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Mauni Amavasya 2025 : जाने कब है मौनी अमावस्याव 28 या 29 जनवरी को
Mauni Amavasya 2025 : जाने कब है मौनी अमावस्याव 28 या 29 जनवरी को
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, January 21, 2025
Updated On: Thursday, January 30, 2025
Mauni Amavasya 2025 : सनातन धर्म में मौन की भी महत्ता है। मौन रहने पर हम हम अपने अवगुणों पर विचार करते हैं और उनसे छुटकारा पाने का उपाय ढूंढते हैं। माघ माह के कृष्णपक्ष की अंतिम तिथि को मौनी अमावस्या मनाई जाती है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है। इस अवसर पर गंगा स्नान और मौन व्रत धारण करने का महत्त्व है।
Authored By: स्मिता
Updated On: Thursday, January 30, 2025
Mauni Amavasya 2025: जब हम एकांत और मौन (Silence) का अभ्यास करते हैं, तो अपने मस्तिष्क को अपनी भावनाओं और विचारों पर सोचने के लिए पर्याप्त समय देते हैं। इस समय का सदुपयोग विचारों को छानने में किया जा सकता है। हम अपने अवगुणों की पहचानकर यदि उन्हें त्याग करने का उपाय ढूंढने लगते हैं, तो यहीं मौन की सार्थकता सिद्ध हो जाती है। इसलिए सनातन धर्म में माघ माह के कृष्णपक्ष की अंतिम तिथि को मौनी अमावस्या मनाने की संस्कृति है। श्रद्धालुओं में इस बात को लेकर संशय है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) 28 जनवरी को है या 29 जनवरी को।
गंगा नदी में अनुष्ठान के साथ स्नान (Mauni Amavasya 2025)
ज्योतिषशास्त्री पंडित अनिल शास्त्री बताते हैं, ‘हिंदू संस्कृति सूर्योदय यानी उद्या तिथि को मान्यता देता है। अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 जनवरी, 2025 को शाम 7:35 मिनट से शुरू होगी। अमावस्या तिथि 29 जनवरी, 2025 को शाम 6:05 बजे समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के कारण बुधवार, 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। माघी अमावस्या (Maghi Amavasya 2025) के रूप में जाना जाने वाला यह पवित्र दिन मौन, उपवास और गंगा नदी में अनुष्ठान के साथ किए गए स्नान पर जोर देता है। इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) आयोजन होने के कारण लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा-यमुना और विलुप्त सरस्वती के संगम पर स्नान करेंगे।’
क्या है मौन की महत्ता (Silence Importance)
मौन अंतर्मन की रचनात्मकता को बाहर लाता है। इससे नए विचारों को पनपने का अवसर मिलता है। खुद को मौन में डुबो कर हम आत्म-जागरूक (Self Awareness) हो सकते हैं। यह हमारे व्यक्तित्व विकास को भी बढ़ावा दे सकता है। मौन मन में शांति लाता है। यह रोजमर्रा की जिंदगी के तनावों से मुक्त कर आंतरिक शांति लाने में सक्षम है।
मौनी अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व (Mauni Amavasya Significance)
मौनी शब्द संस्कृत शब्द ‘मौन’ से निकला है, जिसका अर्थ मौन होना है। इस दिन भक्त मौन व्रत लेते हैं और उपवास भी रखते हैं। मन और आत्मा को शुद्ध करने के लिए गहन ध्यान में संलग्न हो सकते हैं। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पवित्र गंगा नदी का पानी अमृत समान हो जाता है। इस जल में स्नान ही पवित्र स्नान कहलाता है।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025 in Prayagraj Mahakumbh)
भक्तगण पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। हर 12 साल में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या सबसे अमृत स्नान दिवस (Amrit Snan) बन जाता है। प्रयागराज (Prayagraj Mahakumbh) में यह लाखों लोगों के लिए अमृत स्नान दिन बन जाएगा। अमृत योग और कुंभ पर्व (Kumbh Parv) के रूप में जाना जाने वाला यह दिन आध्यात्मिक शक्ति (Spiritual Power) बढ़ाने का समय है।
मौनी अमावस्या के दिन कौन-सा अनुष्ठान करें (Mauni Amavasya Rituals)
गंगा में पवित्र स्नान (Holy Dip)
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, इस अवसर पर गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। मान्यता है कि इससे व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और आध्यात्मिक कृपा मिलती है। प्रयागराज और हरिद्वार में इस अवसर पर पवित्र स्नान करने का विधान है।
मौन धारण करना (Silence)
भक्त पूरे दिन मौन धारण करते हैं। यह आंतरिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति जाग्रत कर सकता है। यह अभ्यास आत्मनिरीक्षण और सांसारिक माया-मोह के प्रति विकर्षण को बढ़ावा देता है।
उपवास और दान (Mauni Amavasya Vrat)
भक्तगण पूरे दिन उपवास रखते हैं। माना जाता है कि भोजन, कपड़े और पैसे दान करने (Mauni Amavasya Daan) से परमात्मा का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति की वृद्धि होती है।
ध्यान और पूजा (Meditation)
मंत्रों का जाप, ध्यान और भगवान विष्णु (Shree Vishnu) और सूर्य देव (Surya Dev) की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
स्वयं को अध्यात्म से जोड़ने का अवसर है माघी अमावस्या (Maghi Amavasya 2025)
मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) तन और आत्मा के शुद्धिकरण और स्वयं को ईश्वर से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। श्रद्धालु जीवन में शांति, संतुलन और स्वयं को अध्यात्म से जोड़ने के लिए मौनी अमावस्या कर सकते हैं।
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