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Yogini Ekadashi 2025: जानिए कब है योगिनी एकादशी, शुभ मुहूर्त और दान का महत्व
Yogini Ekadashi 2025: जानिए कब है योगिनी एकादशी, शुभ मुहूर्त और दान का महत्व
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, June 12, 2025
Last Updated On: Thursday, June 12, 2025
Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी आषाढ़ कृष्ण एकादशी भी कहलाती है. इस वर्ष यह शनिवार 21 जून को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन जरूरतमंदों को दान देने और श्रीविष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस लेख में जानें व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पौराणिक कथा, दान का महत्व और इसका धार्मिक फल.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Thursday, June 12, 2025
Yogini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी दिन का बहुत अधिक महत्व है. यह दिन पूरी तरह भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है. आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली योगिनी एकादशी आषाढ़ कृष्ण एकादशी (Asadha Krishna Ekadashi 2025) भी कहलाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जरूरतमंदों को दान देने और भगवान नारायण की पूजा करने से भक्त को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. जानते हैं योगिनी एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त.
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2025 Date & Muhurt)
द्रिक पंचांग में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्ष 2025 में योगिनी एकादशी शनिवार, 21 जून को मनाई जाएगी. एकादशी का शुभ मुहूर्त 21 जून को सुबह 07:19 बजे से शुरू होकर 22 जून को सुबह 04:28 बजे समाप्त होगा. उदया तिथि की अधिक मान्यता के कारण त्योहार सूर्योदय के शुभ समय में मनाए जाते हैं. इसलिए आषाढ़ कृष्ण एकादशी (Asadha Krishna Ekadashi 2025) शनिवार, 21 जून 2025 को मनाई जाएगी.
योगिनी एकादशी का महत्व (Yogini Ekadashi Significance)
आषाढ़ कृष्ण एकादशी (Asadha Krishna Ekadashi) का सनातन परंपरा में विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखने और ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और दान करने वाले की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन भक्त के लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने वाला माना जाता है.
योगिनी एकादशी की कथा (Yogini Ekadashi Mythological Story)
योगिनी एकादशी की कहानी अलकापुरी में राजा कुबेर के यक्ष माली हेममाली पर केंद्रित है. हेममाली राजा कुबेर की शिव पूजा के लिए फूल पहुंचाने की बजाय अपनी पत्नी के साथ समय बिताकर अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करता रहता था. राजा कुबेर उसे कुष्ठ रोग और अपनी पत्नी से अलग होने का श्राप दे देते हैं. हेममाली तब ऋषि मार्कंडेय से मिलता है, जो उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने की सलाह देते हैं. इससे उसका कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है और वह अपनी पत्नी से फिर से मिल जाता है.
योगिनी एकादशी पर दान का महत्व
सनातन परंपरा में दान को बहुत पुण्य का कार्य माना जाता है।.भारत में दान देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. लोग मन की शांति पाने, अपनी इच्छाओं को पूरा करने, पुण्य प्राप्त करने, ग्रह दोषों से मुक्ति पाने और विशेष अवसरों पर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करते हैं. हिंदू धर्म में दान का बहुत महत्व है, क्योंकि माना जाता है कि दिया गया दान न केवल आपको इस जीवन में लाभ पहुंचाता है बल्कि कई जन्मों तक आपके साथ रहता है. यह लगातार व्यक्ति के जीवन पर अपने सकारात्मक प्रभाव देता रहता है.
भाग्य को बदल सकता है दान
दान करने से हमारे जीवन से कई परेशानियां स्वाभाविक रूप से दूर हो जाती हैं. अच्छे कर्म हमारे कर्मों को बढ़ाते हैं और जब हमारे कर्म सुधरते हैं तो हमारे भाग्य को बदलने में देर नहीं लगती है. हमारे धार्मिक ग्रंथों में कई महान दानियों का उल्लेख है, जैसे ऋषि दधीचि, जिन्होंने अपनी हड्डियां तक दान कर दीं. अंगदेश के राजा दानवीर कर्ण, जिन्होंने जीवन भर दान किया. यहां तक कि अपनी मृत्यु के समय अपना सोने का दांत भी दान कर दिया.
आषाढ़ कृष्ण एकादशी पर दान करने योग्य चीजें
योगिनी एकादशी या आषाढ़ कृष्ण एकादशी को दान के लिए महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस शुभ दिन पर भोजन, फल और अनाज का दान करना अत्यधिक लाभकारी होता है.
Frequently Asked Questions (FAQs):
Q1. योगिनी एकादशी 2025 में कब है?
Ans: योगिनी एकादशी 2025 में शनिवार, 21 जून को मनाई जाएगी. यह एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है. द्रिक पंचांग के अनुसार व्रत का शुभ समय 21 जून को सुबह 07:19 बजे से शुरू होकर 22 जून को सुबह 04:28 बजे तक रहेगा. व्रत उदया तिथि अनुसार 21 जून को रखा जाएगा.
Q2. योगिनी एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है?
Ans: योगिनी एकादशी आरंभ सुबह 07:19 बजे होगा और समापन 22 जून को सुबह 04:28 बजे होगा. व्रत उदया तिथि के अनुसार 21 जून को रखा जाएगा, क्योंकि सूर्योदय का समय धार्मिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है.
Q3. योगिनी एकादशी का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans: योगिनी एकादशी का हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र महत्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं. यह तिथि मोक्ष की प्राप्ति के लिए उत्तम मानी जाती है और भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
Q4. योगिनी एकादशी की कथा क्या है?
Ans:योगिनी एकादशी की कथा यक्ष हेममाली की है, जो अपने कर्तव्यों की उपेक्षा कर पत्नी के साथ समय बिताता था. राजा कुबेर उसे श्राप देते हैं जिससे वह कुष्ठ रोग से ग्रस्त हो जाता है. ऋषि मार्कंडेय की सलाह पर वह योगिनी एकादशी का व्रत करता है और रोग से मुक्त होकर पुनः पत्नी से मिलता है.
Q5. योगिनी एकादशी पर क्या-क्या दान करना चाहिए?
Ans:इस दिन दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. योगिनी एकादशी पर अन्न, फल, वस्त्र, जल और धन का दान करना शुभ माना जाता है. विशेष रूप से भोजन और अनाज का दान अत्यधिक फलदायी होता है. गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने से पुण्य बढ़ता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
Q6. योगिनी एकादशी किसे और क्यों रखनी चाहिए?
Ans: योगिनी एकादशी उन सभी को रखनी चाहिए जो अपने पापों से मुक्ति, मानसिक शांति, और मोक्ष की कामना करते हैं. इस व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. यह व्रत विशेषकर गृहस्थों, साधकों और भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है.