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दिल्ली में ऐसे एक्टिव दिखे रविशंकर प्रसाद, क्या बिहार चुनाव से पहले दी जाएगी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
दिल्ली में ऐसे एक्टिव दिखे रविशंकर प्रसाद, क्या बिहार चुनाव से पहले दी जाएगी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, February 20, 2025
Updated On: Thursday, February 20, 2025
19 फरवरी के दिन भाजपा ने दिल्ली के साथ ही बिहार में कई संकेत देने की कोशिश की है. दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में बुलाई गई भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) को पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया. अरसे बाद वो ऐसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते दिखे. ऐसे मे पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को लंबे समय बाद एक बार फिर सक्रिय भूमिका मिलने की अटकलें तेज हो गई हैं. कारण, इसी वर्ष के आखिर में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Thursday, February 20, 2025
हाईलाइट्स
- दिल्ली में भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए बनाए गए पर्यवेक्षक.
- कई वर्षों बाद दिखे ऐसे महत्वपूर्ण बैठक में.
- भाजपा में रविशंकर प्रसाद की वापसी पर चर्चा तेज.
- दिल्ली से बिहार को संदेश देना चाहती है भाजपा.
राजधानी दिल्ली के झंडेवालान में संघ (RSS) के नए भवन का उद्घाटन किया गया और कुछ घंटे बाद चंद किलोमीटर की दूरी पर पंडित पंत मार्ग स्थित दिल्ली प्रदेश भाजपा (BJP) कार्यालय में बिहार से ताल्लुक रखने वाले रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) पर्यवेक्षक के रूप में 48 विधायकों की रायशुमारी करते दिखे. कुछ किलोमीटर की दूरी और चंद घंटों के अंतराल पर घटी इस घटना ने सियासी हलकों में नया स्वर दिया है. कहा जा रहा है कि अगले महीने तक भाजपा का केंद्रीय अध्यक्ष बदलने वाला है. नई टीम की घोषणा होगी. इसलिए रविशंकर प्रसाद को ऐसे एक्टिव किया गया है.
बिहार चुनाव और संघ का दबाव
दरअसल, संघ के करीबी नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कायस्थ समुदाय से आते हैं. बिहार सहित दूसरे राज्यों में इनकी जातिगत प्रतिशत बहुत अधिक नहीं है. ऐसे में बीते कुछ वर्षों से रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) को उचित कुर्सी नहीं मिली. अब चूंकि, बिहार में चुनाव होना है, तो संघ जरा सी भी चूक बर्दाश्त नहीं है. भाजपा नेतृत्व ने उन्हें संघ के बढ़ते प्रभाव और बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए फिर से प्रमुख स्थान देने का फैसला किया है.
कायस्थ समुदाय का प्रतिनिधित्व हाल के वर्षों में कमजोर पड़ा
कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा के अंदर कायस्थ समुदाय का प्रतिनिधित्व हाल के वर्षों में कमजोर पड़ा है, जबकि बिहार की राजनीति में इस समुदाय का खासा प्रभाव रहा है. पढ़े लिखे लोगों वाला यह समुदाय नैरेटिव सेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कई बार मुश्किल विषयों पर भी रविशंकर प्रसाद मीडिया के सामने पार्टी का पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखते आ रहे हैं. वे लंबे समय तक भाजपा के प्रमुख चेहरे रहे हैं. कायस्थ समुदाय को साधने के लिए रविशंकर प्रसाद की सक्रियता पार्टी के लिए लाभकारी साबित हो सकती है.
रेखा गुप्ता की साड़ी भी दे रही है संदेश
जब रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) की उपस्थिति में रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) को दिल्ली के नए मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा हुई, तो उस समय रेखा गुप्ता ने मिथिला पेंटिंग्स वाली साड़ी पहनी थी. यह साड़ी बिहार के मधुबनी क्षेत्र से विशेष संबंध रखती है. मधुबनी सहित मिथिला क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का व्यापक जनाधार है. इस क्षेत्र में ब्राह्मण और कायस्थ का बेहतर समन्वय है.
सोशल मीडिया पर रेखा गुप्ता की मिथिला पेंटिग्स वाली साड़ी के सियासी मायने भी अलग-अलग पोस्टों के माध्यम से देखने-पढ़ने को मिले हैं. बिहार में वैश्य और कायस्थ के बीच बेहतर संबंध है. ऐसे में रेखा गुप्ता के मनोनयन में रविशंकर प्रसाद का होना एक नया राजनीतिक संदेश दे रहा है.