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क्या वक्फ बिल का मुद्दा भी होगा बिहार चुनाव में, राज्य के नेताओं ने कही ये बात
क्या वक्फ बिल का मुद्दा भी होगा बिहार चुनाव में, राज्य के नेताओं ने कही ये बात
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, April 2, 2025
Last Updated On: Wednesday, April 2, 2025
संसद में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 (Waqf Amendment Bill, 2024) पेश किया गया. केंद्र सरकार की ओर से मंत्रियों ने इसकी जरूरत और खूबियां बताईं. सरकार में शामिल दलों ने उसी सुर में बात की. विपक्षी दलों के नेताओं को इस विधेयक में केवल और केवल खामियां ही नजर आ रही हैं. ऐसे में बिहार के लिए बड़ा सवाल है कि कुछ महीने बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में क्या इसको लेकर चुनावी मंचों से नेताओं के व्यंग्य-वाण चलेंगे ? अल्पसंख्यक समुदाय के लिए यह अहम मुद्दा होगा ? इस पर राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी राय दी है.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Wednesday, April 2, 2025
बिहार में मुस्लिम वोट बैंक काफी अहम है और वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 (Waqf Amendment Bill, 2024) का मुद्दा इस चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. यह विधेयक आगामी बिहार चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. BJP जहां इसे सुधारात्मक कदम बता रही है, वहीं विपक्षी दल इसे ध्रुवीकरण की राजनीति से जोड़ रहे हैं. अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और जनता का इस पर क्या रुख होता है ?
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं का कहना है कि वक्फ संपत्तियों को लेकर वर्षों से चली आ रही अनियमितताओं को दूर करने के लिए यह बिल आवश्यक है. बिहार भाजपा अध्यक्ष की ओर से कहा गया है कि यह विधेयक पारदर्शिता लाने और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया है। विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जनता सच्चाई जानती है. भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने इसका समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को और अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाएगा तथा इससे किसी को कोई खतरा नहीं होगा. शाहनवाज हुसैन ने कहा, “इस विधेयक में महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा, जिससे वे भी वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अपनी भूमिका निभा सकेंगी.” उन्होंने आगे कहा, “वक्फ संपत्तियां गरीबों और अनाथों के लिए होती हैं, लेकिन अब तक उनका लाभ कोई और ले रहा था. इस विधेयक से ऐसे लोगों के हक जरूर छिनेंगे और वक्फ की संपत्तियों का सही लाभ आम मुसलमानों तक पहुंचेगा.” भाजपा नेता ने विपक्ष के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि विधेयक पारित होकर रहेगा और इससे वक्फ संपत्तियों की हिफाजत और उनके सही उपयोग को सुनिश्चित किया जाएगा.
वक्फ में केवल मुकदमेबाजी, समाज के लिए कोई काम नहीं : राज्यपाल
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill, 2024) को लेकर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग नहीं हो रहा और इस पर कुछ प्रभावशाली लोगों का कब्जा बना हुआ है, जिससे गरीबों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, “जब मैं उत्तर प्रदेश में मंत्री था, तब वक्फ विभाग मेरे पास था. वहां 90% मामले केवल मुकदमों से जुड़े थे, विकास कार्य बिल्कुल नहीं हो रहे थे.” उन्होंने मथुरा का उदाहरण देते हुए कहा, “मथुरा में जितने वक्फ हैं, उनमें समाज के लिए कोई काम नहीं हो रहा। कई संपत्तियों पर एक से अधिक मुकदमे चल रहे हैं, जिसका समाधान होना चाहिए.” राज्यपाल ने जोर देते हुए कहा, “वक्फ संपत्तियों का असली हकदार समाज के गरीब और जरूरतमंद लोग हैं, लेकिन आज इन पर बड़े और प्रभावशाली लोगों का कब्जा है. गरीबों तक इसका लाभ पहुंच ही नहीं रहा.”
जेडीयू नेता ने कही ये बात
जदयू नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है और यह मुस्लिम विरोधी नहीं है- ललन सिंह ने कहा, “चर्चा की शुरुआत से ही ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे यह विधेयक मुस्लिम विरोधी है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. वक्फ एक तरह का ट्रस्ट है, जो मुसलमानों के हित में काम करने के लिए बनाया गया है. यह कोई धार्मिक संस्था नहीं है.” उन्होंने आगे कहा कि ट्रस्ट को मुसलमानों के सभी वर्गों के साथ न्याय करने का अधिकार होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इसके बजाय, इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है.
आरजेडी ने जताई आपत्ति
राजद (RJD) ने इस विधेयक पर नाराजगी जताई है। राजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह विधेयक समुदाय विशेष के खिलाफ लाया गया है. सरकार को बिना किसी भेदभाव के सभी धार्मिक संपत्तियों पर समान कानून लागू करना चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए अपने सांसदों को विधेयक के खिलाफ वोट देने का निर्देश दिया है. राजद ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और युवा नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व, निर्देश और सलाह पर लिया गया है. पार्टी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे इस विधेयक के विरोध में मतदान करें. राजद ने इस फैसले को अल्पसंख्यकों के हित में बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल हमेशा से अल्पसंख्यकों के अधिकारों और हक की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहा है.