Ashadha Maas 2025: कब है शुरुआत, कौन से व्रत-त्योहार होंगे इस पावन महीने में?

Ashadha Maas 2025: कब है शुरुआत, कौन से व्रत-त्योहार होंगे इस पावन महीने में?

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, May 23, 2025

Last Updated On: Tuesday, June 3, 2025

Ashadha Maas 2025: भगवान विष्णु की चित्रकारी के साथ संदेश: "Ashadha Maas 2025 की शुरुआत, जानिए व्रत और त्योहारों की सूची और धार्मिक महत्त्व.
Ashadha Maas 2025: भगवान विष्णु की चित्रकारी के साथ संदेश: "Ashadha Maas 2025 की शुरुआत, जानिए व्रत और त्योहारों की सूची और धार्मिक महत्त्व.

Ashada Masam: सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ आषाढ़ माह की शुरुआत होती है. ‘सूर्य मासम’ अर्थात खाली महीना कहा जाने वाला यह महीना 12 जून 2025 से शुरू होकर 10 जुलाई 2025 को समाप्त हो जाएगी. इस माह के दौरान कुछ शुभ कार्य करने की मनाही की जाती है.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Tuesday, June 3, 2025

Ashadha Maas 2025: आषाढ़ माह हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण महीना है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में जून/जुलाई से मेल खाता है. यह महीना वर्ष का चौथा महीना है. ज्योतिष विद्या के अनुसार, आषाढ़ की शुरुआत सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ होती है. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यह माह महत्वपूर्ण है.

आषाढ़ माह दिन और तिथि (Ashada Masam Starting Date)

आषाढ़ पूर्णिमा और अमावस्या तिथियों के साथ आषाढ़ महीने में (विक्रम संवत 2082 और शक वर्ष 1947) कई प्रमुख व्रत और त्योहार हैं. इसकी शुरुआत गुरुवार 12 जून से हो जाएगी.

  • आषाढ़ माह शुरुआत : गुरुवार, 12 जून 2025
  • आषाढ़ माह समाप्ति : गुरुवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ माह के प्रमुख व्रत और त्योहार

तारीख पर्व / व्रत
14 जून शनि संकष्टी चतुर्थी
15 जून रवि मिथुन संक्रांति
18 जून बुधवार कालाष्टमी, बुध अष्टमी व्रत
21 जून सत योगिनी एकादशी
23 जून सोमवार, सोम प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
24 जून मंगलवार, रोहिणी व्रत
25 जून बुधवार, अमावस्या
26 जून गुरु चंद्र दर्शन, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि
27 जून शुक्रवार, पुरी रथ यात्रा
28 जून शनि चतुर्थी व्रत
30 जून सोमवार कुमार षष्ठी, सोमवार व्रत
01 जुलाई मंगलवार षष्ठी
02 जुलाई बुधवार, बुध अष्टमी व्रत
03 जुलाई गुरुवार, दुर्गा अष्टमी व्रत
06 जुलाई रवि शयनी एकादशी
08 जुलाई मंगल प्रदोष व्रत, भौम प्रदोष व्रत, जया पार्वती व्रत
10 जुलाई गुरु पूर्णिमा व्रत, पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, व्यास पूजा

आषाढ़ माह का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Ashada Masam)

जून और जुलाई में पड़ने वाला आषाढ़ माह हिंदू धर्म में आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण महीना है, खासकर दक्षिण भारत में. यह आध्यात्मिक विकास, शुद्धि और दिव्य आशीर्वाद का समय है, जो अक्सर मानसून की शुरुआत और नई शुरुआत का समय होता है. इसे धार्मिक अनुष्ठानों, उपवास और दान के कार्यों के लिए शुभ माना जाता है.

आध्यात्मिक अभ्यास का पवित्र महीना (Holy Month of Spiritual Practice)

आषाढ़ मास मानसून की शुरुआत के साथ मेल खाता है, जो जीवन, उर्वरता और नई शुरुआत का प्रतीक है. यह भक्तों के लिए ध्यान, उपवास और पूजा जैसे आध्यात्मिक कार्यों में संलग्न होने का समय है. कुछ क्षेत्रों में यह महीना विशेष रूप से देवी के विभिन्न रूपों की पूजा के लिए समर्पित है. आषाढ़ मास को उदारता और निस्वार्थ कार्यों के अभ्यास के समय के रूप में देखा जाता है.

क्या करें और क्या नहीं करें (ashada masam do’s and don’ts)

कुछ गतिविधियों के लिए आषाढ़ माह को अशुभ माना जाता है. इसे “सूर्य मासम” अर्थात “खाली महीना” कहा जाता है. यह एक ऐसा समय है जब विवाह, गृह प्रवेश और नए व्यवसाय जैसे शुभ कार्यक्रम आमतौर पर टाले जाते हैं. इसलिए इस माह में सिर्फ ईश्वर नाम का जाप करना है, किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत नहीं करनी है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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