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Devipatan Shaktipeeth shobha yatra : क्यों नेपाल से देवीपाटन मंदिर पहुंचती है रतन नाथ योगी की शोभा यात्रा
Devipatan Shaktipeeth shobha yatra : क्यों नेपाल से देवीपाटन मंदिर पहुंचती है रतन नाथ योगी की शोभा यात्रा
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, April 2, 2025
Last Updated On: Wednesday, April 2, 2025
Devipatan Shaktipeeth shobha yatra: उत्तरप्रदेश के बलरामपुर जिला स्थित है 51 शक्तिपीठों में से एक पाटेश्वरी देवी का देवीपाटन मंदिर. यहां हर वर्ष चैत्र नवरात्र में नेपाल से गुरु गोरखनाथ के शिष्य रतन नाथ योगी की शोभा यात्रा पहुंचती है. जानते हैं इस शक्तिपीठ और रतन नाथ योगी के बारे में.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Wednesday, April 2, 2025
Devipatan Shaktipeeth shobha yatra: चैत्र नवरात्र की पंचमी को नेपाल से आती है प्रसिद्ध पीर रतननाथ योगी की धार्मिक यात्रा. यह धार्मिक यात्रा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नेपाल सीमा क्षेत्र के जनकपुर मंदिर से बलरामपुर के देवीपाटन शक्तिपीठ पहुंचती है. इस शोभायात्रा में शामिल होने के लिए नेपाल से हजारों श्रद्धालु जनकपुर पहुंचते और यात्रा में भाग लेते हैं. पात्र देवता के दर्शन के लिए श्रद्धालु मध्य रात्रि से ही सड़क के दोनों किनारों पर आस्था के फूल लिए जुटे रहते हैं. जानते हैं देवीपाटन मंदिर और प्रसिद्ध रतन नाथ योगी की धार्मिक यात्रा (Devipatan Shaktipeeth shobha yatra) के बारे में.
रतननाथ योगी की धार्मिक यात्रा (Ratan Nath Yogi Shobha Yatra)
हाल में देवता रतन नाथ योगी की धार्मिक यात्रा नेपाल सीमा के जनकपुर मंदिर से पैदल प्रस्थान कर देवीपाटन शक्तिपीठ पहुंची है. वहां पात्र देवता की पूजा-अर्चना की गई. यात्रा नगर भ्रमण करते हुए पारंपरिक ढंग से देवीपाटन मंदिर पहुंचती है. वहां देवीपाटन पीठाधीश्वर मिथलेश नाथ योगी ने पात्र देवता व मुख्य पुजारी का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच माल्यार्पण कर स्वागत किया. माता के मुख्य मंदिर में पूजन के बाद मुख्य पुजारी ने मां पाटेश्वरी के गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की गई.
माता पाटेश्वरी के दर्शन (Maa Pateshwari Darshan)
पीर रतननाथ योगी (Ratan Nath Yogi) की यह धार्मिक यात्रा युगों-युगों से चली आ रही है. हर वर्ष चैत्र नवरात्रि की पंचमी को यह यात्रा देवीपाटन मंदिर पहुंचती है. मान्यता है कि नेपाल के रतननाथ योगी की तपस्या से प्रसन्न होकर माता पाटेश्वरी ने उन्हें दर्शन दिए थे. उनके अनुरोध पर माता ने उन्हें पूजन का अधिकार दिया, तभी से यह परंपरा चली आ रही है. रतननाथ योगी के शरीर त्यागने के बाद भी उनकी पात्र देवता के रूप में यह यात्रा जारी रहती है. इसमें उनके मुख्य पुजारी पंचमी से नवमी तिथि तक पूजन करते हैं. नवमी तिथि के दिन पूजन प्रक्रिया बदल जाती है और इसके बाद देवीपाटन मंदिर के पुजारी पूजन संपन्न कराते हैं।
कौन थे रतन नाथ योगी (Ratan Nath Yogi)
महायोगी गुरु गोरखनाथ के के शिष्य थे रतन नाथ योगी. गोरखनाथ के आदेश पर रतन नाथ योगी ने शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर की स्थापना की. योगी को 8 प्रकार की सिद्धियां प्राप्त थी. रतन नाथ जी का मंदिर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर शहर के झंडा बाजार इलाके में भी स्थित है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और महा शिवरात्रि यहां का मुख्य त्यौहार है. यह मंदिर पेशावर में कालीबाड़ी मंदिर, गोरखनाथ मंदिर, गोर खत्री के साथ कुछ बचे हुए हिंदू मंदिरों में से एक है.
देवी पाटन मंदिर (Devi Patan Mandir History)
उत्तरप्रदेश में देवी पाटन मंदिर तुलसीपुर स्थित एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है, जो बलरामपुर के जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर है.।यह मां पाटेश्वरी का मंदिर है. ये देवी पाटन मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर मां दुर्गा के प्रसिद्ध 51 शक्ति पीठों (Devipatan Shaktipeeth) में से एक है. कहा जाता है कि माता सती का दाहिना कंधा यहां गिर गया था. इसलिए यह भी शक्ति पीठ में से एक है और देवी पाटने के रूप में मान्यता प्राप्त है.
हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ
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