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सक्सेस स्टोरीज (Success Stories)
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सुप्रसिद्ध शेफ विकास खन्ना के जीवन में चुनौतियां कम नहीं आईं। उन्हें बुली एवं कई बातों को लेकर शर्मसार किया गया। बेघर हुए। फिर भी कुकिंग करना नहीं छोड़ा। अमृतसर की तंग गलियों से न्यूयॉर्क में एक सफल रेस्टोरेंट शुरू करने का उनका सफर कम रोचक नहीं रहा। अपने सपने को पूरा करने की जिद्द ने विकास (Vikas Khanna) को आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया है कि 2024 के न्यूयॉर्क टाइम्स के सर्वश्रेष्ठ 14 रेस्टोरेंट्स की लिस्ट में उनका रेस्टोरेंट ‘बंगला’ (Bunglow) भी शामिल हो चुका है।
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उत्तराखंड के पर्वतीय वादियों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से प्रेरित होकर पिथौरागढ़ के हिमांशु जोशी ने गुरुग्राम की मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ चाय का स्टार्ट अप 'प्राइड ऑफ हिमालया' शुरू किया। इसके जरिये उन्होंने न सिर्फ पहाड़ी किसानों को स्वरोजगार के नए रास्ते दिखाए हैं, बल्कि राज्य के जैविक उत्पादों को दुनियाभर में पहचान दिलाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाई है। आज उनका ब्रांड न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, बल्कि एक उदाहरण बन गया है।
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फुटपाथ पर सब्जी बेचकर परिवार का गुजारा करने वाली गुरुग्राम की कृष्णा यादव आज अचार का कारोबार करके 1000 से अधिक परिवारों का सहारा बन चुकी हैं। अपने बुलंद हौसलों से कृष्णा ने ये सफर तय किया है। दिल्ली में चल रहे 43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में ‘श्री कृष्णा पिकल्स’ ब्रांड हरियाण की इन जीवट महिला की सफलता की कहानी बयां कर रहा है।
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अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन में मस्क के साथ शामिल विवेक रामास्वामी भारत के दामाद हैं। उनका नाम चर्चा में आने के बाद हर कोई उनके बारे में अधिक जानना चाहता है। उनके पहले भारत के एक और दामाद ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनकर चर्चा बटोर चुके हैं। आइए जानते हैं विदेश में अपना सिक्का जमाने वाले भारत के इन चर्चित दामादों के बारे में...
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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवैधानिक पद संभालते 23 वर्ष पूरे किये। इसे उन्होंने जनसेवा के 23 साल का सफर कहा है। आज उन्होंने इन 23 वर्षों में पहले गुजरात फिर प्रधानमंत्री के रूप में देश के विकास के लिए उठाए गए कदम का उल्लेख किया।
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दिल्ली सरकार के स्कूलों के करीब 70 फीसद छात्रों ने जब इस वर्ष जेईई एडवांस की परीक्षा उत्तीर्ण की, तो हर कोई हैरान था। इनमें से एक छात्र आस्तिक नारायण ने तो जेईई मेन्स में 100 पर्सेंटाइल स्कोर भी हासिल किया। झारखंड के खूंटी जिले के कालामाटी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने भी जेईई की परीक्षा में कमाल कर दिखाया। कुल 23 छात्राएं जेईई मेन्स की परीक्षा में शामिल हुईं थीं, जिनमें से 22 परीक्षा में सफल रहीं। इतना ही नहीं, इनमें से 4 छात्राओं ने जेईई एडवांस भी क्वालिफाई कर दिखाया।
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जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. तोकीर अहमद को वर्ष 2025 के लिए प्रतिष्ठित सीआरएसआई कांस्य पदक के लिए चुना गया है। उन्हें रसायन विज्ञान में उनके उत्कृष्ट शोध योगदान, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन ऊर्जा के लिए उन्नत नैनोमटेरियल के विकास के लिए सम्मानित किया जाएगा। प्रोफेसर अहमद को 3 से 5 जुलाई के दौरान आईआईटी गांधीनगर में आयोजित होने वाले 35वें सीआरएसआई राष्ट्रीय रसायन विज्ञान संगोष्ठी में पदक से सम्मानित किया जाएगा, जहां वे एक फ्लैश टॉक भी देंगे।
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मोटिवेशनल कहानियां हमारे इर्द-गिर्द बहुत हैं, इनसे हमें सीखना भी चाहिए, लेकिन सूर्या की कहानी सिखाती ही नहीं है, जीवन में कठिनाइयों को काटने की कला से भी परिचित कराती है।
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वर्ष 2002 में भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम को प्रशांति सिंह के रूप में एक ऐसी उम्दा खिलाड़ी मिलीं, जिन्होंने टीम का नेतृत्व संभालने के बाद महिला बास्केटबॉल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। राष्ट्रीय के अलावा विश्व चैंपियनशिप, एशियन गेम्स आदि में सिल्वर, गोल्ड मेडल की झड़ी लग गई। इस कल्पनातीत सफलता, खेल के प्रति उनके बहुमूल्य योगदान एवं समर्पित भावना को देखते हुए प्रशांति सिंह को अर्जुन पुरस्कार एवं पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 2017 में उन्होंने सक्रिय खेल से विदाई ले ली। लेकिन आज वे एक नई भूमिका में नए खिलाड़ियों के चयन से लेकर उन्हें तराशने की बड़ी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम की पूर्व कैप्टन एवं वर्तमान में खेलो इंडिया, ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ स्पोर्ट्स आदि में बतौर स्पोर्ट्स एक्सपर्ट अपनी सेवाएं दे रहीं प्रशांति सिंह का कहना है कि बास्केटबॉल को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक से अधिक घरेलू टूर्नामेंट्स आयोजित करने होंगे। देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
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तीन मई, 2024... आज का दिन भारत की नारी शक्ति की गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए खास है। आज न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मुख्यालय में भारत की तीन नारी शक्तियां इस विश्व मंच से दुनिया को संबोधित कर रही हैं। उनकी बुलंद आवाज दुनिया को दिखा रही है कि भारत की नारी कैसे आज अपने नेतृत्व में आत्मनिर्भरता और विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। इन तीनों महिला शक्तियों से गलगोटियाज टाइम्स के लिए खास बातचीत की हमारी विशेष अतिथि संवाददाता अंशु सिंह ने...। पढ़ें इस बातचीत पर आधारित हमारी एक्सक्लूसिव स्टोरी...