Special Coverage
क्या है कवच4.0, जिसे अपनाने से भारतीय रेल को मिल रहा है ये लाभ
क्या है कवच4.0, जिसे अपनाने से भारतीय रेल को मिल रहा है ये लाभ
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, November 4, 2024
Updated On: Monday, November 4, 2024
कवच 4.0 भारतीय रेलवे द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक ट्रेन सुरक्षा प्रणाली का नवीनतम संस्करण है, जिसे ट्रेन संचालन की सुरक्षा और कुशलता में सुधार करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है। यह प्रणाली स्वचालित ब्रेकिंग और टक्कर-रोधी तकनीक से लैस है, जिससे रेलवे दुर्घटनाओं में कमी आने की संभावना है।
कवच (Kavach) 4.0 प्रणाली भारतीय रेलवे को आधुनिक और सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। यह रेलवे की पुरानी सुरक्षा प्रणालियों के मुकाबले अधिक प्रभावी और सटीक है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही, इस तकनीक से रेलवे का परिचालन भी सुगम होगा, जिससे समय पर गंतव्य तक पहुंचने की संभावनाएं बढ़ेंगी।
कवच 4.0 की कुछ प्रमुख विशेषताएं और कार्य निम्नलिखित हैं
- टक्कर-रोधी तकनीक: कवच 4.0 में सिग्नलिंग सिस्टम को अत्यधिक संवेदनशील बनाकर, ट्रेन की गति और दूरी का सटीक अंदाज लगाने में सहायता मिलती है, जिससे टक्कर की संभावनाओं को रोका जा सकता है।
- स्वचालित ब्रेकिंग प्रणाली: यदि ट्रेन खतरे वाले सिग्नल के करीब जाती है, तो कवच 4.0 स्वत: ही ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देता है, जिससे संभावित दुर्घटना टल जाती है।
- तेज गति पर नियंत्रण: यह प्रणाली तेज रफ्तार वाली ट्रेनों को भी सुरक्षित रखती है। अगर ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है, तो कवच 4.0 इसे नियंत्रित करता है।
- रीयल-टाइम मॉनिटरिंग: कवच 4.0 की मदद से ट्रेनों की स्थिति और गति पर लगातार नज़र रखी जा सकती है, जिससे यात्रियों और रेलवे अधिकारियों को आवश्यक जानकारी तुरंत मिलती है।
- उपग्रह नेविगेशन प्रणाली: इस प्रणाली को जीपीएस और उपग्रह आधारित तकनीक से जोड़कर, ट्रेन की लोकेशन को रीयल-टाइम में ट्रैक किया जा सकता है।
कवच 4.0 के माध्यम से भारतीय रेलवे के सुरक्षा मानकों को और भी मजबूत करने की योजना है, जिससे रेलवे यात्रियों को एक सुरक्षित और भरोसेमंद यात्रा अनुभव प्रदान किया जा सके।
भारतीय रेल अपने नेटवर्क में ट्रेन परिचालन को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई एक स्वदेशी उन्नत संरक्षा प्रौद्योगिकी प्रणाली- कवच 4.0 के सफल कार्यान्वयन की ओर अग्रसर है। कवच 4.0 दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रेनों के सुचारू परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेल द्वारा विकसित एक उन्नत व्यापक, प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान है, जो संरक्षा एवं नियंत्रण की एक अतिरिक्त स्तर प्रदान करता है। यह प्रणाली स्वचालित रूप से ब्रेक लगाने में सक्षम है, यदि लोको पायलट ब्रेक लगाने में विफल हो जाता है। चूँकि यह ड्राइवर के कैब में वास्तविक समय लाइन-साइड सिग्नल को प्रदर्शित करता है और रेडियो-आधारित संचार के माध्यम से निरंतर गतिविधियों का अपडेट प्राधिकरण को प्रदान करता है। अन्य प्रमुख विशेषताओं में समपार फाटकों पर स्वचालित सीटी के बजने, टकराव को रोकने के लिए इंजन से इंजन का संचार और आपात स्थिति में अधिकारियों को सचेत करने के लिए एक एसओएस कार्य प्रणाली शामिल हैं।
कवच 4.0 प्रणाली कई महत्वपूर्ण तकनीकी घटकों पर आधारित
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया है कि कवच 4.0 प्रणाली कई महत्वपूर्ण तकनीकी घटकों पर आधारित है, जिसमें स्टेशन कवच शामिल है, जो इंजन को दिशा देने के लिए लोको कवच और सिग्नलिंग सिस्टम से सूचना प्राप्त करता है और आरएफआईडी टैग, जो नियमित अंतराल पर पटरियों के साथ लगाए जाते हैं तथा ट्रेन के स्थान एवं दिशा की निगरानी के लिए सिग्नल प्वाइंट पर लगाए जाते हैं। संचार की रीढ़, जिसमें ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल और संचार टावर का संयोजन हैं तथा इंजन एवं स्टेशन के बीच सूचनाओं का निर्बाध आदान-प्रदान सुनिश्चित करते हैं। इसके अतिरिक्त, ड्राइवर मशीन इंटरफेस (डीएमआई) सीधे कैब के भीतर लोको पायलटों को त्वरित निर्णय के लिए आवश्यक सूचना जैसे सिग्नल पहलूओं और परिचालन गतिविधियाँ संबंधित प्राधिकार को प्रदान करता है।
इस प्रणाली में रिले-आधारित इंटरलॉकिंग, सिग्नल संचार के लिए यूएचएफ रेडियो, सटीक स्थान ट्रैकिंग के लिए आरएफआईडी, सुरक्षित संचार के लिए जीएसएम (GSM) और सटीक समय समन्वय के लिए जीपीएस (GPS) जैसी कई उन्नत तकनीक शामिल है। आधुनिक तकनीक का यह एकीकरण रेलवे की संरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक समाधान अपनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
तकनीक के लाभ से कनेक्टिविटी सिस्टम सुचारू रूप से परिचालन सुनिश्चित
भारतीय रेल (Indian Rail) द्वारा 10,000 इंजनों में कवच 4.0 का क्रियान्वयन इसके बुनियादी ढांचे को आधुनिक और संरक्षा मानकों को बेहतर बनाने की एक व्यापक पहल है। कवच 4.0 जैसी तकनीक के लाभ से कनेक्टिविटी सिस्टम सुचारू रूप से परिचालन सुनिश्चित करेगी, मानवीय त्रुटि को कम करेगा और सबसे महत्वपूर्ण रूप से दुर्घटनाओं की रोकथाम करेगा। इस प्रकार, यह पहल हमारे रेल यात्रियों के लिए एक सुरक्षित यात्रा वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चूंकि कवच प्रणाली को पहले ही भारतीय रेल नेटवर्क के प्रमुख रूटों पर स्थापित किया जा चुका है, इसलिए उन्नत 4.0 प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर मौजूदा प्रणालियों की जगह प्रतिस्थापित किया जाएगा। पूसीरे देश की रेल कनेक्टिविटी प्रणाली का एक हिस्सा होने के कारण जल्द ही इस उन्नत तकनीक प्रणाली से एकीकृत किया जाएगा, जिससे इसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षित, अधिक विश्वसनीय और कुशल रेल सेवाएं उपलब्ध होंगी।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)