Vindhyavasini Temple: नए साल पर मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन करेंगे भक्तगण

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, December 30, 2024

Last Updated On: Monday, December 30, 2024

Vindhyavasini Temple: Naye saal par Maa Vindhyavasini Devi ka darshan
Vindhyavasini Temple: Naye saal par Maa Vindhyavasini Devi ka darshan

नव वर्ष के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचने की उम्मीद है। विशेष अवसरों जैसे नवरात्र और पूर्णिमा पर उमड़ने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए नए साल पर भी मंदिर में दर्शन (Vindhyavasini Temple) के लिए सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Monday, December 30, 2024

नव वर्ष के अवसर पर भक्तगण देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन करना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि देवी उन्हें विशेष आशीर्वाद देंगी। उनका जीवन सकारात्मक ऊर्जा के श्रोतों से अनुप्राणित हो जायेगा। अंधकार पर प्रकाश की विजय की तरह उनका जीवन भी ज्योति से भर जाएगा। नए साल पर मिर्जापुर स्थित मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण के पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए मंदिर में दर्शन (Vindhyavasini Temple) के लिए सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

चरण स्पर्श पर पूर्ण प्रतिबंध 

हर भक्त मां के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद अपने झोली में भर लेना चाहता है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगमता को ध्यान में रखते हुए 31 दिसंबर और एक जनवरी को मां विंध्यवासिनी के चरण स्पर्श पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, दर्शन-पूजन के लिए प्रथम और द्वितीय प्रवेश द्वार से झांकी के माध्यम से व्यवस्था की गई है। वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए अलग कतारें लगाई जाएंगी। मंदिर प्रशासन और स्थानीय पुलिस का प्रयास है कि नव वर्ष पर श्रद्धालु आसानी और सुरक्षित तरीके से मां विंध्यवासिनी के दर्शन कर नए साल की शुरुआत कर सकें।

पंडा समाज की विशेष भूमिका

मंदिर में 24 घंटे पंडा समाज के सदस्य ड्यूटी पर तैनात रहेंगे और हर दो घंटे पर सेवा का दायित्व संभालेंगे। मां विंध्यवासिनी की चारों प्रहर की आरती, श्रृंगार पूजन, और प्रसाद वितरण का विशेष प्रबंध किया गया है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। प्रभारी निरीक्षक विंध्याचल अमित कुमार ने बताया कि विंध्याचल के साथ-साथ अतिरिक्त पुलिस और पीएसी बल तैनात किए जाएंगे। जाम की समस्या से निपटने के लिए यातायात व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

अष्टभुजा पहाड़ी पर भी उमड़ेगी भीड़

मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु अष्टभुजा पहाड़ी पर भी भ्रमण के लिए जाते हैं। इसे देखते हुए वहां भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। माना जाता है कि देवी के आठ हाथ या भुजा थे । इसलिए उनका नाम अष्टभुजी पड़ा। वह भगवान कृष्ण की पालक मां यशोदा की पुत्री थीं। विंध्याचल में उन्हें समर्पित मां विंध्यवासिनी मंदिर है, जहां हर साल भक्त उनका आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। यह मंदिर विंध्य पर्वत श्रृंखला के ऊपर स्थित है।

हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ

यह भी पढ़ें :-  Vindhyachal Dham: विंध्याचल मंदिरों की दान पेटिकाओं से निकले 33.72 लाख रुपये

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
Leave A Comment

अन्य लाइफस्टाइल खबरें