समझ कर करें मतदान

समझ कर करें मतदान

Authored By: Sunil Galgotia

Published On: Sunday, April 14, 2024

Last Updated On: Thursday, June 20, 2024

sunil galgotia chairman of galgotia university
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दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र भारत में लोकसभा चुनाव एक महापर्व की तरह है। 18वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में होने जा मतदान के लिए राजनीतिक दलों की सरगर्मियां जहां अपने चरम पर हैं, वहीं देश के आम नागरिकों में भी इसके प्रति गहरी दिलचस्पी है। भाजपा के नेतृत्व वाला राजग गठबंधन इस [...]

Authored By: Sunil Galgotia

Last Updated On: Thursday, June 20, 2024

दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र भारत में लोकसभा चुनाव एक महापर्व की तरह है। 18वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में होने जा मतदान के लिए राजनीतिक दलों की सरगर्मियां जहां अपने चरम पर हैं, वहीं देश के आम नागरिकों में भी इसके प्रति गहरी दिलचस्पी है। भाजपा के नेतृत्व वाला राजग गठबंधन इस बार चार सौ पार सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के प्रति आश्वस्त नजर आ रहा है, जबकि विपक्षी दल आईएनडीआईए गठबंधन के तहत एकजुट होने की असफल कोशिश करते नजर आए। अब नागरिकों के हाथ में यह अधिकार है कि वे अपने मत का प्रयोग करके उस दल की सरकार बनाने में योगदान दें, जो देश को विकसित भारत के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ाने के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना सके। साथ ही नागरिकों को भी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सड़क जैसी गुणवत्तायुक्त बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दे। 

राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश करते रहे हैं। जाहिर है कि ऐसा इस बार भी होगा। चूंकि इन दिनों एआई और डीपफेक जैसी तकनीक दुनियाभर में चर्चा में है, तो स्वाभाविक है कि भारत में भी इनके उपयोग के साथ-साथ दुरुपयोग भी देखने को मिल सकता है। ऐसे में निर्वाचन आयोग के साथ साथ जनता को जागरूक और सावधान रहना होगा, ताकि कोई चूक न हो और ईमानदार और देश के विकास के प्रति समर्पित उम्मीदवार चुने जा सकें। आमतौर पर यह देखा जाता रहा है कि देश के अधिकतर नागरिक अपने मताधिकार के प्रयोग को लेकर उदासीन रहते हैं और मत देने नहीं जाते। ऐसे में अमूमन मतदान का औसत 50-55 प्रतिशत के आसपास ही सिमट कर रह जाता है। कई जगह खासकर महानगरों और बड़े शहरों में तो यह औसत 50-45 प्रतिशत से भी नीचे चला जाता है। देश के लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह स्थिति ठीक नहीं है। आप सब जानते हैं लोकतंत्र में लोक यानी आप मतदाता ही किसी भी राजनीतिक दल या कद्दावर समझे जाने वाले नेता को अपने वोट की ताकत से अर्श से फर्श पर पहुंचा सकते हैं। आज जब हमारा देश दुनिया में अलग पहचान बनाते हुए विकसित राष्ट्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर है ऐसे में हम सभी को अपने वोट की ताकत को समझते हुए अधिकाधिक संख्या में मतदान स्थलों पर पहुंचकर हर तरह से उपयुक्त उम्मीदवार को अपना मत देने के लिए तत्पर रहना चाहिए। आप यह न समझें कि आपके एक वोट से क्या होगा क्योंकि यदि देश का हर मतदाता यही सोचकर घर बैठ जाए तो जरा सोचें हमारा लोकतंत्र भला कैसे मजबूत रह पाएगा। इसलिए इस लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने से आप पीछे न रहें। आप दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें ताकि सभी बढ़ चढ़कर मतदान के महापर्व में हिस्सा ले सकें। इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी के बहकावे या चिकनी चुपड़ी बातों में न आएं। साथ ही डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों के दुरुपयोग को भी समझने पर ध्यान दें ताकि आपके कोई धोखाधड़ी  हो सके।

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