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दिवाली का साइड इफेक्ट: कई क्षेत्रों में बढ़ा प्रदूषण, आग लगने की घटनाओं में दर्ज हुई वृद्धि
दिवाली का साइड इफेक्ट: कई क्षेत्रों में बढ़ा प्रदूषण, आग लगने की घटनाओं में दर्ज हुई वृद्धि
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, November 1, 2024
Updated On: Friday, November 1, 2024
दिवाली के जश्न के बाद देश के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। पटाखों और आतिशबाजी के कारण दिल्ली, मुंबई और कई अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। राजधानी दिल्ली में तो AQI कई क्षेत्रों में 500 के पार चला गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Friday, November 1, 2024
प्रदूषण के साथ-साथ आग लगने की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। दमकल विभाग ने बताया कि दिवाली की रात पटाखों के कारण आग लगने की कई घटनाएं सामने आईं, जिनमें घरों, दुकानों और खुले स्थानों में नुकसान हुआ है। विभाग ने कहा कि इस वर्ष दिवाली के दौरान आग लगने की घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले वृद्धि दर्ज की गई है
गाजियाबाद व नोएडा में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
भले ही उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने पटाखों व आतिशबाजी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी लेकिन लोगों ने दीवाली पर जमकर पटाखे व आतिशबाजी छोड़ी। जिसके बाद गाजियाबाद व नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 को पार कर गया। नतीजन दोनों ही शहर एक तरह से गैस चैम्बर बन कर रह गए है।
दीवाली की पूरी रात पटाखों का शोर और प्रदूषण पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए घातक बन गया है। खासतौर पर सांस व दमे के मरीजों के लिए यह बेहद चिंताजनक है। इसके साथ प्रदूषण के कारण आंखों में जलन महसूस हो रही है।
प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल व दुर्व्यवहार मामले में 33 लोग गिरफ्तार
काली पूजा के अवसर पर प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल और दुर्व्यवहार के आरोप में 33 लोगों को गिरफ्तार गया किया। इनमें से सात लोग प्रतिबंधित पटाखे फोड़ने के कारण गिरफ्तार किए गए, जबकि 26 अन्य को दुर्व्यवहार के आरोप में हिरासत में लिया गया। पुलिस के अनुसार, अब तक किसी भी प्रतिबंधित पटाखे को जब्त नहीं किया गया है।
पुलिस ने काली पूजा से पहले अभियान तेज करते हुए 21 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच 35 लोगों को प्रतिबंधित पटाखों के साथ गिरफ्तार किया और लगभग 3934 किलोग्राम पटाखे जब्त किए। मंगलवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने शहर के पटाखा बाजार का दौरा किया और काली पूजा व दीवाली के दौरान प्रतिबंधित पटाखों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया।
पुलिस ने सिर्फ पटाखों पर ही नहीं बल्कि पूजा पंडालों में माइक और साउंड बॉक्स के उपयोग पर भी नियंत्रण लगाया है। कोलकाता पुलिस ने इसके लिए गाइड लाइन जारी की है। कोलकाता पुलिस का यह सख्त रुख लोगों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण काली पूजा का अनुभव देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
चार साल के मुकाबले इस बार आग लगने की घटनाओं संबंधी काॅल बढ़ी
राजधानी के लोगों ने नियम को ताक पर रखकर जमकर आतिशबाजी की। यही वजह है कि आग लगने की घटनाओं में पिछले चार साल के मुकाबले इस बार इजाफा हो गया। दिवाली के मौके पर गुरुवार दिन और रात में कुल 318 कॉल दमकल विभाग को मिली। इसमें आग की 280 कॉल थी। दमकल विभाग के अनुसार वर्ष 2019 के बाद यह आंकड़ा सबसे अधिक था। वर्ष 2019 के बाद लगातार आग लगने की घटनाओं में कमी आ रही थी लेकिन इस बार यह आंकड़ा बढ़ गया।
उल्लेखनीय है कि दिवाली को देखते हुए दमकल विभाग ने अपने सभी जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी थीं। छोटी और बड़ी दीपावली पर राजधानी की सड़कों पर करीब तीन हजार जवानों को तैनात किया गया था। राजधानी दिल्ली के अलग-अलग 39 जगह पर विशेष गाड़ियों (‘रोबोट’ व ‘चैम्पियन योद्धा’) को तैनात किया गया था, इन पर जवान 24 घंटे तैनात थे।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)