोलन के समय वे भाजपा से नाराज होकर अलग हो गए थे। इनके साथ राजू शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी शेतकारी पक्ष और बच्चू कुडू की नेतृत्व वाली प्रहार जनशक्ति पार्टी शामिल है। संभाजी की ओर से बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में शामिल होने के लिए मराठा आरक्षण आंदोलन के नेतृत्वकर्ता मनोज जरांगे पाटिल और भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) को आमंत्रित किया गया है।
अपने गठबंधन पर पूर्व सांसद संभाजी राजे छत्रपति कहते हैं, ‘महाराष्ट्र के लोग परिवर्तन चाह रहे हैं। यहां की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। इसलिए हम किसी को हराने के लिए नहीं बल्कि अपने उम्मीदवारों को जीताने के लिए मैदान में उतर रहे हैं।’
नफा-नुकसान का आंकलन शुरू
तीसरे गठबंधन के आकार लेने के बाद से राजनीतिक पंडितों ने इससे होने वाले चुनावी नफा-नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र के राजनीतिक विश्लेषक राजनीतिक गुना-भाग कर रहे हैं कि इस तीसरे गठबंधन का किसे लाभ होगा और किसे नुकसान।
आघाडी को हो सकता है नुकसान
ऊपर-ऊपर से भी समीक्षा करें तो आम राजनीतिक गणित यही है कि विपक्ष को चुनाव में तभी लाभ मिलता है, जब एंटीइनकम्बेंसी वोट पूरी तरह एक दल या एक गठबंधन को जाए। महाराष्ट्र में इस गठबंधन के आने से उम्मीद की जा रही है कि एंटीइनकम्बेंसी वोट में बिखराव होगा। यदि सरकार या सत्ता पक्ष के किसी दल से नाराज वोट में बिखराव होता है तो सीधा नुकसान महाविकास आघाडी गठबंधन को होगा।