Hanuman Jayanti 2025 : सबसे बड़ा डिजिटल आध्यात्मिक आयोजन, काशी संकट मोचन में हनुमानजी की विशिष्ट पूजा

Hanuman Jayanti 2025 : सबसे बड़ा डिजिटल आध्यात्मिक आयोजन, काशी संकट मोचन में हनुमानजी की विशिष्ट पूजा

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, April 11, 2025

Updated On: Friday, April 11, 2025

Hanuman Jayanti पर काशी संकट मोचन मंदिर में सजे हुए हनुमानजी की प्रतिमा और दिव्य पुष्प सजावट.
Hanuman Jayanti पर काशी संकट मोचन मंदिर में सजे हुए हनुमानजी की प्रतिमा और दिव्य पुष्प सजावट.

Hanuman Jayanti 2025 : 12 अप्रैल को देश भर में हनुमान जयंती का आयोजन किया जा रहा है. इस अवसर पर न सिर्फ हनुमानजी के विशिष्ट मंदिर काशी के संकटमोचन में विशेष पूजा अर्चना होगी, बल्कि अमेठी में विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल आध्यात्मिक आयोजन भी होगा.

Authored By: स्मिता

Updated On: Friday, April 11, 2025

Hanuman Jayanti 2025 : काशी न सिर्फ बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के लिए जाना जाता है, बल्कि रुद्रावतार हनुमानजी के मन्दिर संकटमोचन मंदिर के लिए भी जाना जाता है. श्री संकट मोचन मंदिर परिसर में 10 दिवसीय हनुमत जयंती की शुरुआत चैत्र शुक्ल पूर्णिमा 12 अप्रैल शुक्रवार से हो जाएगी 102 वर्ष के हो चुके मंदिर में जयंती की शुरुआत श्री संकट मोचन हनुमान जी महाराज के विशेष शृंगार, झांकी, आरती, पूजन से होगी. इस अवसर पर गायन और वादन के कार्यक्रम भी आयोजित किए जायेंगे. इसी तरह राजनीति का केंद्र रही अमेठी में भक्तों ने हनुमान जन्मोत्सव के दिन प्रातः 8:00 बजे देश-विदेश से लगभग 10 करोड़ भक्तों द्वारा एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ विभिन्न सोशल मीडिया पर लाइव कराने (Hanuman Jayanti 2025) की ठानी है.

दस करोड़ भक्त एक साथ हनुमान चालीसा का करेंगे पाठ (Hanuman Chalisa)

अमेठी जिले की सदर विधानसभा सीट गौरीगंज से समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने एक अनोखी पहल की है. इसके तहत आगामी 12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव के दिन प्रातः 8:00 बजे देश-विदेश से लगभग 10 करोड़ भक्त एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ विभिन्न सोशल मीडिया पर लाइव करेंगे. इस आयोजन का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक एकता, आध्यात्मिक चेतना और डिजिटल सामर्थ्य को एक साथ वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करना है.

सकारात्मकता और समरसता का विस्तार

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में धार्मिक जागरूकता, सकारात्मकता और समरसता का विस्तार करना है. भारत की युवा पीढ़ी को सनातन संस्कृति से जोड़ना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है. भारत की भक्ति परंपरा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाना भी इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में है. डिजिटल माध्यम से आम जनमानस को सहभागिता

डिजिटल माध्यम से आम जनमानस की सहभागिता

यह आयोजन विशेष रूप से डिजिटल मंचों पर केंद्रित है. सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वह फेसबुक इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप आदि माध्यमों से लाइव या रिकॉर्ड वीडियो के रूप में हनुमान चालीसा का पाठ करें और अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट करें. यही नहीं, इस आयोजन के लिए दो प्रमुख बिंदु निर्धारित किए गए हैं जिसमें हनुमान चालीसा और विशेष पूजा-अर्चना हैं.

आध्यात्मिक लहर

इन बिंदुओं के माध्यम से यह अभियान डिजिटल स्पेस में एक वैश्विक आध्यात्मिक लहर का रूप लेगा। इसी के साथ-साथ आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वह 12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार को प्रातः 8 बजे जहां पर भी हो, वहीं से एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें और इस पवित्र संकल्प का हिस्सा बनें.

संकट मोचन दरबार में गायन-वादन

हनुमत जयंती पर संकट मोचन दरबार में गायन-वादन और नृत्य का आयोजन भी किया जाएगा. इसमें 11 पद्म अवार्डी, 16 प्रथम प्रवेशी कलासाधक भी शामिल होंगे. सार्वभौम रामायण सम्मेलन भी होगा. प्रात:कालीन सत्र में शहनाई वादन, ब्राह्मणों द्वारा मंदिर परिसर में रुद्राभिषेक, श्री रामचरित मानस का एकाह्न पाठ, श्री सीताराम संकीर्तन, रामार्चा पूजन, श्री वाल्मिकी रामायण का सुंदरकांड का पाठ, सायं 5 बजे रामकृष्ण मिशन के कीर्तन मंडलियों का संकीर्तन का आयोजन होगा. रात्रिपर्यन्त नगर के विभिन्न रामायण मंडलियों की ओर से रामचरित मानस का अखंड पाठ भी होगा. मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने पर हनुमज्जयंती महोत्सव की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान प्रात:कालीन सत्र में शहनाई वादन, ब्राह्मणों द्वारा मंदिर परिसर में संकट मोचन दरबार में आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना का आभास होगा.

(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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