अमित शाह मानहानि केस में राहुल गांधी को मिली जमानत, अदालत में हुए थे पेश
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Wednesday, August 6, 2025
Updated On: Wednesday, August 6, 2025
अमित शाह मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड के चाईबासा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी. यह मामला उनके उस बयान से जुड़ा है जिसमें उन्होंने भाजपा नेता अमित शाह को “हत्यारा” कहकर संबोधित किया था. अब यह मामला ट्रायल की ओर बढ़ेगा.
Authored By: Ranjan Gupta
Updated On: Wednesday, August 6, 2025
Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को झारखंड के चाईबासा में स्थित एमपी-एमएलए विशेष अदालत से मंगलवार को उस मानहानि मामले में सशर्त जमानत मिल गई, जो भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह को लेकर दिए गए बयान से जुड़ा है. वर्ष 2018 के कांग्रेस अधिवेशन में दिए गए इस भाषण को लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी.
इस केस में कई बार जमानती और गैर-जमानती वारंट जारी हो चुके थे, और अंततः 6 अगस्त 2025 को राहुल गांधी कोर्ट में पेश हुए, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल सकी. अब यह मामला पूरी तरह ट्रायल की प्रक्रिया में प्रवेश कर चुका है.
क्या है यह पूरा मामला ?
राहुल गांधी न्यायिक दंडाधिकारी सुप्रिया रानी तिग्गा की अदालत में खुद पेश हुए, जिसके बाद कोर्ट ने ट्रायल में सहयोग करने की शर्त पर उन्हें यह राहत दी. चाईबासा की विशेष अदालत में उपस्थित होने के लिए राहुल गांधी रांची से हेलीकॉप्टर के माध्यम से चाईबासा के लिए रवाना हुए थे. वर्ष 2018 के कांग्रेस अधिवेशन में दिए गए इस भाषण को लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को “हत्यारा” कहकर संबोधित किया था.
शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा था, “कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता. कांग्रेसजन किसी हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते हैं; यह सिर्फ भाजपा में ही संभव है.”
अदालत ने दी सशर्त जमानत
इस मामले में अप्रैल 2022 में अदालत ने पहले जमानती वारंट जारी किया, जिसके बाद फरवरी 2024 में गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया. राहुल गांधी ने अदालत में पेश होने से छूट पाने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 205 के तहत अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने उस याचिका को अस्वीकार कर दिया. इसके विरुद्ध उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया, जहां से उन्हें कुछ समय के लिए राहत मिली, लेकिन मार्च 2024 में हाईकोर्ट ने इस याचिका को समाप्त कर दिया.
इसके बाद चाईबासा की अदालत ने 22 मई 2025 को फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया. अंततः 6 अगस्त को राहुल गांधी ने स्वयं कोर्ट में हाजिर होकर उपस्थिति दर्ज कराई, जिसके पश्चात न्यायालय ने उन्हें सशर्त जमानत प्रदान की. उनकी ओर से वरिष्ठ वकील प्रदीप चंद्रा और दीपांकर रॉय ने अदालत में उनका पक्ष रखा. अब यह मामला विधिवत ट्रायल प्रक्रिया में प्रवेश कर चुका है.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)