Adhik Maas 2026: दुर्लभ संयोग, 13 महीनों वाला नया साल और आपके लिए क्या है शुभ

Authored By: Nishant Singh

Published On: Monday, December 8, 2025

Last Updated On: Monday, December 8, 2025

Adhik Maas 2026: 13 महीनों वाले दुर्लभ साल में आपके लिए कौन से कार्य और निर्णय हैं शुभ, जानें पूरी जानकारी.
Adhik Maas 2026: 13 महीनों वाले दुर्लभ साल में आपके लिए कौन से कार्य और निर्णय हैं शुभ, जानें पूरी जानकारी.

साल 2026 एक चमत्कारी संयोग लेकर आ रहा है, क्योंकि इस बार नया वर्ष 12 नहीं बल्कि पूरे 13 महीनों का होगा. ज्येष्ठ माह दो बार पड़ने से बना यह अधिकमास बेहद पवित्र माना गया है. इस दौरान किए गए दान, पूजा और सेवा कई गुना फल देते हैं. सही उपाय अपनाकर व्यक्ति अपने पूरे साल को सौभाग्य, शांति और समृद्धि से भर सकता है.

Authored By: Nishant Singh

Last Updated On: Monday, December 8, 2025

Adhik Maas 2026: साल 2026 एक ऐसा खगोलीय संयोग लेकर आ रहा है जो हर वर्ष नहीं मिलता. इस साल में सामान्य 12 महीनों की जगह पूरे 13 महीने होंगे, क्योंकि पंचांग में एक अतिरिक्त चंद्र मास जुड़ जाएगा, जिसे अधिकमास कहा जाता है. ज्योतिष के अनुसार, यह अवधि अत्यंत शुभ और पुण्यदायी मानी जाती है, जहां सही पूजा, दान और सेवा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता, सफलता और समृद्धि बढ़ती है. यह समय अध्यात्म और आत्मनिरीक्षण का भी माना जाता है, जिससे पूरे वर्ष का प्रभाव बेहतर हो सकता है.

2026 में अधिकमास क्यों पड़ेगा?

अधिकमास तब पड़ता है जब सूर्य और चंद्र कैलेंडर की गणना में अंतर बढ़ने लगता है. चंद्रमा अपनी गति से आगे बढ़ता है और लगभग हर 32 महीने में 16 दिन से अधिक का अतिरिक्त समय बन जाता है, जिसे संतुलित करने के लिए पंचांग में एक अतिरिक्त महीना जोड़ दिया जाता है. इसे ही अधिकमास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है. वर्ष 2026 में यह संयोग और भी खास होगा क्योंकि इस बार ज्येष्ठ मास दो बार आएगा, जिसके कारण यह महीना लगभग 60 दिनों तक चलेगा और पूरा साल 13 महीने का बन जाएगा.

2026 में अधिकमास कब लगेगा?

द्रिक पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 में अधिकमास 17 मई 2026 से शुरू होकर 15 जून 2026 तक चलने वाला है. इसके बाद ज्येष्ठ माह 22 मई से 29 जून तक रहेगा, यानी ज्येष्ठ मास दो बार पड़ेगा. जब एक ही माह दो बार आता है, तब उसे अधिकमास कहा जाता है. इस अवधि को धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है, क्योंकि इसमें किए गए सद्कर्म सामान्य दिनों की तुलना में अधिक फल देते हैं.

द्रिक पंचांग के अनुसार 2026 में:

  • अधिकमास की शुरुआत: 17 मई 2026
  • अधिकमास समाप्त: 15 जून 2026
  • ज्येष्ठ माह अवधि: 22 मई से 29 जून 2026

अधिकमास क्या होता है? आसान भाषा में समझें

अधिकमास एक ऐसा महीना है जो पंचांग में अतिरिक्त रूप से जोड़ दिया जाता है, ताकि सूर्य और चंद्र कैलेंडर का अंतर संतुलित किया जा सके. इसे किसी तरह का अशुभ समय नहीं माना जाता, बल्कि यह तो भगवान विष्णु को समर्पित सबसे पवित्र महीनों में से एक है. इस अवधि में व्यक्ति द्वारा की गई पूजा, व्रत, जप और दान कई गुना फल देते हैं. ऐसा माना जाता है कि अधिकमास में आत्मिक शुद्धि का अवसर मिलता है, जहां मनुष्य अपने भीतर के दोषों को त्यागकर सकारात्मकता की ओर बढ़ सकता है.

अधिकमास 2026 में किए जाने वाले आवश्यक उपाय

अधिकमास को शुभ फलदायी बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायों का पालन करना चाहिए. इन उपायों से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और घर-परिवार में शांति व समृद्धि बढ़ती है.

  • सुबह घर में दीपक जलाना

अधिकमास के दौरान हर सुबह भगवान विष्णु या तुलसी के पास घी या सरसों का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है. यह छोटा-सा उपाय घर की नकारात्मकता को दूर कर वातावरण को शांत और पवित्र बनाता है. इससे मानसिक शांति भी प्राप्त होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.

  • पक्षियों के लिए दाना और पानी रखना

इस पवित्र महीने में पक्षियों की सेवा को बहुत पुण्यदायी माना जाता है. अपनी छत, आंगन या बालकनी में मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर रखें और साथ में चावल, बाजरा या दाना रखें. पक्षियों की प्यास बुझाना और उन्हें भोजन देना व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और स्थिरता लाता है. यह प्रकृति सेवा का सबसे सरल और सुंदर रूप है.

  • जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना

अधिकमास में भोजनदान सबसे श्रेष्ठ कर्म कहा गया है. इस समय गरीबों, मजदूरों या जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि संभव हो तो इस महीने कम से कम एक बार किसी जरूरतमंद परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था अवश्य करें. इस दान से जीवन की कई बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि बढ़ती है.

  • भगवान विष्णु के मंत्र और स्तोत्र का पाठ

अधिकमास भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह में विष्णु सहस्रनाम, श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ, या मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप अत्यंत शुभ माना जाता है. यह साधना मन में शांति और स्थिरता लाती है और जीवन की परेशानियों से मुक्ति दिलाती है.

  • घर और मन की सफाई व शुद्धि

इस महीने को आत्मिक और मानसिक शुद्धि का समय माना जाता है, इसलिए घर की साफ-सफाई करें, अनावश्यक वस्तुओं को हटाएं और मन को सकारात्मक रखने का प्रयास करें. अपनी गलत आदतों को त्यागें और अच्छे कर्मों को अपनाएं. ऐसा करने से पूरे वर्ष सकारात्मकता और सुख का वातावरण बना रहता है.

2026 का अधिकमास – एक दुर्लभ अवसर

अधिकमास 2026 सिर्फ कैलेंडर में एक अतिरिक्त महीना नहीं है, बल्कि यह एक अनोखा आध्यात्मिक अवसर है. इस अवधि में किए गए शुभ कर्म, दान, सेवा और पूजा जीवन में अद्भुत बदलाव ला सकते हैं. यह समय स्वयं को सुधारने, आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ने और नए साल को सौभाग्य से भरने का स्वर्णिम अवसर देता है. यदि अधिकमास के इन उपायों को पूरे मन से किया जाए, तो 2026 आपके जीवन में नई ऊर्जा, नए अवसर और सकारात्मक परिवर्तन लेकर आ सकता है.

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निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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