Ardra Nakshatra 2025: 22 जून को सूर्य का आद्रा नक्षत्र में प्रवेश, खाएं दलपूरी और आम वाली आर्द्रा नक्षत्र थाली

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, June 12, 2025

Last Updated On: Thursday, June 12, 2025

आर्द्रा नक्षत्र 2025 में 22 जून को सूर्य का प्रवेश, पारंपरिक भोज दलपूरी और मालदह आम के साथ मनाएं आर्द्रा थाली का स्वादिष्ट उत्सव
आर्द्रा नक्षत्र 2025 में 22 जून को सूर्य का प्रवेश, पारंपरिक भोज दलपूरी और मालदह आम के साथ मनाएं आर्द्रा थाली का स्वादिष्ट उत्सव

Ardra Nakshatra 2025: 22 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र से आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे. सूर्य का यह बदलाव मानव और प्रकृति दोनों को प्रभावित करता है. आर्द्रा के साथ बारिश के आगमन और फसल की शुरू हुई रोपनी की ख़ुशी में बिहार और पूर्वांचल में आर्द्रा नक्षत्र की विशेष थाली खाई जाती है.

Authored By: स्मिता

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Ardra Nakshatra 2025: सूर्य के मृगशिरा नक्षत्र से आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने पर मनुष्य और प्रकृति दोनों में बदलाव आते हैं. यह परिवर्तन इंसानों में गहरा और भावनात्मक बदलाव लाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह काल जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है, विशेष रूप से रिश्तों और वित्त से संबंधित क्षेत्रों में. यह रिश्तों को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करने का समय हो सकता है. आर्द्रा नक्षत्र को शुभ कार्यों के लिए सामान्य माना जाता है. इस समय (Ardra Nakshatra 2025) प्रकृति भी मानसून के आगमन पर उत्साहित होती है.

आर्द्रा नक्षत्र शुरू होने की तिथि और समय (Ardra Nakshatra 2025 Date : 22 June-23 July)

आर्द्रा नक्षत्र 22 जून को शुरू हो जाएगा. सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में 22 जून को शाम 7:24 बजे प्रवेश कर जायेंगे. 23 जुलाई को शाम 5:54 बजे तक सूर्य इसी नक्षत्र में रहेंगे. इस दौरान सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे और सूर्य को गुरु का साथ मिलेगा. आर्द्रा नक्षत्र को परिवर्तन और उत्थान से जुड़ा माना जाता है. आर्द्रा नक्षत्र के शासक देवता रुद्र हैं, जो भगवान शिव का एक रूप है. यह विनाशकारी और पुनर्योजन शक्तियों से जुड़ा है.

शारीरिक और भावनात्मक उपचार पर ध्यान देना (Physical and Emotional Healing)

आर्द्रा नक्षत्र उत्साह और खुश होने की शक्ति से भी जुड़ा है. यह अतीत के दुखों को दूर करने और भावनात्मक विकास को अपनाने का समय है. आर्द्रा सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाला माना है. इस समय व्यायाम और योग सहित अनुशासित जीवनशैली स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है. बारिश का मौसम होने के कारण एसिडिटी या पेट की समस्या से बचना है. कुत्तों, विशेष रूप से मादा कुत्तों को आर्द्रा का प्रतीक माना जाता है, इसलिए उन्हें खिलाना चाहिए.

आर्द्रा नक्षत्र की थाली (Ardra Nakshatra Thali)

बिहार में आर्द्रा नक्षत्र के दौरान  मानसून की बारिश का स्वागत करने के लिए पारंपरिक रूप से एक विशेष भोजन तैयार किया जाता है. यह आर्द्रा नक्षत्र की थाली कहलाती है. इसमें आम तौर पर दाल पूरी (दाल से भरी पूरी), चावल की खीर, मौसमी सब्जियां और मालदह आम होते हैं. यह परंपरा इस क्षेत्र की कृषि संस्कृति से जुड़ी है. दरअसल, आर्द्रा नक्षत्र वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है. कुछ लोग सब्जियों और मसालों से बना व्यंजन रसिया, दही आलू की सब्जी या मसालेदार करी जैसे अन्य व्यंजन भी बनाते हैं.

मानसून की शुरुआत (Onset of Monsoon)

आर्द्रा नक्षत्र मानसून की शुरुआत का प्रतीक है, जो बिहार में कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह भोजन बारिश का जश्न मनाने और उसका स्वागत करने का एक माध्यम है. यह उत्सव मानसून की बारिश से कृषि पर आश्रित लोगों में आशा और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है. यह परिवारों और समुदायों के साथ मिलकर पारंपरिक और स्वादिष्ट भोजन आदान-प्रदान करने का समय है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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