Badrinath Dham : कपाट बंद होने के बाद मास्टर प्लान के कार्यों ने पकड़ी रफ्तार

Badrinath Dham : कपाट बंद होने के बाद मास्टर प्लान के कार्यों ने पकड़ी रफ्तार

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, December 3, 2024

Updated On: Tuesday, December 3, 2024

badrinath dham gates closed
badrinath dham gates closed

बदरीनाथ धाम कपाट बंद होने के बाद मास्टर प्लान के कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बदरीनाथ महायोजना का काम शीतकाल में भी लगातार जारी है। इस सीजन में बर्फबारी से पहले अधिकांश कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य (Badrinath Dham) रखा गया है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, December 3, 2024

बद्रीनाथ या बद्रीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। यह भारत के उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित 108 पवित्र तीर्थस्थल में से एक है। यह वैष्णवों के लिए पवित्र मंदिर है, जहां भगवान् विष्णु को बद्रीनाथ के रूप में पूजा जाता है। बदरीनाथ धाम कपाट बंद होने के बाद मास्टर प्लान के कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बदरीनाथ महायोजना का काम शीतकाल में भी लगातार जारी है। इस सीजन में बर्फबारी से पहले अधिकांश कार्यों को पूरा (Badrinath Dham) करने का लक्ष्य रखा गया है।

हो रहा शेष नेत्र और बद्रीश झील का सौंदर्यीकरण (Badrinath Dham Beautification) 

तीर्थयात्री को बद्रीनाथ पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए युद्धस्तर पर वहां सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। वहां मास्टर प्लान चलाए जा रहे हैं। बदरीनाथ धाम में सिविक एमिनिटी सेंटर, टीआईसी और अराइवल प्लाजा का कार्य लगभग 90 प्रतिशत तक पूर्ण हो गया है। मौके पर दरवाजे, खिड़की एवं फिनिशिंग का काम चल रहा है। टीआईसी और सिविक एमिनिटी सेंटर का कार्य इसी सीजन में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने बताया कि बदरीनाथ मास्टर प्लान के पहले चरण में शेष नेत्र और बद्रीश झील का सौंदर्यीकरण, लूप रोड, बीआरओ बाईपास सहित स्ट्रीट लाइट लगाने का काम पूरा हो गया है।

यात्रा व्यवस्था हो चाक-चौबंद (Badrinath Dham Yatra) 

तीर्थ पुरोहित आवास निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने पर्याप्त संख्या में श्रमिक लगाते हुए इस दिसम्बर तक निर्माण कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। रिवर फ्रंट कार्यों के निरीक्षण के दौरान यह निर्णय लिया गया कि अगली यात्रा सीजन से पहले क्षतिग्रस्त सीवर लाइन को ठीक कर लिया जाए। सीवर लाइन बनाने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। वहीं पर्यटन अधिकारी को प्रसाद योजना के तहत एनपीसीसी के माध्यम से बनाए जा रहे टीआईसी भवन में यात्रा व्यवस्थाओं से जुड़े विभागों के कार्यालय और आवास के लिए कक्ष आवंटन के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

शीतकालीन प्रवास स्थलों पर यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर योग ध्यान बद्री मंदिर, कुबेर मंदिर में यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया। शीतकालीन यात्रा के लिए श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों से शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी भी ली।

(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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