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Global Day of Parents 2025: रिश्तों की जड़ें, प्यार की परछाईं – जानिए इस दिन की थीम, इसका महत्व और पैरेंटिंग की नई चुनौतियाँ
Global Day of Parents 2025: रिश्तों की जड़ें, प्यार की परछाईं – जानिए इस दिन की थीम, इसका महत्व और पैरेंटिंग की नई चुनौतियाँ
Authored By: Nishant Singh
Published On: Saturday, May 31, 2025
Last Updated On: Saturday, May 31, 2025
Global Parents Day हमें हमारे जीवन के सबसे खास रिश्ते — माता-पिता — के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है. यह दिन केवल त्यौहार नहीं, बल्कि माता-पिता के त्याग, प्रेम और पालन-पोषण की अहमियत को समझने और सराहने का एक खास मौका है. आज की बदलती दुनिया में माता-पिता की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है, लेकिन उनका प्यार और मार्गदर्शन कभी कम नहीं होता. इस लेख में हम जानेंगे कि ग्लोबल पेरेंट्स डे कब मनाया जाता है, इसका उद्देश्य क्या है, और हम अपने माता-पिता के प्रति अपने आभार कैसे व्यक्त कर सकते हैं. साथ ही, आधुनिक जीवनशैली में पैरेंटिंग के नए आयामों पर भी चर्चा होगी.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Saturday, May 31, 2025
हर इंसान की ज़िंदगी में अगर कोई सबसे पहला हीरो और गाइड होता है, तो वो होते हैं हमारे माता-पिता. वे बिना किसी स्वार्थ के हमें जीवन जीने की राह दिखाते हैं, हमारी ज़रूरतों का ध्यान रखते हैं और हर मोड़ पर हमारा साथ देते हैं. इन्हीं महान योगदानों को सम्मान देने के लिए हर साल 1 जून को ‘Global Parents Day’ मनाया जाता है. यह दिन हमें ये याद दिलाने का अवसर देता है कि माता-पिता केवल जन्मदाता नहीं, बल्कि जीवन के सबसे बड़े शिक्षक और संरक्षक होते हैं.
ग्लोबल पेरेंट्स डे एक ऐसा मौका है जब हम अपने माता-पिता के प्रति अपने प्यार, सम्मान और कृतज्ञता को खुले दिल से व्यक्त कर सकते हैं. आज की भागदौड़ भरी दुनिया में हम अक्सर अपने माता-पिता के बलिदानों को भूल जाते हैं. यह दिन हमें एक बार फिर से रुककर सोचने और उन्हें धन्यवाद कहने का मौका देता है.
ग्लोबल पेरेंट्स डे: एक सुंदर शुरुआत

हर बच्चे के जीवन की पहली पाठशाला उसका घर होता है, और उसके पहले शिक्षक उसके माता-पिता. इन्हीं अनमोल रिश्तों को सम्मान देने के लिए ग्लोबल पेरेंट्स डे की शुरुआत की गई. इस दिन की नींव इसलिए रखी गई क्योंकि माता-पिता बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं. वे बिना थके, बिना रुके, हर दिन हमारे लिए खुद को समर्पित करते हैं, और यह दिन हमें उन्हें खास महसूस कराने का मौका देता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2012 में 1 जून को ‘Global Day of Parents’ के रूप में मान्यता दी. इसका उद्देश्य था – दुनियाभर में माता-पिता के योगदान को वैश्विक स्तर पर सराहा जाए. यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक ऐसा दिन है जो हमें यह याद दिलाता है कि हमारे माता-पिता का प्रेम, त्याग और धैर्य किसी भी पुरस्कार से कहीं ज्यादा मूल्यवान है.
ग्लोबल पेरेंट्स डे कब और कैसे मनाया जाता है?
ग्लोबल पेरेंट्स डे हर साल 1 जून को मनाया जाता है. यह दिन दुनियाभर में माता-पिता के त्याग, मेहनत और अटूट प्रेम को सम्मान देने के लिए समर्पित है. इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने 2012 में की थी ताकि परिवारों में माता-पिता की भूमिका को वैश्विक मान्यता मिल सके. यह दिन हमें अपने माता-पिता के प्रति धन्यवाद कहने का अवसर देता है, चाहे वह किसी छोटे से इशारे के रूप में क्यों न हो.
- इस विशेष दिन को मनाने के लिए दुनियाभर में कई प्रकार के आयोजन किए जाते हैं, जिनमें भाषण, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, और प्रदर्शनी शामिल होती हैं.
- इस अवसर पर आप अपने माता-पिता के साथ समय बिताकर उन्हें खास होने का एहसास दिला सकते हैं.
- आप चाहें तो उनके लिए एक सुंदर सा कार्ड या भावनाओं से भरा पत्र लिखकर अपने दिल की बातें साझा कर सकते हैं.
- इसके साथ ही, घर के छोटे-मोटे कामों में उनका हाथ बँटाकर भी आप अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त कर सकते हैं.
माता-पिता: हमारे जीवन की जड़ें और छांव
माता-पिता वो नींव होते हैं जिस पर हमारे जीवन की इमारत खड़ी होती है. वे खुद की ख्वाहिशों को पीछे छोड़कर हमारे सपनों को उड़ान देते हैं. जब हम गिरते हैं, तो वही हमें थामते हैं; जब दुनिया हमें अस्वीकार करती है, तो वही हमें निःस्वार्थ प्यार देते हैं. बच्चों के हर पहले कदम के पीछे उनके हाथ होते हैं. उनका जीवन बच्चों के पालन-पोषण में इतना घुल जाता है कि वे खुद को भूल जाते हैं. उनकी सबसे बड़ी कमाई होती है—हमारी मुस्कान, हमारी सफलता और हमारा सम्मान.
- भावनात्मक सुरक्षा की ढाल- जब पूरी दुनिया पीछे हटती है, माता-पिता तब भी हमारे साथ खड़े रहते हैं.
- संस्कार और शिक्षा की जड़ें- जीवन के पहले पाठ स्कूल में नहीं, माँ-बाप की गोद में मिलते हैं.
- त्याग की मिसाल- वे अपने सपनों को रोककर हमारे भविष्य को सजाते हैं.
- हर पड़ाव पर मार्गदर्शक- कभी दोस्त बनकर, कभी गुरु बनकर, वे हमें जीवन की राह दिखाते हैं.
- अदृश्य पर सबसे मजबूत सहारा– हमारी खुशियों के पीछे उनकी अनगिनत रातों की नींद और मेहनत छुपी होती है.

