गजराज की पुकार सुन दौड़े भगवान विष्णु – गजेन्द्र मोक्ष की रहस्यमयी कथा!

गजराज की पुकार सुन दौड़े भगवान विष्णु – गजेन्द्र मोक्ष की रहस्यमयी कथा!

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, May 15, 2025

Last Updated On: Thursday, May 15, 2025

Gajendra and Crocodile Story: भागवतम की गजेन्द्र मोक्ष कथा पर आधारित, हाथी गजेन्द्र को मगरमच्छ से बचाने के लिए गरुड़ पर सवार भगवान विष्णु का चित्रण.
Gajendra and Crocodile Story: भागवतम की गजेन्द्र मोक्ष कथा पर आधारित, हाथी गजेन्द्र को मगरमच्छ से बचाने के लिए गरुड़ पर सवार भगवान विष्णु का चित्रण.

श्रीविष्णु ने हर काल में बुराई पर अच्छाई की जीत दर्ज कर अपने भक्तों को संकट मुक्त किया है. इसी संदर्भ में श्रीमद्भागवत के अष्टम स्कन्ध में गज और ग्राह (हाथी और मगरमच्छ) की कथा कही गई है. किस तरह श्रीविष्णु भक्त गजराज की पुकार पर दौड़े चले आये और उसके प्राण बचा लिए. इस कथा का उल्लेख ‘अथ विष्णु चरित्रम्’ पुस्तक में भी किया गया है.

Authored By: स्मिता

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Gajendra and Crocodile Story: श्रीमद्भागवत के अष्टम स्कन्ध में गजेन्द्र मोक्ष यानी गज और ग्राह (हाथी और मगरमच्छ) की कहानी कही गई है. पौराणिक आख्यानकार डॉ. भगवतीशरण मिश्र ने अपनी पुस्तक ‘अथ विष्णु चरित्रम्’ पुस्तक में भी इस कथा का उल्लेख किया है.

‘अथ विष्णु चरित्रम्’ पुस्तक में यह कथा कुछ इस तरह से कही गई है–ज्येष्ठ माह की तपती दोपहरी और सूर्य की आग उगलती प्रचंड किरणें. प्राणि को प्यास लगने पर जल की एक बूंद भी कठिनाई से उपलब्ध हो रही थी. पृथ्वी पर यह सिलसिला दिनों नहीं महीनों से चल रहा था. श्रीविष्णु अपने भक्त गजराज की पुकार पर धरती तक दौड़े चले आये और कमजोर पड़ रहे भक्त की सहायता कर उसे संकट से बचाया.

हाथी और मगरमच्छ के बीच युद्ध

एक जंगल में प्यास से आकुल एक गजराज भी था. गजराज जल की तलाश में परिवार सहित सिंधु तट के पास स्थित एक सरोवर पहुंचा. उसके परिवार के हर सदस्य ने जल पीकर अपनी प्यास बुझा ली. तत्पश्चात् गजराज ने सरोवर में प्रवेश किया. अभी वह सूंड से दो-चार बार ही जल खींच कर मुख में डाल पाया था कि जल में छिपे ग्राह (मगरमच्छ) ने उसके अगले दाहिने पैर को पकड़ लिया। ग्राह उसे जल-मध्य खींच ले जाने का प्रयास करने लगा। अतृप्त होने के कारण गजराज ग्राह के समक्ष दुर्बल पड़ने लगा. दोनों में खींचातानी और फिर युद्ध होने लगा.

गज ने श्रीविष्णु को अर्पित किया कमल पुष्प

प्रायः चार प्रहर युद्ध के पश्चात् गजराज शिथिल पड़ गया. ग्राह उसे पूरी तरह मझधार में खींच ले जाने लगा. सिंधु जल उसके मुंह, नाक और कान के मार्गों से उदर-प्रवेश करने लगा. गजराज को जल-समाधि मिलने से पहले उसे जल में खिले कमल पुष्प (फूल) दिख गए. पुष्पों में से एक को उसने सूंड द्वारा तोड़ा और उसे आकाश की ओर उठा दिया. मानो उसे आकाश-स्थित किसी शक्तिमान को समर्पित कर रहा हो। यह शक्तिमान कोई और नहीं साक्षात् श्रीविष्णु गोविंद थे।

श्री हरि से प्रार्थना

उसने अवरुद्ध गले से त्रैलोक्य के स्वामी की प्रार्थना आरम्भ की-“हे गोविन्द! अब तो अपनी शरण में ले मेरी रक्षा कीजिए. प्रतीत होता है कि जीवन-मृत्यु के इस युद्ध में जीवन ही निःशेष हो जाएगा. अभी मेरी उम्र ही क्या है? युवावस्था में मैंने हाल ही में पदार्पण किया है. क्या आप चाहते हैं कि मैं इसी उम्र में काल-कवलित हो जाऊँ? यह जीवन तो आप ही का वरदान है.

भगवान का भक्त प्रेम

यह स्वर्णिम वरदान इस निष्ठुर ग्राह की बलि चढ़ जाए, इसे आप कब चाहेंगे?
“अरे चार प्रहर तक मैंने इस काल-स्वरूप ग्राह से युद्ध किया है. अब तो शक्ति पूर्णतया क्षीण हो चली है. अब शरणागत की रक्षा कीजिए, रक्षा कीजिए.”
उधर लक्ष्मी-पति भगवान विष्णु ने यह सुना नहीं कि गरुड़ पर सवार हो दौड़े. लक्ष्मी का इस अप्रत्याशित प्रस्थान से उन्हें रोकने का प्रयास पूर्णतया विफल हो गया.

गजराज के प्राणों की रक्षा

दूसरे ही क्षण गरुड़ आसीन भगवान विष्णु सागर-मध्य पहुंचे और बिना गरुड़ की पीठ छोड़े गदा-प्रहार से ग्राह का मुंह फाड़ डाला. गजराज मुक्त हो गया एवं ग्राह के प्राण-पखेरू अनन्त पथ के पथिक हो गए. आकाश-स्थित देवताओं एवं सिद्धों ने भगवान के ऊपर सुगंधित पुष्पों की वर्षा कर उनका जय-जयकार किया. इस तरह श्रीविष्णु ने गजराज के प्राणों की रक्षा की.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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