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दिल्ली सरकार के स्कूलों के करीब 70 फीसद छात्रों ने जब इस वर्ष जेईई एडवांस की परीक्षा उत्तीर्ण की, तो हर कोई हैरान था। इनमें से एक छात्र आस्तिक नारायण ने तो जेईई मेन्स में 100 पर्सेंटाइल स्कोर भी हासिल किया। झारखंड के खूंटी जिले के कालामाटी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने भी जेईई की परीक्षा में कमाल कर दिखाया। कुल 23 छात्राएं जेईई मेन्स की परीक्षा में शामिल हुईं थीं, जिनमें से 22 परीक्षा में सफल रहीं। इतना ही नहीं, इनमें से 4 छात्राओं ने जेईई एडवांस भी क्वालिफाई कर दिखाया।
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जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. तोकीर अहमद को वर्ष 2025 के लिए प्रतिष्ठित सीआरएसआई कांस्य पदक के लिए चुना गया है। उन्हें रसायन विज्ञान में उनके उत्कृष्ट शोध योगदान, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन ऊर्जा के लिए उन्नत नैनोमटेरियल के विकास के लिए सम्मानित किया जाएगा। प्रोफेसर अहमद को 3 से 5 जुलाई के दौरान आईआईटी गांधीनगर में आयोजित होने वाले 35वें सीआरएसआई राष्ट्रीय रसायन विज्ञान संगोष्ठी में पदक से सम्मानित किया जाएगा, जहां वे एक फ्लैश टॉक भी देंगे।
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मोटिवेशनल कहानियां हमारे इर्द-गिर्द बहुत हैं, इनसे हमें सीखना भी चाहिए, लेकिन सूर्या की कहानी सिखाती ही नहीं है, जीवन में कठिनाइयों को काटने की कला से भी परिचित कराती है।
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वर्ष 2002 में भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम को प्रशांति सिंह के रूप में एक ऐसी उम्दा खिलाड़ी मिलीं, जिन्होंने टीम का नेतृत्व संभालने के बाद महिला बास्केटबॉल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। राष्ट्रीय के अलावा विश्व चैंपियनशिप, एशियन गेम्स आदि में सिल्वर, गोल्ड मेडल की झड़ी लग गई। इस कल्पनातीत सफलता, खेल के प्रति उनके बहुमूल्य योगदान एवं समर्पित भावना को देखते हुए प्रशांति सिंह को अर्जुन पुरस्कार एवं पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 2017 में उन्होंने सक्रिय खेल से विदाई ले ली। लेकिन आज वे एक नई भूमिका में नए खिलाड़ियों के चयन से लेकर उन्हें तराशने की बड़ी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम की पूर्व कैप्टन एवं वर्तमान में खेलो इंडिया, ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ स्पोर्ट्स आदि में बतौर स्पोर्ट्स एक्सपर्ट अपनी सेवाएं दे रहीं प्रशांति सिंह का कहना है कि बास्केटबॉल को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक से अधिक घरेलू टूर्नामेंट्स आयोजित करने होंगे। देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।