New Year 2026: 1 जनवरी 2026 का दिन कैसे बदलेगा किस्मत?, जानें 9 शुभ योग, दुर्लभ व्रत और विष्णु-महादेव की विशेष कृपा का महासंयोग

Authored By: Nishant Singh

Published On: Tuesday, December 16, 2025

Last Updated On: Wednesday, December 17, 2025

New Year 2026 पर 1 जनवरी को बनने वाले 9 शुभ योग, दुर्लभ व्रत और विष्णु-महादेव की विशेष कृपा से बदल सकती है किस्मत.
New Year 2026 पर 1 जनवरी को बनने वाले 9 शुभ योग, दुर्लभ व्रत और विष्णु-महादेव की विशेष कृपा से बदल सकती है किस्मत.

नए साल की पहली सुबह सिर्फ तारीख नहीं बदलती, बल्कि नई उम्मीदों और शुभ संकेतों का द्वार खोलती है. नववर्ष 2026 का पहला दिन ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन दुर्लभ शुभ योग, व्रत और नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है. भगवान विष्णु और महादेव की कृपा पाने का यह अनमोल अवसर पूरे साल को शुभ बना सकता है. जानिए

Authored By: Nishant Singh

Last Updated On: Wednesday, December 17, 2025

New Year 2026: नए साल का नाम आते ही मन में नई उम्मीदें, नए सपने और नई शुरुआत की तस्वीर उभर आती है. साल 2026 का स्वागत लोग पूरे उत्साह और उमंग के साथ कर रहे हैं. लेकिन यह नववर्ष सिर्फ कैलेंडर बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी इसका पहला दिन बेहद खास माना जा रहा है. 1 जनवरी 2026 को ग्रह-नक्षत्रों की ऐसी दुर्लभ स्थिति बन रही है, जो पूरे साल को शुभ और फलदायक बनाने की क्षमता रखती है. यही वजह है कि आस्था रखने वाले लोग इस दिन के मुहूर्त, व्रत और योग के बारे में जानने को उत्सुक हैं.

ज्योतिष के अनुसार क्यों खास है 1 जनवरी 2026

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नववर्ष 2026 का पहला दिन अपने साथ एक या दो नहीं, बल्कि पूरे नौ शुभ संयोग लेकर आ रहा है. इन संयोगों का प्रभाव जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों धन, करियर, स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर सकारात्मक रूप से पड़ता है. इस दिन भगवान विष्णु और देवों के देव महादेव, दोनों की पूजा का दुर्लभ अवसर बन रहा है. विष्णु और शिव की संयुक्त कृपा को अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली माना जाता है, जिससे इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है.

1 जनवरी 2026 के प्रमुख शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्मचर्य मुहूर्त: सुबह 05:25 से 06:19 बजे तक रहेगा. यह समय आत्मसंयम, मन की शुद्धि और नए संकल्प लेने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.
  • अमृत काल: सुबह 07:57 से 09:23 बजे तक रहेगा. इस दौरान लिए गए संकल्प और शुरू किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ फल देते हैं.
  • अभिजीत उत्सव: दोपहर 12:04 से 12:45 बजे तक रहेगा. यह समय पूजा-पाठ, शुभ कार्य और नई शुरुआत के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है.
  • लाभ-उन्नति महोत्सव: दोपहर 12:25 से 01:42 बजे तक रहेगा. इस काल में किए गए कार्यों से प्रगति और लाभ की संभावनाएं बढ़ती हैं.
  • अमृत-सर्वोत्तम पूजन काल: दोपहर 01:42 से 03:00 बजे तक रहेगा. इस समय पूजा करने से विशेष पुण्य और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है.
  • विजय उत्सव: दोपहर 02:08 से 02:50 बजे तक रहेगा. यह समय सफलता, जीत और मनोकामना पूर्ति के लिए शुभ माना जाता है.

तिथि और व्रत का विशेष महत्व

1 जनवरी 2026 को पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि रहेगी, जो प्रातःकाल से रात 10:22 बजे तक प्रभावी रहेगी. इसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा. ये दोनों तिथियां भगवान शिव को समर्पित मानी जाती हैं, इसलिए शिव भक्ति के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसी दिन गुरु प्रदोष व्रत भी है, जो साल का पहला प्रदोष माना जाएगा. प्रदोष व्रत में शिव पूजा करने से मानसिक शांति, रोगों से मुक्ति और जीवन में संतुलन मिलता है. साथ ही गुरुवार होने के कारण विष्णु व्रत का भी महत्व है, जिससे धन और समृद्धि में वृद्धि होती है.

योग और उनके शुभ प्रभाव

इस दिन प्रातःकाल से शाम 05:12 बजे तक शुभ योग रहेगा, जो नए काम, नौकरी, व्यापार और विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है. इसके बाद शुक्ल योग बनेगा, जो रात तक रहेगा. शुक्ल योग को भी सकारात्मक ऊर्जा और उन्नति का प्रतीक माना जाता है. इन योगों में किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ परिणाम देते हैं और बाधाओं को कम करते हैं.

नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति

1 जनवरी 2026 को रोहिणी नक्षत्र प्रातःकाल से रात 10:48 बजे तक रहेगा. रोहिणी नक्षत्र को सुख, समृद्धि, विकास और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है. इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र का आरंभ होगा, जो खोज, नई दिशा और मानसिक सक्रियता से जुड़ा है. नववर्ष के शुभारंभ पर रवि योग भी बन रहा है, जो रात 10:48 बजे से 2 जनवरी सुबह 07:14 बजे तक रहेगा. रवि योग में किए गए कार्यों से दोष कम होते हैं और सूर्य पूजा से विशेष लाभ मिलता है.

शिववास और रुद्राभिषेक का दुर्लभ संयोग

1 जनवरी 2026 को सुबह से रात 10:22 बजे तक नंदी पर शिववास रहेगा. इस दौरान किया गया रुद्राभिषेक अत्यंत फलदायक माना गया है. मान्यता है कि इस समय शिव पूजा करने से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है. कुल मिलाकर, 1 जनवरी 2026 सिर्फ नए साल की शुरुआत नहीं, बल्कि एक शुभ, पावन और शक्तिशाली दिन है, जो पूरे वर्ष को बेहतर बनाने का अवसर देता है.

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निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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