जातिगत राजनीति में लालू परिवार फिर निशाने पर, सम्राट चौधरी ने साधा निशाना

जातिगत राजनीति में लालू परिवार फिर निशाने पर, सम्राट चौधरी ने साधा निशाना

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, April 28, 2025

Last Updated On: Monday, April 28, 2025

बिहार की सियासत में जातिगत राजनीति एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है. हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के बेटे और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पासी समाज को लेकर बयान दिया था. उन्होंने घोषणा की थी कि अगर राज्य में राजद (RJD) की सरकार बनती है, तो ताड़ी को शराबबंदी से मुक्त कर दिया जाएगा. तेजस्वी के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Monday, April 28, 2025

अब इस मुद्दे पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Smart Choudhary) ने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और लालू परिवार (Lalu Family) पर तीखा हमला बोला है. सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू परिवार हमेशा से जातिगत राजनीति को बढ़ावा देकर समाज को गुमराह करने की कोशिश करता रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव अब ताड़ी के सहारे वोट बैंक साधने की राजनीति कर रहे हैं, जो बिहार के विकास के खिलाफ है.

बिहार में पासी समाज की आबादी

बिहार में पासी समुदाय की आबादी लगभग 12.88 लाख है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का करीब 0.98% हिस्सा है. पासी जाति अनुसूचित जाति (SC) वर्ग में शामिल है और राज्य के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में इसकी अपनी एक अहम भूमिका है. स्वाभाविक रूप से, संख्या आधारित लोकतंत्र में इतनी कम आबादी वाले किसी भी जातीय समूह के लिए निर्णायक स्थान बनाना आसान नहीं होता. वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक समीकरण भी इस स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखाते.

बिहार के युवा को ताड़ी के सहारे आगे बढ़ाया जाएगा?

सम्राट चौधरी (Smart Choudhary) ने कहा कि एक तरफ सरकार नशामुक्त बिहार के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ RJD जैसी पार्टियां ताड़ी को बढ़ावा देकर समाज को पीछे धकेलने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने तेजस्वी यादव से सवाल किया कि क्या बिहार के युवा को ताड़ी के सहारे आगे बढ़ाया जाएगा?

डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि भाजपा और एनडीए सरकार का लक्ष्य है कि बिहार को नशामुक्त और विकसित राज्य बनाया जाए, जबकि विपक्षी दल जातिगत समीकरण साधने के लिए समाज को बांटने और भटकाने का काम कर रहे हैं. सम्राट चौधरी ने जोर देकर कहा कि बिहार की जनता अब ऐसे बहकावे में आने वाली नहीं है और आने वाले चुनावों में इसका जवाब देगी. तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सम्राट चौधरी ने इसे “राजनीतिक दिवालियापन” करार दिया और कहा कि लालू परिवार की राजनीति अब अपने अंत की ओर बढ़ रही है.

क्या तेजस्वी को मिलेगा पासी समाज का साथ?

बिहार में कुल 22 दलित समुदायों का वास है, जिनमें पासी समुदाय भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. हालांकि दलितों की कुल आबादी राज्य में लगभग 20% है, लेकिन पासी समुदाय की हिस्सेदारी महज करीब 1% के आसपास है. बावजूद इसके, पासी समाज ने बिहार की राजनीति में हमेशा से सक्रिय भूमिका निभाई है.

इतनी कम जनसंख्या के बावजूद पासी समुदाय ने कई बड़े नेता दिए हैं, जिन्होंने अपनी मजबूत राजनीतिक पहचान स्थापित की है. अब सवाल उठता है कि तेजस्वी यादव को पासी समाज का समर्थन मिलेगा या नहीं. तेजस्वी द्वारा हाल ही में पासी समाज से जुड़े मुद्दों को उठाने और ताड़ी को शराबबंदी से मुक्त करने की घोषणा के बाद इस समुदाय में हलचल तेज हो गई है.

हालांकि, यह भी तय है कि सिर्फ घोषणाओं से पासी समाज का समर्थन पाना आसान नहीं होगा. उन्हें विश्वास में लेने के लिए ठोस कदम और भरोसेमंद नीतियों की जरूरत होगी. बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में पासी समुदाय का रुख काफी हद तक आगामी चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है.

नितिन नवीन ने भी लालू परिवार और राजद पर बोला हमला

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बाद अब भाजपा नेता और बिहार सरकार में मंत्री नितिन नवीन (Nitin Navin) ने भी राजद और लालू परिवार पर जोरदार हमला बोला है. नितिन नवीन ने कहा कि पासी समाज का सबसे ज्यादा शोषण राजद के शासनकाल में हुआ था. उन्होंने आरोप लगाया कि राजद सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए समाज के अलग-अलग वर्गों को गुमराह कर रहा है.

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारेबाजी के विवाद पर भी नितिन नवीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए हमले के बाद राजद नेताओं का घड़ियाली आंसू बहाना दोहरे चरित्र को दिखाता है. नितिन नवीन ने आरोप लगाया कि जिनकी वजह से मासूमों की हत्या हुई, उन्हीं के समर्थन में नारे लगाए जा रहे हैं. यह सीधे तौर पर देश का अपमान है और जनता इन्हें जरूर सबक सिखाएगी. उन्होंने मांग की कि ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह और देश विरोधी गतिविधियों के तहत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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