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Gayatri Jayanti 2025: ज्ञान, शांति और ऊर्जा शुद्धि का दिव्य अवसर
Gayatri Jayanti 2025: ज्ञान, शांति और ऊर्जा शुद्धि का दिव्य अवसर
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, June 2, 2025
Last Updated On: Monday, June 2, 2025
Gayatri Jayanti 2025 : वेदों की देवी हैं गायत्री. मान्यता है कि गायत्री जयंती के दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से ज्ञान, शांति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. गायत्री जयंती शुक्रवार, 6 जून 2025को है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, June 2, 2025
Gayatri Jayanti 2025: वेदों की देवी गायत्री की जयंती गायत्री जयंती के रूप में मनाई जाती है. सभी वेदों की देवी होने के कारण देवी गायत्री को वेद माता के रूप में पूजा जाता है. ऐसा माना जाता है कि देवी गायत्री ब्रह्म के सभी अभूतपूर्व गुणों की अभिव्यक्ति हैं. उन्हें हिंदू त्रिमूर्ति देवी के रूप में भी पूजा जाता है. उन्हें सभी देवताओं की माता और देवी सरस्वती, देवी पार्वती और देवी लक्ष्मी का अवतार (Gayatri Jayanti 2025) माना जाता है.
कब है गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti 2025 Date & Time)
द्रिक पंचांग पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार,
- एकादशी तिथि प्रारंभ – 06 जून 2025 को प्रातः 02:15 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त – 07 जून 2025 को प्रातः 04:47 बजे
- इसलिए ज्येष्ठ गायत्री जयंती शुक्रवार, 6 जून 2025 को है.
गायत्री मंत्र की महत्ता (Gayatri Mantra Importance)
गायत्री जयंती ज्येष्ठ चंद्र माह के दौरान शुक्ल पक्ष एकादशी को मनाई जाती है. यह आमतौर पर गंगा दशहरा के अगले दिन मनाई जाती है. मतान्तर के अनुसार गायत्री जयंती मनाने के लिए मतभेद होने के कारण इसे श्रावण पूर्णिमा के दौरान भी मनाया जाता है. श्रावण पूर्णिमा के दौरान गायत्री जयंती व्यापक रूप से स्वीकार की जाती है. भक्त गायत्री माता की विशेष प्रार्थना करके और गायत्री मंत्र का बार-बार जाप करके गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) मनाते हैं.
कैसे करें पूजा (how to perform puja on Gayatri Jayanti 2025)
मां गायत्री की पूजा करने का सबसे अच्छा तरीका गायत्री मंत्र का जाप करना है. यह मंत्र गायत्री माता का साक्षात् स्वरूप माना जाता है. सुबह पवित्रता के साथ नहा-धोकर सबसे पहले पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करना चाहिए. मां गायत्री को प्रणाम करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. दीपक जलाने के बाद मां गायत्री को फल-फूल और प्रसाद अर्पित करना चाहिए.
गायत्री जयंती की महत्ता (Significance of Gayatri Jayanti)
गायत्री जयंती सिर्फ़ एक उत्सव नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागृति का दिन है. यह वह दिन है जब देवी गायत्री ने दिव्य ज्ञान प्रदान करने और अज्ञानता को दूर करने के लिए अवतार लिया था. भक्त मानते हैं कि इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से ज्ञान, शांति और नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) से मुक्ति मिलती है.
क्या है गायत्री जयंती की कथा (Gayatri Jayanti Katha)
स्कंद पुराण (Skand Puran) में कहा गया है कि गायत्री का विवाह ब्रह्मा से हुआ है. जिससे वह सरस्वती का रूप बन गई हैं. कुछ ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्मा की पहली पत्नी सावित्री हैं और दूसरी गायत्री (Gayatri Jayanti Mythology) हैं. गायत्री के ब्रह्मा से विवाह के बारे में जानने पर सावित्री क्रोधित हो गईं और उन्होंने समारोह में शामिल सभी देवी-देवताओं को शाप दे दिया. मूर्तियों में गायत्री के पांच मुख हैं. पांच मुख पांच प्राणों (जीवन शक्ति) का प्रतिनिधित्व करते हैं. गायत्री मनुष्य में पांच प्राणों की रक्षक हैं. “गायन्थम त्रायते इति गायत्री (यह जप करने वाले की रक्षा करती है, इसलिए इसे गायत्री कहा जाता है).” जब गायत्री जीवन-शक्तियों की रक्षक के रूप में कार्य करती हैं, तो उन्हें सावित्री के रूप में जाना जाता है.
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