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कितनी खास है पीएम मोदी की कुवैत यात्रा, 43 वर्षों बाद होगी कई उपलब्धियां
कितनी खास है पीएम मोदी की कुवैत यात्रा, 43 वर्षों बाद होगी कई उपलब्धियां
Authored By: सतीश झा
Published On: Sunday, December 22, 2024
Updated On: Sunday, December 22, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुवैत यात्रा भारतीय विदेश नीति और कुवैत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को नया आयाम देने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यह यात्रा 43 वर्षों में पहली बार हो रही है, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत का दौरा कर रहा है, जो इसे विशेष बनाता है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, December 22, 2024
प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा भारतीय और कुवैत के बीच लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों को और मजबूत करेगी। कुवैत, जो पश्चिम एशिया में भारत का एक प्रमुख साझेदार है, के साथ आर्थिक, व्यापारिक, और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना पीएम मोदी के लिए एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
कुवैत रवाना होने से पहले, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “भारत और कुवैत न केवल व्यापार और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता में भी उनकी साझा रुचि है। हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से चले आ रहे हैं।” यह दौरा भारत और कुवैत के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और भी प्रगाढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
1981 में इंदिरा गांधी ने किया था कुवैत दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुवैत दौरा भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि इससे पहले 1981 में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। इसके बाद, 2009 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी कुवैत का दौरा किया था। भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है। कुवैत में तेल की खोज से पहले, दोनों देशों के बीच खजूर और घोड़ों का व्यापार होता था, जो भारत के पश्चिमी बंदरगाहों से किया जाता था। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान, ऊर्जा, व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक मामलों पर महत्वपूर्ण बातचीत की उम्मीद जताई जा रही है। कुवैत में शेख साद अल अब्दुल्ला स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में ‘हला मोदी’ कार्यक्रम की तैयारियां चल रही हैं, जिसमें पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम से भारत और कुवैत के संबंधों को और भी मजबूती मिलने की संभावना है।
कुवैत में भारतीय समुदाय के लिए ऐतिहासिक अवसर
कुवैत में भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। पीएम मोदी की यात्रा भारतीय समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगी, क्योंकि यह कुवैत में भारतीयों के योगदान को सम्मानित करने और उनके कल्याण के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने का मौका प्रदान करेगी।
प्राकृतिक संसाधनों पर विशेष ध्यान
कुवैत, जो तेल उत्पादक देशों में प्रमुख है, से भारत के ऊर्जा संबंधों को सशक्त बनाने की दिशा में यह यात्रा अहम भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा और आपसी सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है।
व्यापार और निवेश में वृद्धि की संभावना
प्रधानमंत्री मोदी के कुवैत दौरे के दौरान व्यापार और निवेश बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कुवैत के साथ भारत का व्यापारिक संबंध महत्वपूर्ण है, और पीएम मोदी का यह दौरा इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए एक ठोस कदम हो सकता है।
उम्मीदें और संभावनाएं
यह यात्रा दोनों देशों के बीच शांति, स्थिरता, और सहयोग के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगी। कुवैत के साथ भारत की साझेदारी न केवल राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ऊर्जा, व्यापार, और समाजिक सहयोग के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है।
नया इतिहास रच रहे हैं पीएम मोदी
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, “43 वर्षों के बाद भारत के प्रधानमंत्री कुवैत जा रहे हैं… सभी मध्य पूर्व के देशों से भारत के संबंध बहुत अच्छे हुए हैं। यह भारत ही है जहां पर संयुक्त अरब अमीरात ने यह समझौता किया कि वह अपने तेल भंडार को भारत में रखेगा। इससे हमारे भी तेल भंडारण में बहुत बड़ी मदद होगी। कुवैत का प्रधानमंत्री मोदी का दौरा ऐतिहासिक रहेगा। डीज़ल-पेट्रोल को लेकर हमारी जो जरूरते हैं उसकी पूर्ति करने में कुवैत भी एक बहुत बड़ा सहभागी है… इन देशों के साथ कहीं न कहीं UPA की सरकारों ने संबंध काट दिए थे… आज सभी देशों के साथ पीएम मोदी ने इतने अच्छे संबंध बनाए हैं कि एक नया इतिहास रचा जा रहा है और भारतीयों को उन देशों में नई प्रतिष्ठा मिल रही है।”