माता-पिता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिन: एक भावों भरा अवसर
हर दिन माता-पिता हमारे लिए कुछ न कुछ करते हैं—कभी मुस्कान बनकर, तो कभी आंसू पोंछने वाला हाथ बनकर. लेकिन हम कब उनके लिए एक पल रुकते हैं? ग्लोबल पेरेंट्स डे हमें वही पल देता है—एक छोटा-सा मौका, जब हम कह सकें, “धन्यवाद, माँ-पापा!”
इस दिन का असली उद्देश्य है—उनके त्याग, प्रेम और अटूट समर्थन को पहचानना और सराहना. यह दिन बताता है कि रिश्तों में केवल लेना नहीं, देना भी जरूरी होता है—प्यार, समय और सम्मान के रूप में.
कैसे व्यक्त करें आभार?
- एक हाथ से लिखा पत्र या कार्ड दें- जिसमें बस इतना लिखें कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं—शब्दों की गहराई उन्हें छू जाएगी.
- उनके साथ पूरा दिन बिताएं- फोन से दूर, काम से अलग, सिर्फ उनके साथ—बातें करें, साथ बैठें, उनके पसंदीदा खाने बनाएं.
- घर के छोटे कामों में सहयोग दें- एक कप चाय बनाकर देना भी उनके लिए आपके प्यार की भाषा बन सकता है.
- पुरानी यादों को फिर से जीएं- पुराने एल्बम खोलें, साथ फिल्म देखें या वो गीत सुनें जो बचपन की याद दिलाएं.
- “आई लव यू” कहने से ना हिचकें- कभी-कभी एक सच्चा आलिंगन और तीन शब्द पूरे दिल की बात कह देते हैं.
ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स 2025 की थीम

ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स हर साल एक खास थीम के साथ मनाया जाता है, जो माता-पिता की भूमिका और उनके योगदान को और भी गहराई से समझाने का काम करती है. हालांकि, वर्ष 2025 के लिए अभी तक इस दिन की आधिकारिक थीम घोषित नहीं की गई है. जैसे ही थीम जारी होगी, यह हमें नए तरीके से सोचने और अपने माता-पिता के प्रति सम्मान और प्यार व्यक्त करने की प्रेरणा देगी. यह दिन हर बार एक नई सोच और संदेश लेकर आता है, जिससे हम परिवार के महत्व को और बेहतर तरीके से समझ सकें.
आज की पीढ़ी और पैरेंटिंग: बदलते दौर की नई चुनौतियाँ
जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे-वैसे बच्चों की सोच, रुचि और दुनिया को देखने का नजरिया भी बदल रहा है. आज की पीढ़ी तकनीक से घिरी है, मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया उनके जीवन का हिस्सा बन चुके हैं. ऐसे में पैरेंटिंग भी पहले जैसी नहीं रही. माता-पिता को अब सिर्फ नियम बनाने भर से काम नहीं चलता, बल्कि उन्हें समझदारी, धैर्य और दोस्ताना व्यवहार के साथ बच्चों के साथी बनना पड़ता है. आधुनिक जीवनशैली में माता-पिता की भूमिका केवल पालन-पोषण तक सीमित नहीं रही, वे बच्चों के मानसिक विकास, आत्मविश्वास बढ़ाने और सही मार्गदर्शन के साथ उनका जीवन बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.