निजी क्षेत्र में आरक्षण (Reservation in Private Sector) : पहले ‘हां’ और अब हो गया ‘ना’
निजी क्षेत्र में आरक्षण (Reservation in Private Sector) : पहले ‘हां’ और अब हो गया ‘ना’
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, July 18, 2024
Updated On: Thursday, July 18, 2024
कर्नाटक सरकार ने निजी क्षेत्र में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण पर मसौदा विधेयक पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। हालांकि, राज्य के मंत्री प्रियांक खरगे ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक को पूरी तरह से वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार स्थानीय निवासियों को अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने सरकार के इस कदम पर आलोचना की है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Thursday, July 18, 2024
पूरी तरह से जातिगत हो चुकी राजनीति और समुदाय विशेष की तुष्टिकरण के कारण कर्नाटक सरकार ने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण करने का निर्णय लिया। राज्य सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से विरोध की आवाज बुलंद हुई तो कर्नाटक सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बैकफुट पर आना पड़ा।
सोमवार को कर्नाटक ने दी थी मंजूरी
कर्नाटक सरकार ने निजी फर्मों में कन्नड़ लोगों के लिए 100% आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी । इस विधेयक को सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिली । इसमें निजी क्षेत्र में 50% पदों के लिए प्रबंधन संबंधी आरक्षण का प्रावधान है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Karnataka Chief Minister Siddaramaiah) ने इस फैसले को समर्थन दिया और बताया कि सरकार का लक्ष्य कन्नड़ लोगों के कल्याण में है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक से कन्नड़ समुदाय (Kannada Community) को निजी क्षेत्र में अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस फैसले से सरकार ने कन्नड़ समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो राज्य के विकास और समृद्धि में उनकी भूमिका को मजबूत करेगा।
कर्नाटक सरकार ने मंत्री ने कही दोबारा विचार करने की बात
राज्य के मंत्री दिनेश गुंडू राव और मंत्री जी. परमेश्वर ने कर्नाटक में निजी क्षेत्र में आरक्षण के संबंध में दिए गए बयानों में सरकार की नीति पर पुनर्विचार और परामर्श की आवश्यकता पर जोर दिया है।
मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, “मुख्यमंत्री ने कुछ फीडबैक के आधार पर एक बयान दिया है। हम इस पर फिर से विचार करेंगे। हम जो कुछ भी करना चाहते हैं, वह हमारे लोगों के हित में है।”
मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, “कुछ परामर्श करने की जरूरत है। हम सभी से परामर्श करने के बाद फिर फैसला लेने की कोशिश कर रहे हैं।”
भाजपा (BJP) ने जमकर हमला बोला
कनार्टक सरकार द्वारा निजी क्षेत्रों में आरक्षण के निर्णय आते ही भारतीय जनता पार्टी की ओर से विरोध किया गया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कर्नाटक के लोगों के हितों की रक्षा को लेकर गंभीर हैं। इतने सारे घोटाले हो रहे हैं। वे ध्यान भटकाने की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बताता है कि मुख्यमंत्री गंभीर नहीं हैं। मैं मुख्यमंत्री से सभी को भरोसे में लेने और विधेयक को वापस लाने का आग्रह करता हूं।”
बी वाई विजयेंद्र ने ‘एक्स’ पर पूछा, “आप कर्नाटक के लोगों को रोजगार देने के लिए विधेयक क्यों लाए? आपने इस पर रोक क्यों लगाई? कर्नाटक के लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ क्यों? क्या आपको अपमान करने के लिए कर्नाटक के लोगों की आवश्यकता है? सरकार को कर्नाटक के लोगों के लिए (निजी क्षेत्र की) नौकरियों में आरक्षण के लिए विधेयक पेश करना चाहिए। विधेयक से ग्रामीण इलाकों में उन लाखों बेरोजगार लोगों में उम्मीद जगी है, अपनी योग्यता के बावजूद नौकरी के अवसरों से वंचित हैं। वरना कर्नाटक के लोगों के गुस्से का सामना करने के लिए तैयार रहें।”
विजयेंद्र ने विधेयक को रोकने की निंदा की और इसे कायरतापूर्ण फैसला करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे कर्नाटक के लोगों का अपमान हुआ। इस विधेयक का मकसद कन्नड़ लोगों को रोजगार प्रदान करना है।
यह भी पढ़ें
news via inbox
समाचार जगत की हर खबर, सीधे आपके इनबॉक्स में - आज ही हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें।