नीतीश और राबड़ी की लड़ाई में ऐसे कूदी रोहिणी आचार्य, लालू की बेटी ने क्यों बोला तीखा हमला?

नीतीश और राबड़ी की लड़ाई में ऐसे कूदी रोहिणी आचार्य, लालू की बेटी ने क्यों बोला तीखा हमला?

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, March 25, 2025

Updated On: Tuesday, March 25, 2025

नीतीश कुमार, रोहिणी आचार्य और राबड़ी देवी के बीच बिहार की सियासी जंग – लालू की बेटी ने क्यों किया तीखा हमला?
नीतीश कुमार, रोहिणी आचार्य और राबड़ी देवी के बीच बिहार की सियासी जंग – लालू की बेटी ने क्यों किया तीखा हमला?

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और लालू यादव (Lalu Yadav) के परिवार के बीच सियासी तनातनी तेज होती जा रही है. हाल के दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बीच बयानबाजी का सिलसिला जारी है, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. राबड़ी देवी की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भोजपुरी में लिखते हुए नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला— "अरे तू चुप्प रहअ न.. जादा मुँह मत फाड़अ।"

Authored By: सतीश झा

Updated On: Tuesday, March 25, 2025

Rohini Acharya Statement : रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) का यह बयान बिहार की सियासत में चर्चा का विषय बन गया है. राजद (RJD) और जदयू (JDU) के बीच जारी इस जुबानी जंग ने आगामी चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी को और तेज कर दिया है. अब देखना होगा कि इस बयान के बाद नीतीश कुमार की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है और यह सियासी लड़ाई आगे क्या रूप लेती है.

चुनाव से पहले सियासी जंग कितनी तीखी

बिहार की राजनीति में बयानबाजी और सियासी तकरार कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब लड़ाई नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और राबड़ी देवी (Rabri Devi) के बीच हो और उसमें रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) कूद जाएं, तो यह साफ संकेत देता है कि आगामी चुनाव से पहले सियासी जंग कितनी तीखी होने वाली है. पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बीच लगातार जुबानी जंग चल रही है. इसी बीच, राबड़ी देवी को लेकर नीतीश कुमार की टिप्पणी ने लालू परिवार को और आक्रामक बना दिया.

रोहिणी आचार्य, जो अक्सर सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार पर हमलावर रहती हैं, इस बार अपनी मां राबड़ी देवी के बचाव में खुलकर मैदान में आ गई हैं. यह बयान सिर्फ एक व्यक्तिगत प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि बिहार की बदलती सियासी रणनीति का हिस्सा भी माना जा सकता है. रोहिणी आचार्य का मुखर अंदाज और राजद की आक्रामक रणनीति दर्शा रही है कि इस बार लालू परिवार पूरी ताकत से नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने के मूड में है.

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया देते हैं, या फिर यह बयानबाजी और तेज होती है? बिहार में राजनीति एक बार फिर गरमा गई है और चुनावी समर से पहले यह सियासी लड़ाई और दिलचस्प मोड़ ले सकती है.

रोहिणी आचार्य चर्चा में क्यों रहती हैं?

बिहार की राजनीति में रोहिणी आचार्य का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. लालू यादव की बेटी और पेशे से डॉक्टर रोहिणी पिछले कुछ समय से अपने बेबाक बयानों और राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से लगातार सुर्खियों में बनी रहती हैं. रोहिणी आचार्य अक्सर एक्स (ट्विटर), फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने बयानों से सुर्खियां बटोरती हैं. वह नीतीश कुमार, बीजेपी और विरोधियों पर तीखे हमले करने से पीछे नहीं हटतीं. हाल ही में राबड़ी देवी और नीतीश कुमार के बीच जुबानी जंग के दौरान भी उन्होंने खुलकर अपनी मां के समर्थन में मोर्चा संभाला.

जब लालू प्रसाद यादव बीमार हुए और इलाज के लिए सिंगापुर गए, तब रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी दान कर नई मिसाल पेश की. इस कदम से उन्होंने न केवल अपने पिता के प्रति समर्पण दिखाया, बल्कि राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति भी दर्ज कराई.

आरक्षण के मुद्दे पर हुई थी तीखी नोंकझोंक

बिहार विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के बीच आरक्षण के मुद्दे पर फिर से तीखी बहस देखने को मिली. सदन में माहौल तब गरमा गया जब राजद (RJD) के एमएलसी अपनी पार्टी के झंडे के रंग के हरे बैज पहनकर पहुंचे और नारे लगाने लगे . राजद सदस्यों ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव की सरकार ने वंचित जातियों के लिए आरक्षण कोटा बढ़ाया था, लेकिन भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद इसे ‘छीन’ लिया गया.

इस मुद्दे पर सदन में हंगामा बढ़ने के बाद नीतीश कुमार और राबड़ी देवी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. राबड़ी देवी ने सरकार पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया, जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार हमेशा सामाजिक न्याय और पिछड़ों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रही है. इस दौरान सदन में विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच खूब बहस हुई. बिहार की राजनीति में आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. यह बहस इस बात का संकेत देती है कि आने वाले दिनों में यह विषय और गरमाएगा.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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