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ट्रंप की जीत के बाद 90 हजार डॉलर के करीब पहुंची क्रिप्टो करेंसी
ट्रंप की जीत के बाद 90 हजार डॉलर के करीब पहुंची क्रिप्टो करेंसी
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, November 12, 2024
Updated On: Tuesday, November 12, 2024
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद बिटकॉइन ने जोरदार रफ्तार पकड़ी है और लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। इस आभासी मुद्रा की कीमत अब 90 हजार डॉलर के करीब पहुंच गई है। पिछले एक हफ्ते में बिटकॉइन में करीब 32 प्रतिशत की उछाल देखी गई है, जिससे यह क्रिप्टो करेंसी मार्केट में चर्चा का विषय बनी हुई है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Tuesday, November 12, 2024
बिटकॉइन को “डिजिटल गोल्ड” भी कहा जाता है, क्योंकि यह एक डिजिटल संपत्ति है जो मूल्य बनाए रखने में सक्षम है।विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल के अंत तक बिटकॉइन 1 लाख डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है। 4 नवंबर को, चुनाव से एक दिन पहले, बिटकॉइन 66,834 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। 6 नवंबर को ट्रंप की जीत के संकेतों के साथ यह 76,401.40 डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। 10 नवंबर को इसने 80,092 डॉलर और अगले दिन 81,800 डॉलर का स्तर छू लिया। आज बिटकॉइन 89,604.50 डॉलर के अपने सर्वोच्च स्तर तक पहुंचने में कामयाब रहा। चुनाव के बाद से अब तक बिटकॉइन की कीमत में 32.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बिटकॉइन एक डिजिटल और विकेंद्रीकृत मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) है, जिसे 2009 में एक गुमनाम व्यक्ति या समूह, सतोशी नाकामोटो के नाम से लॉन्च किया गया था। यह एक ऐसी मुद्रा है जो केवल इंटरनेट पर मौजूद होती है और इसे न तो छापा जा सकता है, न ही किसी भौतिक रूप में देखा जा सकता है। बिटकॉइन को पूरी तरह डिजिटल रूप में बनाए रखा जाता है और इसे डिजिटल वॉलेट में संग्रहीत किया जा सकता है।
बिटकॉइन को लेकर कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं
- विकेंद्रीकरण (Decentralization): बिटकॉइन किसी सरकार, केंद्रीय बैंक या किसी संगठन द्वारा नियंत्रित नहीं होता। इसका संचालन ब्लॉकचेन नामक तकनीक पर होता है, जो सभी लेन-देन का सार्वजनिक रिकॉर्ड होता है और इसे दुनिया भर में फैले कंप्यूटरों का नेटवर्क संभालता है।
- ब्लॉकचेन तकनीक: बिटकॉइन का हर लेन-देन एक ब्लॉक में दर्ज किया जाता है और ऐसे कई ब्लॉक एक चेन के रूप में जुड़े होते हैं, जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं। यह तकनीक बिटकॉइन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाती है।
- खनन (Mining): बिटकॉइन खनन एक प्रक्रिया है जिसमें कंप्यूटर कठिन गणनाओं को हल करके नए बिटकॉइन उत्पन्न करते हैं। खनन के माध्यम से ही बिटकॉइन की आपूर्ति नियंत्रित होती है और खनिकों को इसका इनाम बिटकॉइन के रूप में मिलता है।
- सीमित आपूर्ति: बिटकॉइन की आपूर्ति को 21 मिलियन तक सीमित रखा गया है। इसका मतलब है कि अधिकतम 21 मिलियन बिटकॉइन ही बनाए जा सकते हैं, जिससे इसकी आपूर्ति सीमित रहती है और यह मुद्रा महंगी होती जाती है।
- गोपनीयता और सुरक्षा: बिटकॉइन की लेन-देन प्रक्रिया में किसी व्यक्ति का नाम या पहचान शामिल नहीं होती, केवल डिजिटल वॉलेट की पहचान होती है। यह गोपनीयता और सुरक्षा प्रदान करता है।
- लेन-देन का माध्यम: बिटकॉइन को सामान खरीदने, सेवाओं के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, हालांकि इसे सभी जगह स्वीकार नहीं किया जाता।
- निवेश का माध्यम: बिटकॉइन एक निवेश के रूप में भी लोकप्रिय है। इसकी कीमत में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, जिससे निवेशक इसे खरीदते और बेचते हैं।
- बिटकॉइन वॉलेट: बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जा सकता है। ये वॉलेट मोबाइल ऐप, डेस्कटॉप ऐप या हार्डवेयर डिवाइस के रूप में हो सकते हैं, जहां बिटकॉइन सुरक्षित रहते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति: बिटकॉइन को कई देशों में स्वीकार किया जा रहा है, हालांकि कुछ देशों में इसे अवैध भी घोषित किया गया है।
- जोखिम और अस्थिरता: बिटकॉइन की कीमत में बहुत उतार-चढ़ाव होता है, जिससे इसमें जोखिम अधिक होता है।
जानकारों के अनुसार, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में इस तेजी का मुख्य कारण ट्रंप का क्रिप्टो के लिए सपोर्टिव रूल्स बनाने का वादा है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बिटकॉइन रिजर्व बनाने, क्रिप्टो माइनिंग को बढ़ावा देने और डिजिटल एसेट्स के लिए एक रेगुलेटर नियुक्त करने की बात कही थी।
इस साल जनवरी से बिटकॉइन की कीमत में अब तक 51 हजार डॉलर से अधिक की तेजी आ चुकी है। जनवरी में यह 38,500 डॉलर के स्तर तक गिर गया था, लेकिन इसके बाद इसमें जोरदार उछाल देखने को मिला है। क्रिप्टो एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी इक्विटी ट्रेडेड फंड्स और यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के कारण भी बिटकॉइन को सपोर्ट मिला है।
क्रिप्टो मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगामी दिनों में मुनाफा वसूली के चलते बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में मामूली गिरावट आ सकती है। मार्केट एक्सपर्ट विनीत जैन का कहना है कि नवंबर के अंत तक बिटकॉइन में थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है, लेकिन दिसंबर में यह तेजी फिर से लौट सकती है। यदि वैश्विक हालात स्थिर रहे, तो इस साल के अंत तक बिटकॉइन पहली बार 1 लाख डॉलर के स्तर को पार कर सकता है।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)