अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra): इस वर्ष 10 दिनों में ही क्यों लुप्त हो गए बाबा बर्फानी

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Tuesday, July 9, 2024

Last Updated On: Monday, January 20, 2025

amarnath yatra baba barphani
amarnath yatra baba barphani

बाबा बर्फानी का आकार करीब 10 फीट ऊंचा था। लेकिन जैसे-जैसे यात्रा चली और श्रद्धालुओं की भीड़ वहां पहुंची, वैसे-वैसे इनका आकार छोटा होता गया।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Last Updated On: Monday, January 20, 2025

जम्मू-कश्मीर का प्रसिद्ध बाबा अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 29 जून से शुरू हुई है। यह यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा से शुरु होकर सावन पूर्णिमा को समाप्त होती है। इस दौरान लाखों शिव भक्त भगवान शिव की प्राकृतिक लिंग (बाबा बर्फानी) का दर्शन करते हैं, जो बर्फ से स्वयंभू बनता है। लेकिन इस वर्ष बाबा बर्फानी 10 दिन में ही लुप्त हो गए हैं। बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग गर्मी से पूरा पिघल गया है।

लुप्त हुए बाबा बर्फानी (Baba Barfani)

इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी। तब बाबा बर्फानी का आकार करीब 10 फीट ऊंचा था। लेकिन जैसे-जैसे यात्रा चली और श्रद्धालुओं की भीड़ वहां पहुंची, वैसे-वैसे इनका आकार छोटा होता गया। एक सप्ताह बाद ही इनका आकार घटकर डेढ़ फीट कर रह गया था। तब दर्शन कर नीचे आने वाले श्रद्धालुओं ने इसकी जानकारी दी। यात्रा के दस दिन बाद ही वह भी पिघलकर शिवलिंग लुप्त हो गए।

ग्लोबल वार्मिंग का असर

जिस तरह बाबा बर्फानी यात्रा के कुछ दिनों में पिघलकर लुप्त हो जा रहे हैं, उससे श्रद्धालुओं में थोड़ा निराशा भी है। बताया जा रहा है बाबा के तेजी से पिघलने का मुख्य कारण यहां बढ़ता तापमान है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से भी प्रति वर्ष शिवलिंग का आकार छोटा होता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से यहां विकास कार्य भी तेजी हो रहा है। पहाड़ों को काटकर रास्ते को चौड़ा किया जा रहा है। गुफा तक पहुंचने के लिए रोपवे का भी कार्य चल रहा है। वहीं बालटाल से आगे कुछ किलोमीटर तक सड़क भी बन रही है। इन विकास कार्यों का भी असर बाबा बर्फानी पर पड़ रहा है।

पिछले साल ज्यादा दिनों तक रहे

पिछले वर्ष यात्रा शुरू होने के समय पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी का आकर 18 फीट ऊंचा था। पिछले भी बाबा लंबे समय तक रहे थे। यह यात्रा करीब दो महीने चलती है। गत वर्ष बाबा करीब 45 दिनों तक अपने भक्तों को दर्शन दिए थे। यात्रा समाप्त होने के 15 दिन पहले बाबा लुप्त हुए थे। ऐसे भी तब तक श्रद्धालुओं की संख्या काम हो जाती है।

भारी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा जारी

पिछले कुछ समय से कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ी है। आतंकवादी टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं। इसको देखते हुए इस बार पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालु बड़ी संख्या यात्रा में शामिल हो रही हैं। यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रास्तों से जारी है।अब तक करीब डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं।

बाबा अमरनाथ में शिवलिंग

अमरनाथ गुफा में बनने वाले शिवलिंग के बारे में बताया जाता कि पहले बर्फ की एक छोटी आकृति बनती है। यह आकृति लगातार 15 दिन तक थोड़ी-थोड़ी बढ़ती है। इसके 15 दिन बाद बड़े आकार में शिवलिंग का रूप ले लेता है। कहा जाता है कि जैसे-जैसे चांद का आकार घटता है, वैसे-वैसे शिवलिंग भी घटने लगता है। चांद जब लुप्त हो जाता है तो शिवलिंग भी अंतर्ध्यान हो जाता है। कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में एक मुसलमान गड़रिये बूटा मलिक ने इस गुफा को खोजा था।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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