वृंदावन की अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद में बनेगी श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण की रूपरेखा

वृंदावन की अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद में बनेगी श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण की रूपरेखा

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, November 25, 2024

Updated On: Monday, November 25, 2024

shree krishna janmbhoomi construction plan
shree krishna janmbhoomi construction plan

लाखों करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक आस्था का केंद्र श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ठीक उसी भांति मंदिर का निर्माण कार्य कराया जाएगा, जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य कराया गया है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Monday, November 25, 2024

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास की वृंदावन स्थित केशव धाम में 27 नवंबर को होने वाली अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थल के मूल गर्भ गृह पर विशाल और भव्य मंदिर के निर्माण की दिशा तय होगी। वर्तमान में मूल गर्भ गृह पर शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है। इस अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद में देश-विदेश के प्रमुख बड़े साधु संत, महात्मा, शंकराचार्य, पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर और विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोग शामिल (Shree Krishna Janmbhoomi) होंगे।

लाखों लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र श्रीकृष्ण जन्मभूमि

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के वादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया कि लाखों करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक आस्था का केंद्र श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ठीक उसी भांति मंदिर का निर्माण कार्य कराया जाएगा, जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य कराया गया है। उन्होंने बताया कि इसलिए हमने ’आ गए हैं अवध बिहारी अब आएंगे कृष्ण मुरारी’ का नारा भी दिया है। उनका कहना है कि जिस स्थान पर मूल गर्भ गृह है, उस स्थान पर विदेशी आक्रांताओं ने हिंदुओं के आराध्या भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। उनका कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर उस स्थल को हिंदू पक्ष को सौंपे जाने का मुकदमा हाई कोर्ट में विचाराधीन है। वह इस मुकदमा के वादी भी हैं।

विदेश से आयेंगे कई संत

महेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, धर्म संसद में स्वामी उमेश योगी (यूरोप), स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वतीजी महाराज (वॉशिंगटन डीसी-यूएसए), स्वामी स्वतमानंद( यूएसए), दिलीप टांगपन (यूएनओ यूएस), स्वामी अंतभोद (लिटवानिया यूरोप), स्वामी शंकरतिलक (स्पेन), गुरु रिकॉर्डम (बार्सिलोना स्पेन), पंडित विवेक दुबे (इटली), विवेक ओझा (चीजेच रिपब्लिक) के संत शामिल होंगे। स्पेन की मुख्य एक्ट्रेस सिल्वा डे लाय रोसा भी भाग लेंगी।

सभी वर्गों के प्रतिनिधि होंगे शामिल

जयपुर की पंच पीठ के पीठाधीश्वर सोमेंद्र भारद्वाज, श्रीदिगंबर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मणिंद्र जैन, प्रमोद कृष्णम, टी राजा, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, बरसाना के विरक्त संत रमेश बाबा, गीता मनीषी ज्ञाननंद महाराज, संत फूलडोल दास महाराज, गोविंदानंद तीर्थ, दशरथदासजी महाराज समेत ब्रज के सभी प्रमुख संतों को अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद में आमंत्रित किया गया है। हिंदू समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। भारतीय सेवाओं में उच्च पदों पर तैनात रहे सेवानिवृत अधिकारी, पुरातत्वविद, इतिहासकार, शिक्षाविद और अन्य महानुभावों को भी बुलावा भेजा गया है। खास बात यह है कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे कई प्रमुख लोगों के भी आने की संभावना है।

भव्य और विशाल मंदिर निर्माण

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इन सभी की मौजूदगी में भगवान श्रीकृष्णा जन्मभूमि के उस हिस्से पर, जहां मूल गर्भ गृह है, बनी मस्जिद को हटाकर उस स्थान पर भव्य और विशाल मंदिर निर्माण की रूपरेखा अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद में तय की जाएगी और अगला आंदोलन इसी विधान के ही अनुसार प्रारंभ भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद को लेकर व्यापक स्तर पर की गई तैयारी पूर्ण हो गई है। इस अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद का लक्ष्य ही भगवान श्री कृष्णा का भव्य मंदिर निर्माण करना तो है ही साथ ही हिंदू धर्म को सभी हमलों से बचाना भी है। उनका अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद के माध्यम से दुनियाभर के हिंदुओं को एक मंच पर लाने का लक्ष्य है।

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फिल्म का टीजर और गाना होगा लॉन्च

उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्म भूमि के इतिहास पर आधारित फिल्म श्रीकृष्ण जन्म भूमि का टीजर और गाना भी लॉन्च किया जाएगा। हिंदू धर्म के अनुयायियों को जागरूक और एकजुट करने के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि के इतिहास पर आधारित फिल्म जल्द ही देश के 1200 सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज की जाएगी।

(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ) 

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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