Prayagraj Mahakumbh 2025 : मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए विशेष तैयारी

Prayagraj Mahakumbh 2025 : मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए विशेष तैयारी

Prayagraj Mahakumbh 2025: Special preparations for Amrit Snan on Mauni Amavasya
Prayagraj Mahakumbh 2025: Special preparations for Amrit Snan on Mauni Amavasya

29 जनवरी को महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व है मौनी अमावस्या। यह महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान होगा। एक अनुमान के मुताबिक 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। विभिन्न अखाड़े और नागा साधुओं और आम श्रद्धालु के लिए यह दिन महत्वपूर्ण होने के कारण महाकुंभनगर में विशेष सुरक्षा और आवागमन व्यवस्था (Prayagraj Mahakumbh 2025) की जाएगी।

महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व है मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025)। मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है। इस अवसर पर अमृत स्नान (Amrit Snan) को सकुशल संपन्न कराने के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। देश के विभिन्न क्षेत्रों एवं विदेशी श्रद्धालुओं को सुरक्षित आवागमन उपल्बध कराने के लिए प्रयागराज कमिश्नरेट एवं मेला क्षेत्र को नो—व्हेकिल जोन घोषित कर दिया जाएगा। पांच दिन शहर एवं मेला में वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध (Prayagraj Mahakumbh 2025) लगाया जाएगा।

शुभ दिनों में से एक है मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) 

मौनी अमावस्या हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक है। यह 29 जनवरी, 2025 को बुधवार के दिन मनाया जाएगा। इसे माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत, उपवास और गंगा नदी में पवित्र स्नान के अनुष्ठान किए जाते हैं। मौनी अमावस्या पर लोग ‘मौन व्रत’ रखते हैं। इस दिन पितृ तर्पण और पितृ पूजा करके पितरों से आशीर्वाद लिया जाता है। अन्य अनुष्ठानों में पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई जाती है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुंभ राजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि मौनी अमावस्या स्नान पर्व (Mauni Amavasya Snan Parv 2025) को आने वाली श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को सकुशल स्नान कराकर वापस भेजने की योजना की रणनीति तैयार की गई है। इस स्नान पर्व के दिन से दो दिन पूर्व और दो दिन बाद मेला क्षेत्र एवं प्रयागराज शहर में वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

वाहनों के आवागमन में परिवर्तन और यातायात नियंत्रण

प्रयागराज के सीमावर्ती जनपद कौशाम्बी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, चित्रकूट, वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही, रायबरेली, रीवा, सतना में वाहनों के आवागमन में परिवर्तन और यातायात को नियंत्रित करने की योजना लागू की जा रही है। श्रद्धालुओं को सामान्य दिनों में शटल बस, सीएनजी ऑटो एवं ई रिक्शा की सुविधा प्रदान करने की योजना पर कार्य हो रहा है। मुख्य स्नान पर्व से पूर्व एवं बाद में सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

सूचना देने की विशेष व्यवस्था

सत्रह सौ से अधिक साईनेजेज की व्यवस्था की गई है। साइनेज से तात्पर्य संकेतों की उस प्रणाली से है, जिसका उपयोग सूचना देने, दिशा-निर्देश प्रदान करने या उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। प्रयागराज में 230 स्थानों पर बैरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इस बोर्ड के माध्यम से श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं सहज रूप से सुलभ हो सकेंगे।

वाहनों के लिए बने हैं 102 पार्किंग स्थल

श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज के सीमावर्ती जनपदों की ओर से आने वाले वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा कराया जाएगा। कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, चित्रकूट, वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, सतना रीवा मध्य प्रदेश से सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 19 सौ हेक्टेयर एरिया चिह्नित किए गए है। इनमें 5.5 लाख वाहनों को खड़ा करने की क्षमता है। वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं।

यातायात की सुगमता पर ध्यान

सीमावार्ती जनपदों से आने वाले वाहनों को डायवर्ट किया जाएगा। इसके साथ ही मार्गो व पार्किंग में सीसीटीवी कैमरे से और एआई एवं एएनपीआर सुविधा का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2019 के सापेक्ष इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं के यातायात को सुगमता के लिए नई सड़कों एवं 8 नए पान्टून पुलों का निर्माण किया गया है। छोटे एवं बड़े वाहनों की पहली पार्किंग भर जाने पर तत्काल अगली पार्किंग में वाहनों को पार्क कराया जाएग। इसी क्रम में यह श्रृंखला आगे बढ़ती रहेगी।

(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ) 

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